कांकेर: बस्तर (Bastar) से निकली संवैधानिक पदयात्रा (Sangwaidhanik padyatra) कांकेर पहुंची. इस दौरान लोगों की भारी भीड़ दिखी. तकरीबन 500 से अधिक ग्रामीणों (Villagers) ने 130 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया. ग्रामीण करीब 270 किलोमीटर पैदल चलकर रायपुर (Raipur) पहुंचेंगे और राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uikey) से मुलाकात करेंगे. इस दौरान ETV भारत ने पैदल सफर कर रहे ग्रामीणों से खास बातचीत की.
पिछले कई सालों से नगर पंचायत बस्तर (Nagar Panchayat Bastar )को ग्राम पंचायत (Gram panchayat) बनाने की मांग राज्यपाल(Governor), मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद विधायक से लेकर जिला-प्रशासन तक पत्र बार-बार अवगत कराते रहे हैं. लेकिन आज तक नगर पंचायत बस्तर को ग्राम पंचायत बनाने को लेकर कोई पहल नही की गई. वहीं, संघर्ष समिति के अध्यक्ष बुधराम बघेल ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने अनुसूचित क्षेत्र में नगर पालिका अधिनियम 1961(Municipality Act 1961) के तहत ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाते समय संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है .
बिना अनुमति नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाया गया
इन क्षेत्रों में राज्यपाल के बिना अनुमति से ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया है. नगर पंचायत बनाने के लिए 7 वार्ड के लोग सहमत नहीं है. नगर पंचायत बनाने के पूर्व ग्राम पंचायत को विधिवत रूप से ग्राम सभा को जानकारी नहीं दी गई. हड़बड़ी में ही ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया है. राज्यपाल के पास मांग करेंगे कि अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत परिवर्तन करने के संबंध में संविधानिक स्थिति के बारे में परिचर्चा करेंगे साथी अनुसूचित क्षेत्रों में पैसा कानून 196 लागू है. इसके तहत ग्राम सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं. ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने से वहां के लोग पेसा कानून के प्रावधानों से वंचित हो जाते हैं. अनुसूचित क्षेत्र में नगर पंचायतों अवैध तरीके से बनाया गया है. इन सभी बातों को लेकर हम राजभवन जा रहे हैं.
जानिए... बस्तर दशहरा की वो खास रस्म, जिसके बिना नहीं मिलती बस्तर दशहरा पर्व मनाने की अनुमति
अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा
आंदोलनकारी ने बताया कि 2017 से लगातार बस्तर नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाने की मांग की जा रही है. मुख्यमंत्री से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया है. लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं की गई. जिसकी वजह से ग्रामीणों को यह कदम उठाना पड़ा. साथ ही कहा कि बस्तर के 7 वार्डों के 500 ग्रामीणों ने अपने कुलदेवी की कसम खा रखी है. यह यात्रा निकली है. जब तक रायपुर के राजभवन में मांग पूरी नहीं होगी, वह आंदोलन करेंगे.
लंबे समय से चल रही है यात्रा
यात्रा लंबे समय से चल रही ग्रामीणों की मांग चाहे वर्षों लग जाए या फिर पीढ़ी ही क्यों न गुजर जाए. यह आंदोलन रायपुर के राजभवन में जारी रहेगा. इससे पहले भी ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर बस्तर के मुख्य मार्ग नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया था. उनका कहना है कि जिस तरीके से ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को सुविधा मिलती है, ऐसी सुविधा नगर पंचायत बनने के बाद देखने को नहीं मिल रही है. ना ही विकास कार्यों में तेजी आई है.