कवर्धा: दरअसल कवर्धा के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत तोरल नवापारा गांव में 26 जनवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर गांव में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां रात में समाजिक भोज का वितरण हुआ. भोजन में ग्रामीणों ने खीर-पूड़ी खाया और सो गए. जिसे खाने के बाद आधी रात एक-एक कर गांव के लगभग 30 महिला पुरुष और बच्चे बीमार हो गए. सभी उल्टी करने लगे. 27 जनवरी की सुबह सभी बीमारों को पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे भर्ती कराया गया. जहां उनका इलाज जारी है. डॉक्टर स्वप्निल तिवारी के मुताबिक सभी खतरे से बाहर हैं.
"सभी लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए थे": सीएमओ ने बताया कि "पंडरिया के तोरल नवापारा मे बहुत से ग्रामीणों की एक साथ तबीयत बिगड़ने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया. जिसके बाद तत्काल बीमार लोगों को अस्पताल लाने 108 एम्बुलेंस भेजा गया. लगभग महिला पुरुष बच्चे मिलाकर 30 लोगों को अस्पताल लाया गया. सभी का इलाज किया जा रहा है. सभी लोग अब खतरे से बाहर हैं. चूंकि गांव के सभी लोगों ने एक साथ खाना खाया था. इसलिए गांव के एक एक घर में जाकर प्रत्येक व्यक्तियों का स्वास्थ्य चेकअप किया गया है. फिलहाल अन्य लोग सामान्य हैं. बीमार सभी लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए थे."
यह भी पढ़ें: कवर्धा में एग्जाम दे रहे छात्र के सीने मे उठा दर्द, अस्पताल में कराया गया भर्ती
अस्पताल में भर्ती मरीज भी खतरे से बाहर: कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बताया कि "जैसे ही हमें फूड प्वाइजनिंग की खबर मिली. फौरन स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया और स्वास्थ्य टीम तत्काल गांव पहुंच गई. ज्यादा गंभीर लगभग 30 लोगों को पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे भर्ती किया गया. अन्य लोगों को गांव में ही स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. अब सब कुछ समान्य है और अस्पताल में भर्ती मरीज भी खतरे से बाहर हैं."