कांकेर: मावलीपारा हाईस्कूल इन दिनों चर्चा में है. बेहतर पढ़ाई की वजह से स्कूल सुर्खियों में रहता तो यह अच्छी बात होती लेकिन आपको इस स्कूल की कहानी जानकर हैरानी होगी. आपको सिस्टम को कोसने का मन भी करेगा. इस स्कूल को बच्चे पढ़ाई नहीं कर रहे बल्कि सफाई कर रहे हैं. स्कूल में ना तो पर्याप्त शिक्षक हैं और ना ही सफाईकर्मी.
कैसे पढ़ेंगे, कैसे आगे बढ़ेंगे?: शिक्षा की क्वालिटी सुधारने की बातें तो होती है लेकिन दुधावा के मावलीपारा हाईस्कूल में तो टीचर की ही कमी है. शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है. हाईस्कूल के करीब 60 छात्रों को अपनी पढ़ाई की टेंशन है. यहां पिछले 2 साल से गणित और हिंदी के टीचर नहीं हैं.
दो साल से टीचर की मांग कर रहे हैं लेकिन गणित और हिंदी विषय के शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं. -निखिल नेताम, छात्र
साल 2011 में स्कूल खुला. पिछले 2 साल से मैथ्स और हिंदी टीचर नहीं है. कलेक्टर से मिलकर शिक्षक की कमी दूर करने की मांग की गई है. -रागिनी उईके, छात्रा
पढ़ाई के साथ सफाई का भी टेंशन: मावलीपारा हाईस्कूल में स्टूडेंट्स को सिर्फ पढ़ाई का ही नहीं बल्कि सफाई का भी टेंशन है. यहां पढ़ाई करने पहुंचे स्टूडेंट्स को पहले स्कूल, फिर टॉयलेट की भी सफाई करनी पड़ती है, क्योंकि सफाईकर्मी भी नहीं है. एक साल पहले सफाईकर्मी की नियुक्ति ग्राम पंचायत ने की थी लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण सफाईकर्मी ने काम छोड़ दिया.
हाईस्कूल के छात्रों द्वारा शिक्षक की मांग को लेकर कलेक्टर से मिलने की जानकारी मिली है. मावलीपारा हाई स्कूल आरएमएसए के तहत संचालित है. वहां भृत्य पद स्वीकृत नहीं है. शिक्षकों की कमी को लेकर व्यवस्था जल्द की जाएगी. -भुवन जैन, जिला शिक्षा अधिकारी, कांकेर
कांकेर जिला मुख्यालय से महज से 35 किलोमीटर दूर नरहरपुर ब्लॉक में यह स्कूल है. कांकेर जिले में हमर लक्ष्य अभियान के तहत छात्रों को जेईई, नीट जैसी प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है लेकिन शहर से चंद दूरी पर स्थित स्कूलों में छात्र शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं.