कोरबाः शहर के बीचोंबीच स्थित अशोक वाटिका के दिन अब बदलने वाले हैं. वर्षों से वीरान रहने के बाद आखिरकार सरकार ने अशोक वाटिका की सुध ले ली है. अब इसे शहर के ऑक्सीजोन (oxizone) के तौर पर विकसित किया जाएगा. कोरोना काल के बाद सरकार के साथ ही आम लोग भी अब ऑक्सीजन का महत्व समझ रहे हैं. ऐसी योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सके. अशोक वाटिका के विकास के लिए 9 करोड़ 72 लाख रुपये का फंड डीएमएस मद से स्वीकृत किया गया है.
पर्यटन के साथ ही सेहत की दिशा में भी होगा काम
अशोकवाटिका टीपी नगर के करीब नगर निगम के कार्यशाला के समीप स्थित है. कहने को तो यह वन विभाग की वाटिका है, लेकिन स्थापना के बाद से ही यहां कोई खास काम नहीं हुआ. यहां पर्याप्त स्थान जरूर है, लेकिन इसका उपयोग अब तक नहीं हुआ था. अपने कोरबा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अशोक वाटिका के उन्नयन की घोषणा की थी. सीएम की घोषणा के बाद अब यहां पर्यटन के दृष्टिकोण से कई तरह के विकास कार्य कराए जा रहे हैं. साइकिलिंग ट्रैक के साथ ही ऐसे कई तरह के काम होंगे, जिससे लोग यहां आकर अपनी सेहत को सुधार सकेंगे.
इस तरह की सुविधाएं मिलेंगी
टॉय ट्रेन, साइकिलिंग ट्रैक, पार्किंग एरिया, पाथवे निर्माण, फूड जोन कैफिटेरिया, लॉन एरिया, लेजर फाउंटेंन, हर्बल गार्डन, रीडिंग जोन, रिलैक्सिंग एरिया, योगा एरिया, हैल्थ चौपाटी सेंटर, वाटर बॉडी एरिया और एडमिन ब्लॉक.
कार्यक्रम के लिए स्थान आरक्षित, मिलेगी बेहतर सुविधा
हाल ही में कलेक्टर रानू साहू ने अशोक वाटिका का निरीक्षण भी किया था. इसको लेकर विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की जा चुकी है. कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप ही अशोकवाटिका का विकास किया जा रहा है. जल्द ही शहरवासियों को एक बेहतर मनोरंजन का विकल्प भी मिलेगा.