कांकेर: 8 वर्षीय बच्ची जम्बावती भुआर्य Jambavati Bhuarya छोटी बहन मोसिका के साथ मां धनेश्वरी आर्य के पास जाने के लिए शाम 4.30 बजे डैम से नदी पार कर रही थी. इसी दौरान दोनों बच्चों का पैर फिसल गया. दोनों बच्चे नदी में गिर गए. गनीमत रही कि वहां छोटे पेड़ पौधे और झाड़ियां थीं. इसे बड़ी बच्ची ने पकड़ा और अपनी छोटी बहन का हाथ भी पकड़े रखा.
जंबावती ने बचाई बहन की जान: दोनों बहनें आधा घंटा तक नदी के तेज बहाव से लड़ती रहीं. जम्बावती ने अपनी बहन का हाथ थामे रखा और उसका हौसला भी बढ़ाया. हालांकि इस दौरान दोनों बहनें रो भी रहीं थीं. बच्चों के रोने की आवाज सुनकर मां और पड़ोसी पहुंचे. दोनों बच्चों को नदी से बाहर निकाला गया. इसके बाद सरपंच जागेश्वर सिंह नरेटी के साथ ग्रामीणों ने प्राथमिक उपचार के लिए बच्चियों को स्वास्थ्य केंद्र भानबेड़ा पहुंचाया.
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क्यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस: गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहीदी दिवस पर 26 दिसम्बर को पहली बार वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व पर सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के दोनों छोटे बेटों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को याद करने के लिए हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस Veer Baal Diwas के रूप में मनाने का ऐलान किया है.Veer Bal Diwas 2022
गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की शहादत को बड़ी शहादत माना जाता है. हर साल सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 20 दिसंबर से लेकर 27 दिसंबर तक शहीदी सप्ताह मनाया जाता है. गुरुद्वारों और घरों में कीर्तन पाठ किया जाता है. बच्चों को गुरु साहिब के परिवार की शहादत के बारे में बताया जाता है.