कांकेर: कांकेर कलेक्टर डॉक्टर प्रियंका शुक्ला लगातार स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केन्द्र और शासकीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर रही है. कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिछले 3 वर्षों से आंगनबाड़ी में नदारद मिल रही थी. जिसके चलते गर्भवती माताओं को मिलने वाला पोषण आहार नहीं मिल पा रहा था.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मिली थी शिकायत: अनूपपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंजीता सरकार दो-तीन वर्षों से लगातार अनुपस्थित रहने की शिकायत कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला से की गई थी. प्रकरण की जांच करने के लिए जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देश दिए गए. जांच में ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई और आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया गया.
गर्भवती माताओं के पूरक पोषण आहार में लापरवाही: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महीने में कभी-कभार ही आंगनबाड़ी केंद्र आने और सहायिका द्वारा ही पूरक पोषण आहार का वितरण किया जाना पाया गया. बच्चों और माताओं को आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला ने अनूपपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंजीता सरकार को सेवा से बर्खास्त कर दिया.
अधिकारियों को दिए ये निर्देश : कांकेर कलेक्टर ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मुख्यमंत्री सुपोशण अभियान के हितग्राहियों को पूरक पोशण आहार समय पर प्रदान करें ताकि संचालित योजनाओं से लाभान्वित हो सके. उन्होंने वजन त्यौहार, नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना, कौशिल्या मातृत्व योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोश और सुकन्या समृद्धि योजना का समीक्षा कर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के हितग्राहियों को मुख्यमंत्री सुपोशण योजना से लाभान्वित करे ताकि कुपोशण की दर में कमी लाई जा सकें.