कोंडागांव: बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में कोंडागांव विधानसभा सीट काफी अहम है. ये सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. माना जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर संभाग की सीटों से ही तय की जाती है. यहां की 12 सीटों पर जिस भी पार्टी का वर्चस्व रहेगा, वही छत्तीसगढ़ में सत्ता पर काबिज होगा. साल 2003 और 2008 में बीजेपी की प्रत्याशी लता उसेंडी इस विधानसभा से विधायक रही हैं. साल 2013 और 2018 में कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन मरकाम इस सीट से जीत दर्ज करते आए हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने लता उसेंडी को टिकट दिया है और कांग्रेस ने भी इस सीट से मोहन मरकाम पर भरोसा जताया है. यानी कि इस बार भी इन दो दिग्गज नेताओं का आमना सामना होगा.
कोंडागांव विधानसभा सीट का समीकरण समझिए: कोंडागांव विधानसभा सीट एसटी सीट है. यहां करीब 60 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है. यहां यादव, देवांगन, साहू, कलार और सामान्य वर्ग के लोग भी हैं. इनकी आबादी लगभग 40 फीसद है. इस विधानसभा में प्रत्याशियों का फोकस ओबीसी वर्ग पर टिका होता है.
मतदाताओं की संख्या: कोंडागांव विधानसभा में मतदाताओं की संख्या करीब 176627 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 86124 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 90504 है. इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. वहीं, ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या लगभग 20 है.
कोंडागांव के लोगों की प्रमुख समस्याएं और मुद्दे: कोंडागांव विधानसभा सीट अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही अस्तित्व में रहा है. आज भी ये विधानसभा सीट मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है. यहां के लोग बीते तीन-चार दशकों से नक्सलवाद की मार झेल रहे हैं. यहां के निवासी आज भी सड़क, पानी, बिजली के लिए तरस रहे हैं. विधानसभा की सबसे बड़ी समस्या जिला मुख्यालय कोंडागांव में बन रहा बाईपास है, जो कि बीते कई सालों से लंबित है.
मक्का प्रोसेसिंग प्लांट और पानी की समस्या का नहीं हुआ समाधान: साल 2018 में कांग्रेस के सत्ता में वापसी के बाद जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर मक्का प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने की घोषणा की गई थी. हालांकि अब तक ये काम अटका हुआ है. जानकारों की मानें तो चुनाव से पहले मक्का प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होने की उम्मीद है. कोसारटेडा जलाशय से कोंडागांव मुख्यालय तक जल विस्तारीकरण के लिए पाइप लाइन बिछाने की योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. कोंडागांव विधानसभा में नल-जल विस्तार के लिए जल जीवन मिशन योजना ठेकेदारों और अधिकारियों के लिए चरागाह मात्र बना हुआ है. काम पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.
2018 विधानसभा चुनाव में कैसे नतीजे रहे: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कोंडागांव विधानसभा सीट पर 83.79 फीसद मतदान हुआ. इसमें कांग्रेस को 44.60 फीसद और भाजपा को 43.30 फीसद वोट मिले. कोंडागांव विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी मोहन मरकाम ने जीत दर्ज की. कांग्रेस को 61582 वोट मिले, जबकि भाजपा के लता उसेंडी को 59786 वोट मिले. कांग्रेस के मोहन मरकाम ने 1796 वोट से जीत दर्ज की थी.
यहां ओबीसी वर्ग ही किंग मेकर: कोंडागांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. हालांकि यहां ओबीसी एक बहुत बड़ा वर्ग है, जो किंग मेकर की भूमिका निभाते हैं. ओबीसी वर्ग में यादव और कलार समाज में लोगों की संख्या काफी अधिक है. इसके अलावा पटेल समाज, देवांगन समाज और साहू समाज के लोग भी चुनावी समीकरण बनाने में अहम रोल अदा करते हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी ओबीसी वर्ग के लोग मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. ये ही यहां किंग मेकर की भूमिका में हैं. कांग्रेस के मोहन मरकाम 2018 चुनाव में विजयी हुए.