केशकाल/बड़ेराजपुर : कोंडागांव के बड़ेराजपुर ब्लॉक में एक किसान ने रकबे में भारी भरकम कटौती के कारण आत्महत्या कर ली है. किसान धनीराम मरकाम ने कर्ज और तनाव में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. जानकारी के अनुसार गिरदावरी रिपोर्ट में कई प्रकार की गलती की बात सामने आ रही है. इसके कारण किसान ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कार्रवाई करते हुए पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके आलावा कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने केशकाल एसडीएम दीनदयाल मंडावी से किसान आत्महत्या मामले में जानकारी मांगी है.
धनीराम मरकाम के पास 6.70 एकड़ के भूमि स्वामित्व का पट्टा था, जो की मारंगपुरी (बड़ेराजपुर) के पास का रहने वाला था. उसकी जमीन के मुताबिक 100 क्विटल धान का पंजीयन होना था. जब उसने अपने रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम को टोकन कटाने के लिए लेम्पस सलना भेजा तो उसे इस बात की जानकारी मिली कि वह 11 क्विंटल धान ही बेच सकेगा. उसने 61 हजार 932 रुपये का कर्ज बैंक से ले रखा है. इसके अलावा धनीराम ने व्यापारियों से भी कर्ज ले रखा था, जिसके चलते वह किसान तनाव में आ गया. बुधवार की सुबह खेत में फांसी लगा ली.
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मृतक किसान की पत्नी से सुनाई आप बीती
मृतक की पत्नी सुमित्रा बाई मरकाम ने बताया कि उनका भाई प्रेमलाल नेताम मंगलवार को लेम्पस सलना में टोकन कटवाने गया था, जहां उसे पट्टे के मुताबिक लगभग 100 क्विंटल धान का ही टोकन मिलना था. ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि उनके पास सिर्फ 11 क्विंटल धान के लायक ही पंजीयन है, बाकी रकबा पटवारी ने नहीं चढ़ाया है. धनीराम मरकाम पर काफी कर्ज था, तनाव में आकर उसने आत्महत्या कर ली. मृतक धनीराम की दो पुत्रियां लवेश्वरी (19) तथा कमलेश्वरी (17) हैं. वहीं बेटे की भी 4 साल पहले मौत हो चुकी है.
बड़ेराजपुर तहसीलदार एच.आर नायक ने बताया कि किसान धनीराम मरकाम के पास कुल 6.72 एकड़ जमीन है, जिसमें से उसने 6.54 एकड़ जमीन पर धान की फसल लगाया था. लगभग 93 क्विंटल तक धान खरीदी हो सकती थी, लेकिन गिरदावरी में पटवारी की गलती के कारण रिकॉर्ड में केवल 30 डिसमिल की ही एंट्री की गई, जिसके कारण उसके टोकन में केवल 11 क्विंटल का ही जिक्र हुआ. इस गड़बड़ी के सम्बंध में जांच की जाएगी.
आंकड़ों पर एक नजर
- नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कृषि क्षेत्र से जुड़ें 10 हजार 281 लोगों ने आत्महत्या की थी.
- इसमें 5 हजार 957 किसान और 4 हजार 324 खेतिहर मजदूर शामिल हैं.
- यह संख्या देश में 2019 के आत्महत्या के कुल 1 लाख 39 हजार 123 मामलों का 7.4 प्रतिशत है.
- इससे पहले 2018 में खेती किसानी करने वाले कुल 10 हजार 349 लोगों ने आत्महत्या की थी.
- यह संख्या उस साल के कुल आत्महत्या के मामलों का 7.7 प्रतिशत थी.