कांकेर : शहर में इन दिनों जंगली जानवरों ने अपना कब्जा जमाया हुआ है. कई वार्डों के अंदर भालू दिनदहाड़े घूम रहे हैं.शनिवार सुबह माझापारा वार्ड में भी दो भालुओं को लोगों ने देखा.इसके बाद भालुओं की तस्वीरें मोबाइल में कैद की.वहीं दूसरी घटना नगर के आरएएस कॉलोनी की है. जहां दिनदहाड़े भालू मॉर्निंग वॉक कर रहा था.भालूओं के इस तरह बेखौफ शहर में घूमने के कारण लोगों में खौफ का माहौल है. दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जंगली क्षेत्र से सटे वार्ड में शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जाते हैं.
क्यों शहर में घूम रहे हैं भालू : गर्मी का मौसम आते ही फिर एक बार भोजन-पानी की तलाश में भालू नगर के गलियों में घूमते देखा जा रहा है. कांकेर नगर चारों तरफ से पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है. नगर के आस-पास के जंगलों में भालू की बहुतायत संख्या है. अक्सर भोजन पानी की तालाश में भालू जंगल से नगर की ओर आ जाते हैं. जंगलों में छोटे-छोटे डबरी जानवरों के लिए बनाए गए हैं.लेकिन भीषण गर्मी के कारण डबरियां सूख चुकी हैं.वहीं खाने के लिए भी भालुओं के लिए पर्याप्त चीजें जंगलों में नहीं हैं. लिहाजा अब शहर में घूमकर भोजन और पानी तलाशने के अलावा भालुओं के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.
जामवंत परियोजना हुई फेल : कांकेर नगर के आसपास शिवनगर-ठेलकाबोड के पहाड़ियों में 2014-2015 में 30 हजार हेक्टेयर भूमि भालुओं के लिए संरक्षित की गई थी. जिसका नाम जामवंत परियोजना रखा गया था. इस परियोजना के तहत अमरूद,बेर,जामुन जैसे फलदार वृक्ष लगाने थे. वन विभाग ने फलदार पौधे तो लगाए लेकिन कोई भी फल देने लायक नहीं बन पाया. जिसके कारण अब जंगली भालुओं को शहर की तरफ भोजन के लिए आना पड़ रहा है. रिहायशी क्षेत्रों में भालुओं के आने से लोगों में अक्सर दहशत का माहौल रहता है.