कांकेर: 12 जनवरी को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर पप्पू ढाबा के पास धमतरी निवासी सुजीत बंजारे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. सुजीत के परिवार ने पुलिस शव के पंचनामा करने में और पुलिस सहायता केन्द्र नहीं होने से नाराजगी व्यक्त की थी. धमतरी निवासी तिलेश खूंटे ने कहा था कि "सभी जिलों में पुलिस सहायता केन्द्र है. कांकेर जिला अस्पताल में पुलिस सहायता केन्द्र नहीं है. जिला अस्पताल से कोतवाली थाने की दूरी भी अधिक है. शव का पंचनामा करने में पुलिस ने देरी की है. बार बार कोतवाली थाना जाना पड़ा. तब जाकर पुलिस ने पंचनामा किया. जिसकी वजह से शव का पोस्टमार्टम करने में 20 घंटे से ज्यादा का समय लगा
जानिए क्या था पूरा मामला: 12 जनवरी की शाम राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में पप्पू ढाबा के पास धमतरी से कोंडागाव मेडिकल सामाग्री पहुंचा. यहां लौट रहे धमतरी निवासी सुजीत की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. मोटर साइकिल सवार सुजीत को जगदलपुर की ओर जा रही तेज रफ्तार ट्रक ने अपनी चपेट में लिया. तेज रफतार ट्रक की चपेट में आने से सुजीत गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसे पुलिस पेट्रोलिंग टीम ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया.
गंभीर स्थिति होने के कारण उसे रायपुर रेफर किया जाना था, लेकिन जिला अस्पताल के डाक्टर्स ने बिना उसके परिवारवालों की मौजूदगी में उसे रेफर नहीं किया. जिससे सुजीत की जिला अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस ने शव का पंचनामा करने में देरी कर दी थी. जिससे शव के पोस्टमार्टम में 20 घंटों का समय लग गया था. जिला अस्पताल में पुलिस सहायता केन्द्र नहीं होने से स्वजनों ने पुलिस सहायता केन्द्र की मांग की थी.
परिवार की मांग को जिला प्रशासन से अवगत कराया था. कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने जल्द जिला अस्पताल में पुलिस सहायता केन्द्र शुरू करने आश्वासन दिया था. जिला कलेक्टर की तत्परता से जिला अस्पताल में पुलिस सहायता केन्द्र शुरू करवाया गया है. जिससे लोगों की सहायता के लिए अब 24 घंटे जिला अस्पताल में पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे.