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पंजे के कब्जे में भानुप्रतापपुर, कांग्रेस की सावित्री मंडावी जीतीं, बीजेपी को मिली करारी हार - रायपुर राजीव भवन

Congress Savitri Mandavi wins in Bhanupratappur भानुप्रतापपुर का दंगल कांग्रेस की जीत के साथ खत्म हुआ. छत्तीसगढ़ में लगातार हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी जीत का रिकॉर्ड बरकरार रका है. दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही, खैरागढ़ और अब भानुप्रतापपुर में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. इस तरह उपचुनाव में कांग्रेस ने विजयी अभियान के सिलसिले को बरकरार रखा है. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद से उपचुनावों में कांग्रेस ने कई रिकार्ड बना दिए हैं. साल 2018 के बाद से कांग्रेस एक भी उपचुनाव नहीं हारी है. Bhanupratappur assembly byelection result यह रिकार्ड भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भी बरकरार रखा. परंरपरागत सीट को बचाते हुए कांग्रेस ने यहां सातवीं बार कब्जा किया है. इस चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार अकबर राम कोर्राम भी छाए रहे. कुल 7 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई. खास बात यह भी है कि नोटा को यहां करीब 4250 वोट मिले. चार उम्मीदवारों को मिले वोटों से ज्यादा वोट नोटा के हैं.

Congress Savitri Mandavi wins in Bhanupratappur
पंजे के कब्जे में भानुप्रतापपुर
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Published : Dec 8, 2022, 5:56 PM IST

Updated : Dec 8, 2022, 6:24 PM IST

कांकेर:Congress Savitri Mandavi wins in Bhanupratappur भानुप्रतापपुर उपचुनाव 2022 का रोमांच नतीजों के साथ खत्म हो गया. त्रिकोणीय कहे जाने वाले इस मुकाबले में कांग्रेस ने भारी बढ़त के साथ जीत दर्ज की है. आदिवासी आरक्षण का मुद्दा और आदिवासियों की नाराजगी और प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस की उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने जीत दर्ज की है. सावित्री मंडावी ने भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम को 21 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है. सावित्री मंडावी ने उपचुनाव में मिली शानदार जीत पर कहा कि '' भूपेश सरकार ने 4 साल में बहुत सारे विकास कार्य किए हैं. मेरे पति स्वर्गीय मनोज मंडावी ने भी क्षेत्र का विकास किया है. इन बातों को ध्यान में रखकर भानुप्रतापपुर के मतदाताओं ने वोट दिया है. स्वर्गीय मनोज मंडावी के विकास कार्य के सपने को पूरा करुंगी.'' दरअसल सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब में शिक्षक के पद में पदस्थ थीं. मनोज मंडावी के निधन के बाद कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में उतरीं.Bhanupratappur assembly byelection result

जीत के बाद सावित्री मंडावी ने जनता का किया शुक्रिया
भानुप्रतापपुर में जश्न
भानुप्रतापपुर जीत पर सीएम बघेल का बयान

कांग्रेस की जीत पर कवासी लखमा खुश नजर आए: भानुप्रतापपुर चुनाव के दौरान कांग्रेसियों को आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासियों की नाराज़गी भी झेलनी पड़ी. छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं आबकारी मंत्री ने तो भानुप्रतापपुर की मिट्टी उठाकर यह कसम भी खाई है कि यदि वे आरक्षण नहीं दिला पाए तो खुद को राजनीति से अलग कर लेंगे. हालांकि अब कांग्रेस की जीत के बाद कवासी खुश नजर आ रहे हैं. कवासी लखमा ने सावित्री मंडावी की जीत पर कहा कि ''छत्तीसगढ़ सरकार के 4 साल के कामकाज के आधार पर जनता ने वोट दिया है. एक भी राउंड में कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं रही. बस्तर के आदिवासी गुमराह होने वाले नहीं हैं. उन्हें कोई बहका नहीं सकता. आदिवासी समाज को मैं बधाई देता हूं. आदिवासी सीधे सादे हैं. भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने उनको लड़ाने का काम किया. मैंने भी चुनौती दिया था कि बीजेपी जीतेगी तो मैं विधानसभा में अंदर नहीं आउंगा. उनको भी मैंने कहा था आप भी विधानसभा में मत आना. मेरा चैलेंज अब भी बरकरार है.''Bhanupratappur Bypoll

मनोज मंडावी के काम पर लगी मुहर: भानुप्रतापुर उपुचनाव के नतीजों पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''नतीजा बता रहा है कि सरकार पर लोगों का भरोसा कायम है. वहां पर मनोज मंडावी के किए हुए काम पर मुहर लगी है. भाजपा को वहां दूसरे-तीसरे स्थान पर रहने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ा. रमन सिंह जी मुझे कभी मुसवा बिलई बोलते रहे लेकिन असली बघवा जनता है. जनता ने अपना फैसला सुना दिया है.''BJP Brahmanand Netam lost in Bhanupratappur

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ नहीं लाए जाएंगे हिमाचल के विधायक,हॉर्स ट्रेडिंग का मंडरा रहा खतरा

अकबर राम कोर्राम ने छोड़ी छाप: इस चुनाव में सबसे ज्यादा सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम छाए रहे. शुरू से माना जा रहा था कि मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लेकिन अकबर राम कोर्राम ने शुरुआती राउंड में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद को भी पछाड़ दिया और दूसरे नंबर तक पहुंच गए थे. हालांकि बाद में भाजपा ने वापसी की लेकिन कांग्रेस ने शुरुआत से लेकर अंत तक लीड बनाए रखी.

चार उम्मीदवारों को जितने वोट मिले, उससे ज्यादा वोट नोटा को मिले: इस चुनाव में चार उम्मीदवारो को कुल जीतने वोट मिले उससे ज्यादा नोटा का वोट मिले. नोटा को कुल 4251 वोट मिले. इसकी तुलना में गोंगपा के घनश्याम जुर्री को कुल 2485 वोट मिले. वहीं राष्ट्रीय जनता पार्टी के डायमंड नेताम को कुल 813 वोट मिले. इसी तरह अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के शिवलाल पुडो को कुल 1309 वोट ही मिले. निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश कुमार कल्लो को टोटल वोट 3851 प्राप्त हुए. इस तरह चार उम्मीदवारों से ज्यादा वोट नोटा को मिले.

भानुप्रतापपुर में मतगणना के आंकड़ें
भानुप्रतापपुर में मतगणना के आंकड़ें

भानुप्रतापपुर में इस तरह हुई काउंटिंग

काउंटिंग का राउंडसावित्री मंडावी, कांग्रेस (वोटों की संख्या)ब्रह्मानंद नेताम, बीजेपी (वोटों की संख्या)अकबर राम कोर्राम , SAS, निर्दलीय (वोटों की संख्या) नोटा
डाक मत पत्र 15279463
पहला339714901196414
दूसरा241514882143507
तीसरा378013811657549
चौथा373213251635227
पांचवां280914332522323
छठवां36172703464148
सातवां330620273032276
आठवां360423771331234
नौवां353615541247216
10वां 362721191423164
11वां40313590677154
12वां316425701559200
13वां38372084841344
14वां41503420810180
15वां33844012646118
16वां39823486689127
17वां 38242925288125
18वां377531531037181
19वां1297108417961
कुल वोट65479 44308234174251

भानुप्रतापपुर में कांग्रेस ने लगाई जीत की हैट्रिक: साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है. 1985 से कांग्रेस के साथ भाजपा भी मैदान में है. दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका है. पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया. 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते. 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते. 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीत गए. 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई. 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया. 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए. 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते. अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे. 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए. 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की. 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की.

चार सालों में पांचवीं बार उपचुनाव: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है. पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया. दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया. अजीत जोगी के निधन से खाली मरवाही विधानसभा और देवव्रत सिंह के निधन से खाली खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ. अब पांचवां उपचुनाव भानुप्रतापपुर में हुआ.

बस्तर की जनता कांग्रेस के साथ, आदिवासियों को गुमराह करने की बीजेपी की साजिश नाकाम: कवासी लखमा

भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जीत पर कांग्रेस में जश्न: भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जीत पर कांग्रेस में जश्न मनाया जा रहा है. कांकेर कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के इलाके में भी कांग्रेस इस जीत पर जश्न मना रही है. रायपुर राजीव भवन में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओें ने भानुप्रतापपुर में जीत का जश्न मनाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी.

कांकेर:Congress Savitri Mandavi wins in Bhanupratappur भानुप्रतापपुर उपचुनाव 2022 का रोमांच नतीजों के साथ खत्म हो गया. त्रिकोणीय कहे जाने वाले इस मुकाबले में कांग्रेस ने भारी बढ़त के साथ जीत दर्ज की है. आदिवासी आरक्षण का मुद्दा और आदिवासियों की नाराजगी और प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस की उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने जीत दर्ज की है. सावित्री मंडावी ने भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम को 21 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है. सावित्री मंडावी ने उपचुनाव में मिली शानदार जीत पर कहा कि '' भूपेश सरकार ने 4 साल में बहुत सारे विकास कार्य किए हैं. मेरे पति स्वर्गीय मनोज मंडावी ने भी क्षेत्र का विकास किया है. इन बातों को ध्यान में रखकर भानुप्रतापपुर के मतदाताओं ने वोट दिया है. स्वर्गीय मनोज मंडावी के विकास कार्य के सपने को पूरा करुंगी.'' दरअसल सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब में शिक्षक के पद में पदस्थ थीं. मनोज मंडावी के निधन के बाद कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में उतरीं.Bhanupratappur assembly byelection result

जीत के बाद सावित्री मंडावी ने जनता का किया शुक्रिया
भानुप्रतापपुर में जश्न
भानुप्रतापपुर जीत पर सीएम बघेल का बयान

कांग्रेस की जीत पर कवासी लखमा खुश नजर आए: भानुप्रतापपुर चुनाव के दौरान कांग्रेसियों को आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासियों की नाराज़गी भी झेलनी पड़ी. छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं आबकारी मंत्री ने तो भानुप्रतापपुर की मिट्टी उठाकर यह कसम भी खाई है कि यदि वे आरक्षण नहीं दिला पाए तो खुद को राजनीति से अलग कर लेंगे. हालांकि अब कांग्रेस की जीत के बाद कवासी खुश नजर आ रहे हैं. कवासी लखमा ने सावित्री मंडावी की जीत पर कहा कि ''छत्तीसगढ़ सरकार के 4 साल के कामकाज के आधार पर जनता ने वोट दिया है. एक भी राउंड में कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं रही. बस्तर के आदिवासी गुमराह होने वाले नहीं हैं. उन्हें कोई बहका नहीं सकता. आदिवासी समाज को मैं बधाई देता हूं. आदिवासी सीधे सादे हैं. भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने उनको लड़ाने का काम किया. मैंने भी चुनौती दिया था कि बीजेपी जीतेगी तो मैं विधानसभा में अंदर नहीं आउंगा. उनको भी मैंने कहा था आप भी विधानसभा में मत आना. मेरा चैलेंज अब भी बरकरार है.''Bhanupratappur Bypoll

मनोज मंडावी के काम पर लगी मुहर: भानुप्रतापुर उपुचनाव के नतीजों पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''नतीजा बता रहा है कि सरकार पर लोगों का भरोसा कायम है. वहां पर मनोज मंडावी के किए हुए काम पर मुहर लगी है. भाजपा को वहां दूसरे-तीसरे स्थान पर रहने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ा. रमन सिंह जी मुझे कभी मुसवा बिलई बोलते रहे लेकिन असली बघवा जनता है. जनता ने अपना फैसला सुना दिया है.''BJP Brahmanand Netam lost in Bhanupratappur

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ नहीं लाए जाएंगे हिमाचल के विधायक,हॉर्स ट्रेडिंग का मंडरा रहा खतरा

अकबर राम कोर्राम ने छोड़ी छाप: इस चुनाव में सबसे ज्यादा सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम छाए रहे. शुरू से माना जा रहा था कि मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लेकिन अकबर राम कोर्राम ने शुरुआती राउंड में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद को भी पछाड़ दिया और दूसरे नंबर तक पहुंच गए थे. हालांकि बाद में भाजपा ने वापसी की लेकिन कांग्रेस ने शुरुआत से लेकर अंत तक लीड बनाए रखी.

चार उम्मीदवारों को जितने वोट मिले, उससे ज्यादा वोट नोटा को मिले: इस चुनाव में चार उम्मीदवारो को कुल जीतने वोट मिले उससे ज्यादा नोटा का वोट मिले. नोटा को कुल 4251 वोट मिले. इसकी तुलना में गोंगपा के घनश्याम जुर्री को कुल 2485 वोट मिले. वहीं राष्ट्रीय जनता पार्टी के डायमंड नेताम को कुल 813 वोट मिले. इसी तरह अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के शिवलाल पुडो को कुल 1309 वोट ही मिले. निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश कुमार कल्लो को टोटल वोट 3851 प्राप्त हुए. इस तरह चार उम्मीदवारों से ज्यादा वोट नोटा को मिले.

भानुप्रतापपुर में मतगणना के आंकड़ें
भानुप्रतापपुर में मतगणना के आंकड़ें

भानुप्रतापपुर में इस तरह हुई काउंटिंग

काउंटिंग का राउंडसावित्री मंडावी, कांग्रेस (वोटों की संख्या)ब्रह्मानंद नेताम, बीजेपी (वोटों की संख्या)अकबर राम कोर्राम , SAS, निर्दलीय (वोटों की संख्या) नोटा
डाक मत पत्र 15279463
पहला339714901196414
दूसरा241514882143507
तीसरा378013811657549
चौथा373213251635227
पांचवां280914332522323
छठवां36172703464148
सातवां330620273032276
आठवां360423771331234
नौवां353615541247216
10वां 362721191423164
11वां40313590677154
12वां316425701559200
13वां38372084841344
14वां41503420810180
15वां33844012646118
16वां39823486689127
17वां 38242925288125
18वां377531531037181
19वां1297108417961
कुल वोट65479 44308234174251

भानुप्रतापपुर में कांग्रेस ने लगाई जीत की हैट्रिक: साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है. 1985 से कांग्रेस के साथ भाजपा भी मैदान में है. दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका है. पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया. 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते. 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते. 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीत गए. 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई. 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया. 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए. 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते. अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे. 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए. 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की. 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की.

चार सालों में पांचवीं बार उपचुनाव: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है. पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया. दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया. अजीत जोगी के निधन से खाली मरवाही विधानसभा और देवव्रत सिंह के निधन से खाली खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ. अब पांचवां उपचुनाव भानुप्रतापपुर में हुआ.

बस्तर की जनता कांग्रेस के साथ, आदिवासियों को गुमराह करने की बीजेपी की साजिश नाकाम: कवासी लखमा

भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जीत पर कांग्रेस में जश्न: भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जीत पर कांग्रेस में जश्न मनाया जा रहा है. कांकेर कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के इलाके में भी कांग्रेस इस जीत पर जश्न मना रही है. रायपुर राजीव भवन में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओें ने भानुप्रतापपुर में जीत का जश्न मनाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी.

Last Updated : Dec 8, 2022, 6:24 PM IST
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