कोरबा: अवैध रेत उत्खनन के साथ ही रेत माफियाओं से परेशान होकर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है. जिले में ऐसे सभी स्थान जहां से अवैध रूप से रेत की निकासी होती है, उन सभी को वैधता प्रदान करने की तैयारी की जा रही है. ऐसे सभी अवैध रेत घाटों को वैध करने के लिए कलेक्टर ने तैयारी शुरू कर दी है. जिन अवैध स्थानों से रेत की निकासी होती है. उन रेत घाटों को प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत आवंटित कर नीलामी की भी तैयारी शुरू की जा रही है.
28 स्थानों की सर्वे रिपोर्ट तलब
कलेक्टर किरण कौशल ने जिले में अवैध रेत निकासी वाली 28 जगहों की सर्वे रिपोर्ट सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों से मांगी है. कलेक्टर ने रेत के अवैध व्यापार पर लगाम कसने के लिए इन अवैध रेत घाटों को शासकीय नियमों के तहत नीलाम कर राजस्व बढ़ाने की भी तैयारी करने के निर्देश खनिज विभाग के अधिकारियों को दे दिए हैं. इसके साथ ही समय सीमा की बैठक में रेत निकासी के अवैध घाटों और स्थानों की जानकारी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों और खनिज विभाग के अधिकारियों से ली गई.
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इन जगहों पर हो रहा अवैध रेत खनन
अधिकारियों ने जिले में 28 जगहों पर अवैध रूप से रेत खनन होना चिन्हांकित किया है. कोरबा तहसील में छह, नगर निगम क्षेत्र में छह, कटघोरा विकासखण्ड में चार, करतला विकासखंड में दो, पाली विकासखंड में चार और पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड में छह जगहों पर अवैध रेत खनन चिन्हांकित किया गया है. इन सभी जगहों का सर्वे कराकर वास्तविक नक्शा, खसरा, बी-1 और रेत उपलब्धता संबंधी अनुमानित प्रतिवेदन कलेक्टर ने एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए हैं.
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सीमांकन करने के भी निर्देश
कलेक्टर किरण कौशल ने इन सभी जगहों का सीमांकन भी करने के निर्देश बैठक में दिए हैं. समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि व्यावसायिक तौर पर उपयुक्त पाए जाने पर ऐसे सभी अवैध रेत घाटों का सीमांकन कराकर उनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाए. उन्होंने कहा कि अवैध रेत घाटों की नीलामी से एक ओर जहां रेत का अवैध उत्खनन और उससे होने वाली परेशानियां खत्म होंगी, वहीं दूसरी और रेत घाटों से शासन को राजस्व भी मिलेगा. अवैध रेत घाटों के शासकीय तौर पर नीलाम हो जाने से जिले में रेत घाटोें की संख्या बढ़ेगी, जिससे रेत की उपलब्धता में भी बढ़ोतरी होगी और लोगों को कम दाम पर आसानी से निर्माण कार्यों के लिए रेत मिल सकेगी.