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कांकेर में संस्कृत भाषा की अलख जगा रही मुस्लिम शिक्षिका - संस्कृत भाषा

कांकेर की मुस्लिम शिक्षिका रूबी खान संस्कृत पढ़ाती हैं. वह विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा को सीखने समझने के लिए प्रेरित करती हैं. खास बात यह है कि रूबी खान को वेदों का भी अच्छा ज्ञान है.

Muslim teacher teaching Sanskrit language
संस्कृत भाषा की अलख जगा रही मुस्लिम शिक्षिका
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Published : Sep 5, 2022, 5:44 PM IST

कांकेर: हिंदु धर्म में सबसे प्रचीन मानी जाने वाली भाषा जो विलुप्त होने के कगार पर जा रही है. उसी संस्कृत भाषा को एक मुस्लिम शिक्षिका जीवित रखे हुए है. शीतला पारा में रहने वाली रूबी खान, एक मुस्लिम महिला होने के बावजूद उन्होंने संस्कृत भाषा में एमए किया. वह एक निजी स्कूल में संस्कृत शिक्षिका (Muslim teacher teaching Sanskrit language) के तौर पर काम कर रहीं हैं. साथ ही बच्चों को बखूबी संस्कृत भी पढ़ा रही हैं.

संस्कृत भाषा की अलख जगा रही मुस्लिम शिक्षिका

निंदा नहीं, करें सभी धर्मों का सम्मान: रूबी बचपन से ही वेद पुराणों को जानने की इच्छुक थीं. इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए संस्कृत को (teachers day 2022) चुना. रूबी खान कहती है कि "कोई भी धर्म ये नहीं सिखाता है कि किसी दूसरे की निंदा करो." उन्होंने आगे कहा कि "सबसे बड़ा है इंसानियत का धर्म. आप किस धर्म के हो, किस मजहब के हो, यह मायने नहीं रखता." उन्होंने यह भी कहा कि "सबसे पहले आप आपने धर्म को समझने की कोशिश करें. साथ ही दूसरे धर्म का सम्मान भी करें. वेदों में सब कुछ दिया हुआ है."
यह भी पढ़ें: कांकेर कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सेवा से किया बर्खास्त


बच्चों को मिलती है संस्कृत सीखने की प्रेरणा: रूबी कहती है कि "सुबह जब वह बच्चों से मिलती है तो उनसे नमो नमो के अभिवादन से बात करती हैं." वे बताती हैं कि "जब वो बच्चों को पढ़ाती हैं तो कई बच्चे मेरा नाम सुनकर आश्चर्य करते हैं. कई बच्चे मुझे देखकर प्रेरित भी होते हैं और संस्कृत सीखने आते हैं."

"संस्कृत भाषा नहीं, ज्ञान का खाजाना है": रूबी ने ETV भारत को बताया कि "संस्कृत वेदों की भाषा है. सारे वेद संस्कृत में लिखे हुए हैं. संस्कृत में ढेरों जानकरियां है. जितना पढ़ेंगे उतना जानकरी मिलेगी. मैं बच्चों को हमेशा बताती हूं कि संस्कृत भाषा नहीं, ज्ञान का खाजाना है." मेडिकल साइंस में भी चरक सहिंता को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कई बार जो आपरेशन होते हैं, उसको चरक संहिता के अनुसार करते हैं. 10वीं तक ही संस्कृति न पढ़े. बल्कि आगे भी अपनी पढ़ाई के साथ संस्कृत की जानकरी रखें."

संस्कृत और उर्दू भाषा में देती है शिक्षा: मेरा संस्कृत के ओर झुकाव मिडिल की पढ़ाई से रहा है. मेरी शिक्षक कहती थी "संस्कृत एक अच्छी भाषा है. उसी समय मैंने पढ़ना शुरू किया और आगे पढ़ते गई. मुझे उर्दू भी आती है. बच्चों को मैं अभी पैराडाइज स्कूल में पिछले 6 सालो से संस्कृत पढा रही हूं. इससे पहले मैंने मदरसे में उर्दू भी पढ़ाया है.

कांकेर: हिंदु धर्म में सबसे प्रचीन मानी जाने वाली भाषा जो विलुप्त होने के कगार पर जा रही है. उसी संस्कृत भाषा को एक मुस्लिम शिक्षिका जीवित रखे हुए है. शीतला पारा में रहने वाली रूबी खान, एक मुस्लिम महिला होने के बावजूद उन्होंने संस्कृत भाषा में एमए किया. वह एक निजी स्कूल में संस्कृत शिक्षिका (Muslim teacher teaching Sanskrit language) के तौर पर काम कर रहीं हैं. साथ ही बच्चों को बखूबी संस्कृत भी पढ़ा रही हैं.

संस्कृत भाषा की अलख जगा रही मुस्लिम शिक्षिका

निंदा नहीं, करें सभी धर्मों का सम्मान: रूबी बचपन से ही वेद पुराणों को जानने की इच्छुक थीं. इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए संस्कृत को (teachers day 2022) चुना. रूबी खान कहती है कि "कोई भी धर्म ये नहीं सिखाता है कि किसी दूसरे की निंदा करो." उन्होंने आगे कहा कि "सबसे बड़ा है इंसानियत का धर्म. आप किस धर्म के हो, किस मजहब के हो, यह मायने नहीं रखता." उन्होंने यह भी कहा कि "सबसे पहले आप आपने धर्म को समझने की कोशिश करें. साथ ही दूसरे धर्म का सम्मान भी करें. वेदों में सब कुछ दिया हुआ है."
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बच्चों को मिलती है संस्कृत सीखने की प्रेरणा: रूबी कहती है कि "सुबह जब वह बच्चों से मिलती है तो उनसे नमो नमो के अभिवादन से बात करती हैं." वे बताती हैं कि "जब वो बच्चों को पढ़ाती हैं तो कई बच्चे मेरा नाम सुनकर आश्चर्य करते हैं. कई बच्चे मुझे देखकर प्रेरित भी होते हैं और संस्कृत सीखने आते हैं."

"संस्कृत भाषा नहीं, ज्ञान का खाजाना है": रूबी ने ETV भारत को बताया कि "संस्कृत वेदों की भाषा है. सारे वेद संस्कृत में लिखे हुए हैं. संस्कृत में ढेरों जानकरियां है. जितना पढ़ेंगे उतना जानकरी मिलेगी. मैं बच्चों को हमेशा बताती हूं कि संस्कृत भाषा नहीं, ज्ञान का खाजाना है." मेडिकल साइंस में भी चरक सहिंता को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कई बार जो आपरेशन होते हैं, उसको चरक संहिता के अनुसार करते हैं. 10वीं तक ही संस्कृति न पढ़े. बल्कि आगे भी अपनी पढ़ाई के साथ संस्कृत की जानकरी रखें."

संस्कृत और उर्दू भाषा में देती है शिक्षा: मेरा संस्कृत के ओर झुकाव मिडिल की पढ़ाई से रहा है. मेरी शिक्षक कहती थी "संस्कृत एक अच्छी भाषा है. उसी समय मैंने पढ़ना शुरू किया और आगे पढ़ते गई. मुझे उर्दू भी आती है. बच्चों को मैं अभी पैराडाइज स्कूल में पिछले 6 सालो से संस्कृत पढा रही हूं. इससे पहले मैंने मदरसे में उर्दू भी पढ़ाया है.

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