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भिक्षावृत्ति कर रहे दो बच्चों का रेस्क्यू, स्कूल नहीं जाने पर कर रहे थे ये काम - wo children doing begging

कांकेर जिले में चाइल्ड लाइन की टीम ने भिक्षावृत्ति कर रहे दो बच्चों को रेस्क्यू किया है. बालक कल्याण समिति ने बच्चों को स्कूल भेजने के निर्देश दिए हैं और दोबारा सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करते पाए जाने पर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

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Published : Jul 20, 2021, 9:09 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 2:54 PM IST

कांकेर: स्कूल बंद होने से शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है. ऐसा ही मामला उस समय देखने को मिला, जब चाइल्ड लाइन की टीम ने सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति कर रहे दो बच्चों को रेस्क्यू किया. पूछताछ में पता चला है कि बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया है. लेकिन स्कूल बंद होने के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जिसके कारण बच्चे भिक्षावृत्ति के काम में लग गए हैं. रेस्क्यू किए गए बच्चों की उम्र लगभग 8 से 12 साल के बीच है.

शहर में मंगलवार को पुलिस थाने के आसपास तीन नाबालिग बच्चे हाथों में सांप की टोकरी लिए भिक्षावृत्ति कर रहे थे. बच्चों को दुकान में जाकर भिक्षावृत्ति करता देख वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को दी. विभाग द्वारा इसकी सूचना चाइल्ड लाइन की टीम को दी गई. जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची और टीम ने दो बच्चों को रेस्क्यू किया.

चाइल्ड लाइन के समवयक अमित बघेल ने बताया कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी, रीना लारिया के माध्यम से सूचना मिली थी कि बस स्टैंड के पास दो-तीन बच्चे बच्चे सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति कर रहे हैं. जिस पर अमित बघेल सहित टीम मौके पर पहुंची. जहां दुकानों में बच्चे सांप दिखाकर पैसा ले रहे थे.

अवैध बाल गृह केस: मध्यप्रदेश पुलिस बच्चों को लेकर रायपुर से मंडला हुई रवाना

टीम के द्वारा बच्चों को रेस्क्यू करके बालक कल्याण समिति के सामने पेश किया गया. जहां बच्चों ने बताया कि वे अपनी दादी के साथ ग्राम चारभाटा ठाकुरपारा से कांकेर घूम-घूमकर सांप दिखाने के लिए आए हैं. जिसके बाद टीम के द्वारा बच्चों की दादी को भी बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया.

बालक कल्याण समिति द्वारा बच्चों की दादी को समझाइश दी गई कि बच्चों को दोबारा भिक्षावृत्ति करने ना भेजें. जिस पर उन्होंने बताया कि बच्चों को स्कूल में दाखिला कराया गया है, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण वे स्कूल नहीं जा रहे है और घृूम-घूमकर सांप दिखाने का काम कर रहे हैं. जिस पर बालक कल्याण समिति ने बच्चों को स्कूल भेजने के निर्देश दिए और दोबारा सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करते पाए जाने पर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

जोखिमभरा हो सकता है सांप का खेल

सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करना बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इतने छोटे बच्चों द्वारा इस प्रकार जहरीले सांप को टोकरी में लेकर जगह-जगह जाकर प्रदर्शित किया जाना बहुत ही खतरनाक काम है. सांप जहरीले होते हैं और बच्चों को काट सकते हैं, जिससे अनहोनी भी हो सकती है.

कांकेर: स्कूल बंद होने से शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है. ऐसा ही मामला उस समय देखने को मिला, जब चाइल्ड लाइन की टीम ने सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति कर रहे दो बच्चों को रेस्क्यू किया. पूछताछ में पता चला है कि बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया है. लेकिन स्कूल बंद होने के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जिसके कारण बच्चे भिक्षावृत्ति के काम में लग गए हैं. रेस्क्यू किए गए बच्चों की उम्र लगभग 8 से 12 साल के बीच है.

शहर में मंगलवार को पुलिस थाने के आसपास तीन नाबालिग बच्चे हाथों में सांप की टोकरी लिए भिक्षावृत्ति कर रहे थे. बच्चों को दुकान में जाकर भिक्षावृत्ति करता देख वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को दी. विभाग द्वारा इसकी सूचना चाइल्ड लाइन की टीम को दी गई. जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची और टीम ने दो बच्चों को रेस्क्यू किया.

चाइल्ड लाइन के समवयक अमित बघेल ने बताया कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी, रीना लारिया के माध्यम से सूचना मिली थी कि बस स्टैंड के पास दो-तीन बच्चे बच्चे सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति कर रहे हैं. जिस पर अमित बघेल सहित टीम मौके पर पहुंची. जहां दुकानों में बच्चे सांप दिखाकर पैसा ले रहे थे.

अवैध बाल गृह केस: मध्यप्रदेश पुलिस बच्चों को लेकर रायपुर से मंडला हुई रवाना

टीम के द्वारा बच्चों को रेस्क्यू करके बालक कल्याण समिति के सामने पेश किया गया. जहां बच्चों ने बताया कि वे अपनी दादी के साथ ग्राम चारभाटा ठाकुरपारा से कांकेर घूम-घूमकर सांप दिखाने के लिए आए हैं. जिसके बाद टीम के द्वारा बच्चों की दादी को भी बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया.

बालक कल्याण समिति द्वारा बच्चों की दादी को समझाइश दी गई कि बच्चों को दोबारा भिक्षावृत्ति करने ना भेजें. जिस पर उन्होंने बताया कि बच्चों को स्कूल में दाखिला कराया गया है, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण वे स्कूल नहीं जा रहे है और घृूम-घूमकर सांप दिखाने का काम कर रहे हैं. जिस पर बालक कल्याण समिति ने बच्चों को स्कूल भेजने के निर्देश दिए और दोबारा सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करते पाए जाने पर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

जोखिमभरा हो सकता है सांप का खेल

सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करना बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इतने छोटे बच्चों द्वारा इस प्रकार जहरीले सांप को टोकरी में लेकर जगह-जगह जाकर प्रदर्शित किया जाना बहुत ही खतरनाक काम है. सांप जहरीले होते हैं और बच्चों को काट सकते हैं, जिससे अनहोनी भी हो सकती है.

Last Updated : Jul 21, 2021, 2:54 PM IST
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