कोरबा: फर्जी चिटफंड कंपनी बनाकर जिले के 58 निवेशकों से 1 करोड़ रुपए से भी अधिक की ठगी करने वाले कौशिक दत्ता को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में 4 साल पहले पुलिस ने केस दर्ज किया था. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी. दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने अब जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया है.
डॉल्फिन इंफ्रा पावर प्रोजेक्ट नाम की चिटफंड कंपनी के खिलाफ कैलाश राम जांगड़े जो कि तुलसीनगर कोरबा के रहने वाले हैं ने 31 अक्टूबर 2015 को कोरबा के कोतवाली थाना में शिकायत की थी. इसमें उन्होंने पुलिस को बताया था कि डाल्फिन इन्फ्रा पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों ने कौशिक दत्ता और देबराज मित्रा की ओर से रकम दोगुना करने का प्रलोभन देकर 15 लाख रुपए जमा करवाया था. इसके बाद कंपनी बंद कर निवेशकों से ठगी कर आरोपी फरार हो गए थे.
58 निवेशकों से ठगी
प्रार्थी की रिपोर्ट पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. जांच के दौरान निवेशकों से मिले दस्तावेजों के आधार पर पता चला कि चिटफंड कंपनी ने कुल 58 पीड़ितों से करीबन एक करोड़ रुपये की ठगी की है. धोखाधड़ी के मामले में अपराध दर्ज करने के बाद पुलिस मध्य प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों में आरोपी की तलाश कर रही थी. बता दें कि चिटफंड का ये जाल कई राज्यों में फैला हुआ है.
कोलकाता से गिरफ्तार हुआ आरोपी
धोखाधड़ी करने वाले सभी आरोपी कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के दीगर प्रांत के रहने वाले हैं. आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने टीम बनाकर चौकी प्रभारी सीएसईबी जितेन्द्र सिंह यादव और आरक्षक देवनारायण कुर्रे को कोलकाता रवाना किया था. टीम ने लगभग एक सप्ताह तक कोलकाता में कैंप लगाकर और स्थानीय पुलिस की सहायता से आरोपी कौशिक दत्ता की तलाश की गई, जिसके बाद आरोपी को कोलकाता से गिरफ्तार करके कोरबा लाया गया. वहीं मामले के अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है.