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बारिश के कहर से फसलें बर्बाद, किसानों की बढ़ी चिंता

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Published : Oct 21, 2019, 10:09 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 8:59 AM IST

कांकेर में भारी बारिश से कई किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है. किसानों ने बताया कि फसल तो बारिश में गिर ही गए है, साथ ही बारिश के कारण शेष बचे फसलों के कीट का खतरा मंडरा रहा है

फसलें बर्बाद

कांकेर: जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है, बारिश ने कार्तिक मास में सावन का एहसास करवा दिया है, लगातार तेज बारिश से किसानों के सामने विकराल संकट खड़ा हो गया है. मूसलाधार बारिश के चलते धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. कटाई के लायक हो चुके धान, बारिश के साथ तेज हवा से गिर गए साथ ही कई खेतों में पानी भर गए हैं. जिससे फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है.

बारिश से खराब हुई फसल.

आपकों बता दें की कुछ किसानों के एकड़ भर धान की फसल गिर गई है, जिससे किसानों का 40 से 50 हजार का नुकसान हुआ है, किसानों ने ETV भारत से बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से बेमौसम बारिश हुई उससे फसल को भारी नुकसान हुआ है. मानसून की शुरुआत में बारिश नहीं हुई तब यह लगा था कि फिर सूखे की मार झेलनी पड़ेगी लेकिन उसके बाद अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे थे, लेकिन अब अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में जिस तरह से बारिश ने कहर मचा रखा है उससे किसानों के माथे में चिंता की रेखा साफ नजर आ रही है.

किसानों ने बताया कि फसल तो बारिश में गिर ही गए है, साथ ही बारिश के कारण शेष बचे फसलों के कीट का खतरा मंडरा रहा है, फसलों में कीट लग रहे हैं, जिनसे फसल को बचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी अन्यथा फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी किसानों ने फसल बर्बाद होने के बाद शासन से मुआवजे की मांग की है, किसानों का कहना है कि फसल का काफी नुकसान हो चुका है ऐसे में शासन प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और उचित मुआवजे की व्यवस्था नुकसान के आकलन के बाद किया जाना चाहिए.

कांकेर: जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है, बारिश ने कार्तिक मास में सावन का एहसास करवा दिया है, लगातार तेज बारिश से किसानों के सामने विकराल संकट खड़ा हो गया है. मूसलाधार बारिश के चलते धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. कटाई के लायक हो चुके धान, बारिश के साथ तेज हवा से गिर गए साथ ही कई खेतों में पानी भर गए हैं. जिससे फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है.

बारिश से खराब हुई फसल.

आपकों बता दें की कुछ किसानों के एकड़ भर धान की फसल गिर गई है, जिससे किसानों का 40 से 50 हजार का नुकसान हुआ है, किसानों ने ETV भारत से बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से बेमौसम बारिश हुई उससे फसल को भारी नुकसान हुआ है. मानसून की शुरुआत में बारिश नहीं हुई तब यह लगा था कि फिर सूखे की मार झेलनी पड़ेगी लेकिन उसके बाद अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे थे, लेकिन अब अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में जिस तरह से बारिश ने कहर मचा रखा है उससे किसानों के माथे में चिंता की रेखा साफ नजर आ रही है.

किसानों ने बताया कि फसल तो बारिश में गिर ही गए है, साथ ही बारिश के कारण शेष बचे फसलों के कीट का खतरा मंडरा रहा है, फसलों में कीट लग रहे हैं, जिनसे फसल को बचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी अन्यथा फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी किसानों ने फसल बर्बाद होने के बाद शासन से मुआवजे की मांग की है, किसानों का कहना है कि फसल का काफी नुकसान हो चुका है ऐसे में शासन प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और उचित मुआवजे की व्यवस्था नुकसान के आकलन के बाद किया जाना चाहिए.

Intro:कांकेर - बीते 4 से 5 दिनों में जिले में जिस तरह से बारिश हई है, उसने कार्तिक मास में सावन का एहसास करवा दिया है, लग़ातर तेज़ बारिश से किसानो के सामने विकराल संकट खड़ा हो गया है, मूसलाधार बारिश के चलते धान की फसल बर्बाद होने कगार पर है, कटाई के लायक हो चुके धान, बारिश के साथ तेज़ हवा में गिर गए साथ ही कई खेतो के पानी भरने से फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है।


Body:जिले में पिछले 4 5 दिनों से जमकर बारिश हुईं है, जिससे कटाई के लायक हो चुके फसल गिर रहे है, कुछ किसानों के एकड़ भर धान की फसल गिर गई जिससे किसानो का 40 से 50 हजार का नुकसान हुआ है, किसानों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से बेमौसम बारिश हुई उससे फ़सल को भारी नुकसान हुआ है, पहले तो जब मानसून के शुरुवात में बारिश नही हुई तब यह लगा था कि फिर सूखे की मार झेलनी पड़ेगी लेकिन उसके बाद अच्छी बारिश से किसानो के चेहरे खिल उठे थे, लेकिन अब अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में जिस तरह से बारिश ने कहर मचा रखा है उससे किसानो के माथे में चिंता की रेखा साफ नजर आ रही है । फसल गिरे साथ ही बचे फसलों के कीट का खतरा किसान ने बताया कि फसल तो बारिश में गिर ही गए है, साथ ही बारिश के कारण शेष बचे फसलों के कीट का खतरा मंडरा रहा है, फसलों में कीट लग रहे है, जिनसे फसल को बचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी अन्यथा फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी ।


Conclusion:मुआवजे की मांग किसानो ने फसल बर्बाद होने के बाद अब शासन से मुआवजे की मांग की है, किसानों का कहना है कि फसल का काफी नुकसान हो चुका है ऐसे में शासन प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और उचित मुआवजे की व्यवस्था नुकसान के आकलन के बाद कि जानी चाहिए । बाइट- 1 घुराउ राम उइके किसान 2 - साधुराम उइके किसान 3 - फरसराम उसेंडी किसान
Last Updated : Oct 22, 2019, 8:59 AM IST
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