कोरबा : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर हसदेव अरण्य को लेकर राजनीति शुरु हो गई है. खनन के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है.जिसके खिलाफ आदिवासियों ने आवाज उठाई है. वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज हसदेव अरण्य क्षेत्र में चल रहे आंदोलन में शामिल हुए. दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद पेड़ों की कटाई शुरु हुई है.बीजेपी जंगलों को काटकर इसकी जमीन उद्योगपति को देना चाहती है. वहां बसे आदिवासियों को बेदखल करने का काम किया जा रहा है. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जा रही है.
प्रदेश भर में आक्रोश, टीएस ने कहा दूसरों को दिया जाए अवसर : दीपक बैज के मुताबिक हसदेव अरण्य क्षेत्र में हो रही जंगलों की कटाई को लेकर आदिवासियों और वनवासियों में बेहद आक्रोश है. पूरे प्रदेश में इसे लेकर विरोध चल रहा है. वहां के प्रभावितों से भी मिलकर आंदोलन को तेज किया जाएगा. इस मामले में कांग्रेस की ओर से गठित जांच कमेटी में टीएस सिंहदेव का नाम नहीं है. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए बैज ने कहा कि बाबा ने खुद ही अनुरोध किया था कि मैं वहां जा चुका हूं, प्रभावितों से लगातार संपर्क में हूं. इसलिए और नेताओं को अवसर मिलना चाहिए.हमारी उनसे बात हुई है.
निलंबित पूर्व विधायकों की लोकसभा तक वापसी नहीं : दीपक बैज के मुताबिक छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिन्होंने अनुशासनहीनता की थी. उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है. जिन पूर्व विधायकों को भी निलंबित किया गया है या जिनके विरुद्ध भी कार्रवाई हुई है. वह आगे यदि ठीक तरह से रहते हैं. तब तो ठीक है, यदि नहीं तो उनकी वापसी पर कोई विचार नहीं किया जाएगा. फिलहाल लोकसभा तक किसी भी तरह के निलंबन को वापस नहीं लिया जाएगा. आगे उनके आचरण के हिसाब से निर्णय होगा.
राम बीजेपी के लिए सिर्फ वोट बैंक : दीपक बैज ने लोकसभा चुनाव को लेकर भी बीजेपी को निशाने पर लिया. बैज की माने तो बीजेपी के पास श्रीराम के अलावा और कोई मुद्दा नहीं है. महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी पर वह बात नहीं करते. वह सिर्फ और सिर्फ राम के नाम पर वोट मांगना चाहते हैं. यह बातें जनता समझ चुकी है. राम केवल बीजेपी के नहीं हैं. राम के प्रति सबकी आस्था है और श्री राम के नाम पर वोट मांगना बीजेपी की पुरानी आदत है.
क्यों हसदेव अरण्य को लेकर हो रहा विरोध : राजस्थान राज्य विद्दयुत निगम लिमिटेड के साथ अडाणी की कंपनी ने अनुबंध किया है. जिसके तहत अडाणी को छत्तीसगढ़ में आबंटित कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई की जा रही है. जिसके विरोध में हसदेव बचाओ आंदोलन चलाया जा रहा है. हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई और कोल उत्खनन को लेकर स्थानीय ग्रामीण 675 दिनों आंदोलनरत हैं. ग्रामीणों की मांग है कि 1 लाख 72 हजार हेक्टेयर में फैले हसदेव अरण्य क्षेत्र को पूर्ण रूप से सुरक्षित कर पेड़ों की कटाई और कोल उत्खनन का काम बंद किया जाए.