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जारी है किसानों का प्रदर्शन, 36 उपार्जन केंद्रों में जड़ा ताला

कोंडागांव में किसानों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए 36 धान खरीदी केंद्रों में ताला जड़ दिया है.

धान खरीदी केंद्रों में जड़ा ताला
धान खरीदी केंद्रों में जड़ा ताला
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Published : Dec 10, 2019, 8:48 AM IST

Updated : Dec 10, 2019, 12:31 PM IST

कोंडागांव: धान खरीदी के सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव के बाद किसानों में आक्रोश है. इसे लेकर किसानों ने विद्रोह कर दिया है और धान खरीदी केंद्र पर ताला जड़ते हुए धरने पर बैठ गए हैं. सोमवार को जिले के 44 खरीदी केंद्रों में गिरोला, बाफना समेत 36 खरीदी केंद्र बंद रहे. वहीं 8 खरीदी केंद्रों पर महज 1439.6 क्विंटल धान खरीदी हुई है.

36 उपार्जन केंद्रों में जड़ा ताला

दरअसल, बीते दिन तक प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही थी. जिसे घटाकर अब आठ क्विंटल कर दी गई है. अचानक धान खरीदी के नियम में हुए उलटफेर से किशान परेशान हैं. किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने ETV भारत से बातचीत के दौरान कहा कि पहले सरकार ने 2500 समर्थन मूल्य की दर से 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब किसानों को 2500 समर्थन मूल्य के जगह मात्र 1835 रुपये दिया जा रहा है और अब सरकार प्रति एकड़ 15 क्विंटल पर कटौती करके मात्र 8 क्विंटल खरीदी की बात कह रही है. किसानों का कहना है कि सरकार यदि किसानों को इसी तरह गुमराह कर नीतियां बदलती रही तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे.

कोंडागांव: धान खरीदी के सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव के बाद किसानों में आक्रोश है. इसे लेकर किसानों ने विद्रोह कर दिया है और धान खरीदी केंद्र पर ताला जड़ते हुए धरने पर बैठ गए हैं. सोमवार को जिले के 44 खरीदी केंद्रों में गिरोला, बाफना समेत 36 खरीदी केंद्र बंद रहे. वहीं 8 खरीदी केंद्रों पर महज 1439.6 क्विंटल धान खरीदी हुई है.

36 उपार्जन केंद्रों में जड़ा ताला

दरअसल, बीते दिन तक प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही थी. जिसे घटाकर अब आठ क्विंटल कर दी गई है. अचानक धान खरीदी के नियम में हुए उलटफेर से किशान परेशान हैं. किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने ETV भारत से बातचीत के दौरान कहा कि पहले सरकार ने 2500 समर्थन मूल्य की दर से 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब किसानों को 2500 समर्थन मूल्य के जगह मात्र 1835 रुपये दिया जा रहा है और अब सरकार प्रति एकड़ 15 क्विंटल पर कटौती करके मात्र 8 क्विंटल खरीदी की बात कह रही है. किसानों का कहना है कि सरकार यदि किसानों को इसी तरह गुमराह कर नीतियां बदलती रही तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे.

Intro:आज जिले के 44 खरीदी केंद्रों में 36 खरीदी केंद्र बंद रहे, मात्र 8 खरीदी केंद्रों पर 1439.6 क्विंटल धान खरीदी हुई। कुल68 टोकन जारी हुआ।

चालू खरीदी केंद्र कांटागांव ,भंडार सिवनी ,माकड़ी, बडेराजपुर ,कोरगांव ,दहीकोंगा ,कीबई बालेगा, अमरावती।Body:प्रदेश के साथ जिले में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हुई। मौसम की मार झेलते जिले के किसान समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत होने से उत्साहित थे। अचानक धान खरीदी के नियम में हुए उलटफेर के चलते किसान आक्रोशित होने लगी।आज किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। चुनावी घोषणा के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जिले के किसानों से 2500 रूपये समर्थन मूल्य की दर पर 88हजार4 सौ72 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की थी। तथा वर्ष 19-20 में 93हजार 5सौ69 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है।

जिले में स्थित 44 खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी की शुरुआत होने से धान की आवक होने लगी। देखते ही देखते सप्ताह भर के अंदर खरीदी केंद्रों से 7 दिसंबर तक 112783.20 क्विंटल धान की खरीदी हुई ।

9 दिसंबर जिले के खरीदी केंद्रों पर किसान जैसे धान लेकर पहुंचे तो खरीदी केंद्र प्रभारियों ने किसानों से प्रति एकड़ 8 कुंटल खरीदी करने, सॉफ्टवेयर में बदलाव होने की बात कहने पर किसानों में रोष उत्पन्न होने लगा। देखते ही देखते जिले के गिरोला, बाफना आदी 36 खरीदी केंद्रों पर खरीदी बंद रही । जिले के 8 खरीदी केंद्रों में 1439.6 क्विंटल धान की खरीदी हुई। किसानों द्वारा धान खरीदी के विरोध के चलते खरीदी केंद्रों पर तालाबंदी की नौबत आई।

बाइट_ किसान
बाइट_धान खरीदी केंद्र प्रभारी
पीटीसीConclusion:किसानों ने ETV भारत से कहा कि पहले सरकार ने 2500 समर्थन मूल्य की दर से 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की बात कही थी, अब किसानों को 2500 समर्थन मूल्य के जगह मात्र 1835 रूपये दिया जा रहा है। प्रति एकड़ 15 क्विंटल के स्थान पर कटौती करके मात्र 8 क्विंटल खरीदी की बात कही जा रही । सरकार यदि किसानों की धान खरीदी में इसी तरह लगातार किसानों को गुमराह करने नीतियां बदलती रही तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे।जब तक सरकारी खरीदी के नियमों में बदलाव नहीं होगा, विरोध में किसान सहकारी समितियों को धान बेचना बंद रखेंगे।
Last Updated : Dec 10, 2019, 12:31 PM IST
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