कोंडागांवः कोरोना महामारी ने मजदूरों की रोजी-रोटी छीन ली है. वहीं दूसरे राज्य से लौटे मजदूरों को अधिक मजदूरी का लालच देकर शोषण करने का मामला सामने आया है. जिसमें मजदूरों ने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के समक्ष शिकायत की है. मजदूरी का लालच देकर शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से शोषण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. मजदूरों ने आरोप लगाया कि वेल्लु सेठ और रघुनंदन नाम के शख्स ने उनका शोषण किया है.
मैनुराम सलाम, सुनील कुमार दुग्गा, रमेश कुमार मंडावी, शामलाल दुग्गा, सनारू दुग्गा, रजनु पद्दा, सुखासिंह दुग्गा, मनीरा कौड़ो सभी भोंगापाल झाकरी के निवासी हैं. उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2018 में ग्राम उरन्दाबेड़ा निवासी गोलू कौड़ो और कोमलपुर तहसील कांकेर निवासी सलित कौड़ो मजदूरों को राजस्थान लेकर गए. उनको 9 हजार रुपये प्रतिमाह मजदूरी देने की बात कही गई थी.
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मजदूरी के नाम पर शोषण का लगाया आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग वेल्लु सेठ और रघुनन्दन के साथ 22 माह बोरगाड़ी में काम किए, इस दौरान वेल्लु सेठ हमारे रहने, खाने-पीने और अन्य दैनिक उपयोग की सामाग्रियों की भी व्यवस्था नहीं करता था. रात-दिन हम लोगों से काम करवाता था, जिससे हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
मजदूरी का नहीं मिल रहा था पैसा
ग्रामीणों ने बताया कि मजदूरी मांगने पर उन्हें टरकाया जाता था. समय पर उन्हें उनकी मजदूरी के पैसे नहीं दिए गए. उसके बाद पूरे देश में लॉकडाउन लग गया. वहीं जब मजदूर अपना पैसा फिर से मांगने पहुंचे तो वेल्लु सेठ ने मजदूरी देने साफ मना कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि जब हम 2020 रक्षाबंधन त्यौहार के समय घर वापस आने लगे तो रघुनन्दन और वेल्लू सेठ ने हम लोगों के लिए गाड़ी की व्यवस्था करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को केवल 7-7 हजार रूपये दिया.
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मजदूरों का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि गोलू कौड़ो, सलित, विरेन्द्र, वेल्लु और रघुनंदन ने हम लोगों को बस्तर का आदिवासी मजदूर जानकर अधिक मजदूरी देने का लालच देकर हमारा शारिरीक, आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया है. जिसको लेकर मजदूरों ने सभी लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उचित कार्रवाई की मांग की है.