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कांकेर: वेतन विसंगति से जूझ रहे लिपिक संघ ने CM के नाम सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ लिपिक संघ वेतन विसंगति को लेकर नाराज हैं. कांकेर में लिपिक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. लिपिकों ने वेतनमान में सुधार की मांग की है.

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वेतन विसंगति से जूझ रहे लिपिक संघ ने CM के नाम सौंपा ज्ञापन
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Published : Feb 5, 2021, 6:54 PM IST

कांकेर: लिपिक संघ ने वेतन विसंगति को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. लिपिक संघ के कई पदाधिकारी और सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. लिपिक संघ ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से वेतन विसंगति दूर करने की अपील की है.

लिपिक संघ ने CM के नाम सौंपा ज्ञापन

पढ़ें: धान उठाव: खरीदी केंद्र प्रबंधकों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

लिपिक संघ की संरक्षक वंदना त्रिपाठी ने बताया कि 17 फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लिपिक प्रांतीय अधिवेशन में पहुंचे थे. बिलासपुर में लिपिकों के वेतन विसंगति के निराकरण की घोषणा की थी. 2 साल पूरे होने के बाद भी निराकरण नहीं हो पाया है. वंदना त्रिपाठी ने बताया प्रदेशभर के लिपिक नाराज हैं. ध्यानाकर्षण के लिए जिला मुख्यालय में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ के इस ब्लॉक में अब शुरू हुआ कोरोना टीकाकरण

सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही

जिलाध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होती है, तो 17 फरवरी को प्रदेशभर के हजारों लिपिक रायपुर में मंत्रालय का घेराव करेंगे. कांकेर जिला अध्यक्ष ने बताया कि मात्र 30 करोड़ की राशि वार्षिक बजट में प्रावधान करने से लिपिकों की पीड़ा दूर की जा सकती है. कोरोना संक्रमण के बहाने सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है.

कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर किया काम

कांकेर जिला अध्यक्ष ने कहा कोरोना काल में कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर निरंतर काम किया है. मुख्यमंत्री ने 2 साल पहले घोषणा के बावजूद अबतक लिपिकों के वेतनमान सुधार की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लिपिक संघ बहुत परेशान है. मुख्यमंत्री से वेतन विसंगति दूर करने की अपील कर रहा है.

कांकेर: लिपिक संघ ने वेतन विसंगति को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. लिपिक संघ के कई पदाधिकारी और सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. लिपिक संघ ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से वेतन विसंगति दूर करने की अपील की है.

लिपिक संघ ने CM के नाम सौंपा ज्ञापन

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लिपिक संघ की संरक्षक वंदना त्रिपाठी ने बताया कि 17 फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लिपिक प्रांतीय अधिवेशन में पहुंचे थे. बिलासपुर में लिपिकों के वेतन विसंगति के निराकरण की घोषणा की थी. 2 साल पूरे होने के बाद भी निराकरण नहीं हो पाया है. वंदना त्रिपाठी ने बताया प्रदेशभर के लिपिक नाराज हैं. ध्यानाकर्षण के लिए जिला मुख्यालय में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है.

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सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही

जिलाध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होती है, तो 17 फरवरी को प्रदेशभर के हजारों लिपिक रायपुर में मंत्रालय का घेराव करेंगे. कांकेर जिला अध्यक्ष ने बताया कि मात्र 30 करोड़ की राशि वार्षिक बजट में प्रावधान करने से लिपिकों की पीड़ा दूर की जा सकती है. कोरोना संक्रमण के बहाने सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है.

कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर किया काम

कांकेर जिला अध्यक्ष ने कहा कोरोना काल में कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर निरंतर काम किया है. मुख्यमंत्री ने 2 साल पहले घोषणा के बावजूद अबतक लिपिकों के वेतनमान सुधार की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लिपिक संघ बहुत परेशान है. मुख्यमंत्री से वेतन विसंगति दूर करने की अपील कर रहा है.

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