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मौत के बाद धर्मपरिवर्तन की सजा! गांव के मुखिया ने महिला का शव दफनाने से रोका

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Published : Dec 15, 2021, 5:10 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 9:43 PM IST

कांकेर के कुलगांव पंचायत के आश्रित गांव गोवर्धन (Govardhan village Kulgaon Panchayat ) में एक महिला का शव (Dead body of converted woman) दफनाने से गांव के मुखिया ने रोक दिया. महिला के परिवार ने धर्म परिवर्तन किया था. वे हिंदू से ईसाई बने थे. गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. प्रशासन के समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.

Had to bear the brunt of conversion posthumously
गांव के मुखिया ने शव को दफनाने से रोका

कांकेरः छत्तीसगढ़ के कांकेर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां धर्मपरिवर्तन का खामियाजा एक महिला को मौत के बाद भुगतना पड़ रहा है. कुलगांव पंचायत के आश्रित गांव गोवर्धन (Kulgaon Panchayat Govardhan)के एक ईसाई परिवार में मृत महिला का शव रखा है. परिजन शव दफनाना चाहते हैं लेकिन गांव के मुखिया ने शव दफनाने से रोक दिया है. गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. प्रशासन के समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.

गांव के मुखिया ने शव को दफनाने से रोका

यह भी पढ़ेंः यहां एक हिंदू परिवार पलायन को मजबूर, जानें क्या है वजह...

बीमारी के बाद तोड़ा दम

मृत महिला के बेटे संग्राम उइके ने बताया कि मां की तबीयत खराब थी. मंगलवार शाम 6 बजे उसने दम तोड़ दिया. बुधवार को परिजन महिला का शव दफनाने चाहते थे लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया. मृत महिला के बेटे ने खुद की जमीन में शव दफनाने की कोशिश की, लेकिन उसे वहां भी शव दफनाने नहीं दिया गया.

गांव के मुखिया पर आरोप

मृत महिला के बेटे संग्राम उइके ने गांव के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाया हैै. उसका कहना है कि मुखिया ने उसे बुलाकर धमकी दी कि अगर मृतका का शव गांव में दफनाया तो अंजाम बुरा होगा.

आखिर शव दफनाने से क्यों रोका?

ये पूरा मामला धर्म परिवर्तन से जुड़ा हुआ है. ईसाई धर्म को अपनाने के कारण गांव में महिला के शव को दफनाने नहीं दिया जा रहा है. मृतका के बेटे का कहना है कि मसीह समाज में चला गया हूं, इसलिए गांव वालों ने पहले ही मुझे समाज से बाहर कर दिया है. लेकिन मैंने इसकी कहीं भी शिकायत नहीं की. आज मुझे मेरी मां का शव दफनाने नहीं दिया जा रहा है. इस बारे में मैंने पुलिस से लिखित शिकायत की है.

शिकायत में क्या कहा गया?

मृत महिला के बेटे संग्राम उईके ने पुलिस से लिखित शिकायत की है. उसने अपनी शिकायत में लिखा है कि '' मैं अपनी मां का अंतिम संस्कार करना चाहता हूं. अपनी निजी भूमि पर मां का शव दफनाना चाहता हूं लेकिन 4 लोग मुझे बुलाकर धमकी दे रहे हैं कि अपनी जमीन पर शव मत दफनाओ. तुम्हे समाज और गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है. इसके बाद भी शव को दफनाओगे तो अंजाम ठीक नहीं होगा. मेरे आगे पीछे कोई नहीं है. मैं अपनी के शव को कहां दफनाऊं.''

संग्राम उईके ने यह भी लिखा है कि,'' जो लोग मुझे धमकी दे रहे हैं, मुझे गांव और समाज से बहिष्कृत किए हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार की धमकी न दें और ना कोई अनुचित घटना घटे. पुलिस अब मृत महिला के बेटे संग्राम उईके की शिकायत की जांच में जुटी है.

गांव में नहीं जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में हुआ महिला का अंतिम संस्कार

गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. प्रशासन के समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.

कांकेरः छत्तीसगढ़ के कांकेर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां धर्मपरिवर्तन का खामियाजा एक महिला को मौत के बाद भुगतना पड़ रहा है. कुलगांव पंचायत के आश्रित गांव गोवर्धन (Kulgaon Panchayat Govardhan)के एक ईसाई परिवार में मृत महिला का शव रखा है. परिजन शव दफनाना चाहते हैं लेकिन गांव के मुखिया ने शव दफनाने से रोक दिया है. गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. प्रशासन के समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.

गांव के मुखिया ने शव को दफनाने से रोका

यह भी पढ़ेंः यहां एक हिंदू परिवार पलायन को मजबूर, जानें क्या है वजह...

बीमारी के बाद तोड़ा दम

मृत महिला के बेटे संग्राम उइके ने बताया कि मां की तबीयत खराब थी. मंगलवार शाम 6 बजे उसने दम तोड़ दिया. बुधवार को परिजन महिला का शव दफनाने चाहते थे लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया. मृत महिला के बेटे ने खुद की जमीन में शव दफनाने की कोशिश की, लेकिन उसे वहां भी शव दफनाने नहीं दिया गया.

गांव के मुखिया पर आरोप

मृत महिला के बेटे संग्राम उइके ने गांव के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाया हैै. उसका कहना है कि मुखिया ने उसे बुलाकर धमकी दी कि अगर मृतका का शव गांव में दफनाया तो अंजाम बुरा होगा.

आखिर शव दफनाने से क्यों रोका?

ये पूरा मामला धर्म परिवर्तन से जुड़ा हुआ है. ईसाई धर्म को अपनाने के कारण गांव में महिला के शव को दफनाने नहीं दिया जा रहा है. मृतका के बेटे का कहना है कि मसीह समाज में चला गया हूं, इसलिए गांव वालों ने पहले ही मुझे समाज से बाहर कर दिया है. लेकिन मैंने इसकी कहीं भी शिकायत नहीं की. आज मुझे मेरी मां का शव दफनाने नहीं दिया जा रहा है. इस बारे में मैंने पुलिस से लिखित शिकायत की है.

शिकायत में क्या कहा गया?

मृत महिला के बेटे संग्राम उईके ने पुलिस से लिखित शिकायत की है. उसने अपनी शिकायत में लिखा है कि '' मैं अपनी मां का अंतिम संस्कार करना चाहता हूं. अपनी निजी भूमि पर मां का शव दफनाना चाहता हूं लेकिन 4 लोग मुझे बुलाकर धमकी दे रहे हैं कि अपनी जमीन पर शव मत दफनाओ. तुम्हे समाज और गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है. इसके बाद भी शव को दफनाओगे तो अंजाम ठीक नहीं होगा. मेरे आगे पीछे कोई नहीं है. मैं अपनी के शव को कहां दफनाऊं.''

संग्राम उईके ने यह भी लिखा है कि,'' जो लोग मुझे धमकी दे रहे हैं, मुझे गांव और समाज से बहिष्कृत किए हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार की धमकी न दें और ना कोई अनुचित घटना घटे. पुलिस अब मृत महिला के बेटे संग्राम उईके की शिकायत की जांच में जुटी है.

गांव में नहीं जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में हुआ महिला का अंतिम संस्कार

गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. प्रशासन के समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.

Last Updated : Dec 15, 2021, 9:43 PM IST
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