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कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण का खतरा, इधर कोरबा में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी पद खाली

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (second wave of corona infection) के साथ ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (third wave of corona infection) आने की चेतावनी जारी कर दी गई है. तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा संक्रमण का खतरा बताया गया है. इसे देखते हुए कोरबा जिला प्रशासन (Korba District Administration) ने तैयारी पूरा करने का दावा किया है. हालांकि हकीकत इसके विपरीत है. जिले में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी पद खाली हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के स्वीकृत सभी 8 पद तो पिछले कई साल से खाली हैं. जिला खनिज न्यास मद से संविदा आधार पर दो शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है. जिला प्रशासन उधार के दो डॉक्टरों के भरोसे कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने का दावा कर रहा है. ऐसे में जानकारों का कहना अगर सही साबित होता है, तो फिर जिले के बच्चे भगवान भरोसे ही हैं.

All posts of child doctor are vacant in Korba
कोरबा में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी पद खाली
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Published : Jun 7, 2021, 11:53 AM IST

Updated : Jun 7, 2021, 12:38 PM IST

कोरबा: कोरोना की दूसरी लहर अब नरम पड़ रही है. बात करें जिले की, तो अब रोज पाए जाने वाले नए संक्रमितों की संख्या 2 अंकों तक सिमट चुकी है. हालांकि कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई जानकार दे चुके हैं. तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा संक्रमण का खतरा बताया गया है. इसे देखते हुए कोरबा जिला प्रशासन (Korba District Administration) तैयारी पूरे करने का दावा कर रहा है. विभाग भी जानकारों के रिसर्च पर काम कर रहा है. वहीं जिला प्रशासन के दावे और हकीकत में काफी अंतर है. विडंबना यह है कि जिले में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी नियमित पद खाली हैं.

कोरबा में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी पद खाली

दूसरी लहर में 14 फीसदी बच्चे संक्रमित

कोरबा मेडिकल कॉलेज (Korba Medical College) के मुताबिक, तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है. जिसमें बच्चे और किशोर अधिक संख्या में संक्रमित होंगे. खतरा इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि दूसरी लहर में जिले में करीब 1 से 17 साल तक की उम्र के बच्चे काफी तादाद में संक्रमित हुए हैं. कुल संक्रमितों में इनकी तादाद 14 फीसदी है. हालांकि बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम बुजुर्गों से ज्यादा मजबूत होता है. इस वजह से कोई मौत नहीं हुई.

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कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 8 पद कई साल से खाली

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के स्वीकृत सभी 8 पद सालों से खाली हैं. जिला खनिज न्यास मद से संविदा के आधार पर दो शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है. इनके भरोसे ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु रोग विशेषज्ञ विभाग काम कर रहा है. ऐसे में जानकारों द्वारा तीसरी लहर के संबंध में व्यक्त की गई संभावना सच होती है, तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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स्वास्थ्य विभाग ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की बुलाई बैठक

हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर के लिए तैयारी शुरू कर दी है. कुछ दिन पहले जिले के भीतर काम कर रहे निजी शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की बैठक बुलाई गई थी. सरकारी विभाग में इसकी कमी होने की स्थिति में निजी डॉक्टरों से ही काम लेना पड़ेगा. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने निजी चिकित्सकों से चर्चा की है. एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है, जो सामंजस्य बिठाकर सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे. राज्य शासन ने भी तीसरी लहर के लिए अस्पतालों में बच्चों के इलाज के सुविधा विकसित किए जाने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी है. उपलब्ध बेड, मशीन के अलावा इलाज के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाओं की जानकारी मांगी गई है.

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कोरबा में चाइल्ड कोविड हॉस्पिटल की होगी स्थापना

जिला अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बरकरार है. हालांकि तीसरी लहर से लड़ाई के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की शुरुआत भी की गई है. इसके लिए जिला कोविड अस्पताल को चाइल्ड कोविड हॉस्पिटल (Child Covid Hospital) में बदलने की तैयारी की जा रही है. ब्लॉक स्तर पर भी 20-20 बेड के अस्पताल खोले जाएंगे. पाली में इसकी घोषणा की गई है. वर्तमान में जिले के कोविड अस्पताल में 84 बेड हैं. जहां कुछ मरीज अभी भर्ती भी हैं. हालांकि फिलहाल इसे पूरी तरह से परिवर्तित नहीं किया गया है, लेकिन यदि बच्चे संक्रमित पाए जाते हैं, तो इसे पूरी तरह से चाइल्ड कोविड हॉस्पिटल बनाया जाएगा.

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी

कोरबा स्वास्थ्य विभाग डीपीएम पद्माकर शिंदे ने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारी तैयारी चल रही है. शुरू में जब कटघोरा में कोरोना संक्रमण फैला था, तब भी हमने अच्छे से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. अभी भी पूरी तैयारी के साथ हम कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं. तीसरी लहर से निपटने के लिए हॉस्पिटलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है.

कोरबा: कोरोना की दूसरी लहर अब नरम पड़ रही है. बात करें जिले की, तो अब रोज पाए जाने वाले नए संक्रमितों की संख्या 2 अंकों तक सिमट चुकी है. हालांकि कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई जानकार दे चुके हैं. तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा संक्रमण का खतरा बताया गया है. इसे देखते हुए कोरबा जिला प्रशासन (Korba District Administration) तैयारी पूरे करने का दावा कर रहा है. विभाग भी जानकारों के रिसर्च पर काम कर रहा है. वहीं जिला प्रशासन के दावे और हकीकत में काफी अंतर है. विडंबना यह है कि जिले में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी नियमित पद खाली हैं.

कोरबा में शिशु रोग विशेषज्ञ के सभी पद खाली

दूसरी लहर में 14 फीसदी बच्चे संक्रमित

कोरबा मेडिकल कॉलेज (Korba Medical College) के मुताबिक, तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है. जिसमें बच्चे और किशोर अधिक संख्या में संक्रमित होंगे. खतरा इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि दूसरी लहर में जिले में करीब 1 से 17 साल तक की उम्र के बच्चे काफी तादाद में संक्रमित हुए हैं. कुल संक्रमितों में इनकी तादाद 14 फीसदी है. हालांकि बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम बुजुर्गों से ज्यादा मजबूत होता है. इस वजह से कोई मौत नहीं हुई.

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कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 8 पद कई साल से खाली

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के स्वीकृत सभी 8 पद सालों से खाली हैं. जिला खनिज न्यास मद से संविदा के आधार पर दो शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है. इनके भरोसे ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु रोग विशेषज्ञ विभाग काम कर रहा है. ऐसे में जानकारों द्वारा तीसरी लहर के संबंध में व्यक्त की गई संभावना सच होती है, तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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स्वास्थ्य विभाग ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की बुलाई बैठक

हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर के लिए तैयारी शुरू कर दी है. कुछ दिन पहले जिले के भीतर काम कर रहे निजी शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की बैठक बुलाई गई थी. सरकारी विभाग में इसकी कमी होने की स्थिति में निजी डॉक्टरों से ही काम लेना पड़ेगा. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने निजी चिकित्सकों से चर्चा की है. एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है, जो सामंजस्य बिठाकर सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे. राज्य शासन ने भी तीसरी लहर के लिए अस्पतालों में बच्चों के इलाज के सुविधा विकसित किए जाने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी है. उपलब्ध बेड, मशीन के अलावा इलाज के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाओं की जानकारी मांगी गई है.

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कोरबा में चाइल्ड कोविड हॉस्पिटल की होगी स्थापना

जिला अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बरकरार है. हालांकि तीसरी लहर से लड़ाई के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की शुरुआत भी की गई है. इसके लिए जिला कोविड अस्पताल को चाइल्ड कोविड हॉस्पिटल (Child Covid Hospital) में बदलने की तैयारी की जा रही है. ब्लॉक स्तर पर भी 20-20 बेड के अस्पताल खोले जाएंगे. पाली में इसकी घोषणा की गई है. वर्तमान में जिले के कोविड अस्पताल में 84 बेड हैं. जहां कुछ मरीज अभी भर्ती भी हैं. हालांकि फिलहाल इसे पूरी तरह से परिवर्तित नहीं किया गया है, लेकिन यदि बच्चे संक्रमित पाए जाते हैं, तो इसे पूरी तरह से चाइल्ड कोविड हॉस्पिटल बनाया जाएगा.

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी

कोरबा स्वास्थ्य विभाग डीपीएम पद्माकर शिंदे ने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारी तैयारी चल रही है. शुरू में जब कटघोरा में कोरोना संक्रमण फैला था, तब भी हमने अच्छे से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. अभी भी पूरी तैयारी के साथ हम कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं. तीसरी लहर से निपटने के लिए हॉस्पिटलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है.

Last Updated : Jun 7, 2021, 12:38 PM IST
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