कांकेर: लंबे समय से धमतरी और कांकेर जिले की सीमा में मौजूद चंदा हाथी और उसके दल ने जिले में प्रवेश कर लिया है, लेकिन चिंता की बात यह है कि हाथियों का दल दो ग्रुप में बंट गया है, चंदा समेत 8 हाथी नरहरपुर ब्लॉक के मुरुमतरा और बागडोंगरी के जंगलों में घुस गए हैं. वहीं बाकी हाथी अभी भी धमतरी जिले की सीमा में मौजूद हैं.
21 हाथियों का दल महासमुंद जिले से भटक कर धमतरी जिले में घुसा था और लगभग 1 हफ्ते से कांकेर और धमतरी जिले की सीमा पर मौजूद था. वन विभाग के रेंजर कैलाश ठाकुर ने जानकरी दी कि 8 हाथी जिले में प्रवेश कर गए हैं, लेकिन बाकी 13 हाथी अभी जिले की सीमा से 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर ही हैं.
वन विभाग ने ग्रामीणों को दी चेतावनी
वन विभाग के रेंजर ने बताया कि वन अमला पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है, गांव-गांव में मुनादी कराने के साथ ही लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है.
अभी तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया
हाथियों के इस दल ने अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है, धमतरी जिले में यह दल जंगल के किनारों में ही विचरण कर रहा था और किनारे-किनारे चलते हुए कांकेर जिले में घुस गया है.
लोगों में दहशत का माहौल
बता दें बीते दिनों ये हाथियों का एक दल महासमुंद इलाके से भटक कर धमतरी जिले में प्रवेश कर गया था, जिसमें 21 हाथी थे. हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है. उसके बाद धमतरी और कांकेर जिले के बॉर्डर पर पहुंच गया था. जिले में इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी से इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है.
कई घरों और फसलों को किया बर्बाद
छत्तीसगढ़ में हाथियों की समस्या लंबे समय से है. मामले पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है. साल भर हाथियों के उत्पात से कई घरों के तबाह होने, फसलों के बर्बाद होने और लोगों के मारे जाने की खबरें आती रहती हैं. प्रदेश में कई साल से हाथियों को लेकर अभ्यारण बनाने या एलिफेंट रिजर्व बनाने की बात चल रही है. लेकिन अब तक ऐसा कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया गया है.