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Kawardha News: हरा सोना ने बदला लोगों का जीवन, समर्थन मूल्य और छात्रवृत्ति से मिला लाभ - tendupatta sale in chhattisgarh

प्रदेश के जंगलों में मिलने वाले तेंदूपत्ता को हरा सोना भी माना जाता है. जिसने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है. तेंदूपत्ता से लोगों की आय दोगुनी हुई है, तो वहीं बच्चों के शिक्षा के लिए भी सहायता मिल रही है. ग्रामीणों की आमदनी बढ़ने से परिवारिक स्थिति सुधरी है. साथ ही बच्चों के शिक्षा में अब ग्रामाणों ने ध्यान देना शुरु कर दिया है. Villagers getting financial benefits from tendupatta

tendupatta
तेंदूपत्ता से लोगों की आय दोगुनी
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Published : May 18, 2023, 2:17 PM IST

Updated : May 18, 2023, 2:26 PM IST

तेंदूपत्ता से लोगों की आय दोगुनी

कवर्धा: इन दिनों जिले में तेंदूपत्ता तोड़ने का सीजन चल रहा है. वनांचल क्षेत्र के आसपास रहने वाले ग्रामीण संग्रहक के रूप में काम कर रहे हैं. जंगल से तेंदूपत्ता तोड़कर लघु वनोपज समिति को बेच रहे हैं. इससे उनकी अच्छी खासी आमदनी हो रही है. आर्थिक रूप से सम्पन्न होने से लोग अब आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में दसवीं-बारहवीं की शिक्षा हासिल कर चुके बच्चों को मोटी रकम स्कॉलरशिप के रूप मिल रही है. इससे ग्रामीण बेहद खुश हैं.

258 से अधिक जगहों पर तेंदूपत्ता खरीदी जारी: कबीरधाम के 19 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के 258 खरीदी केंद में तेंदूपत्ता की खरीदी की जा रही है. जिले के 4 हजार से ज्यादा ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने का काम कर रहे हैं. साल 2022-2023 में शासन द्वारा जिले में 40 हजार 100 मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. वहीं 15 मई तक 22 हजार मानक बोरा की खरीदी कर ली गई है. जो लक्ष्य का 60 प्रतिशत है. 25 मई तक तेंदूपत्ते की खरीदी की जानी है. अनुमान लगाया जा रहा कि समयसीमा पर लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा.

कबीरधाम जिले में वर्ष 2022-23 में तेंदूपत्ता खरीदी कर लक्ष्य 40 हजार 100 मानक बोरा रखा गया है. जोकि 15 मई की स्थिति में 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है. जल्द ही लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा. - चूड़ामणि सिंह, डीएफओ, कवर्धा

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बच्चों को मिल रही छात्रवृत्ति लाभदायक: वनांचल के पास रहने के कारण जंगल से मिलने वाले वनोपज ही उनके आय के स्त्रोत है. पहले लोग तेंदूपत्ता बेचकर सिर्फ जीवन यापन कर पाते थे. लेकिन नई सरकार आने के बाद तेंदूपत्ता के लिए समर्थन मूल्य 2500 से बढ़ाकर 4000 रुपए कर दिया गया है. इससे ग्रामीणों को बहुत लाभ हुआ है.

बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लाने वाले संग्रहकों के बच्चों को 25 हजार से 30 हजार रुपए की छात्रवृत्ति भी दी जाती है. जंगल में दुर्घटना होने पर इलाज का खर्च भी सरकार उठाती है. संग्राहकों के पैसा सीधे उनके खाते में आता है, इससे ग्रामीणों को बहुत लाभ हुआ है.-ग्रामीण दिनेश्वर यादव

उच्च क्वॉलिटी के पत्तों की होती है खरीदी: तेंदूपत्ता फड़ में वनकर्मियों को प्रभारी बनाया गया है. साथ में लघु वनोपज समिति के एक सदस्य को मुंशी बनाया गया है. दोनों व्यक्ति तेंदूपत्ता की गुणवत्ता की जांच कर संग्रहक से तेंदूपत्ता खरीदते हैं और इसके डेटा विभाग को भेजते हैं. जिसके बाद उनको राशि का भुगतान किया जाता है.

तेंदूपत्ता से लोगों की आय दोगुनी

कवर्धा: इन दिनों जिले में तेंदूपत्ता तोड़ने का सीजन चल रहा है. वनांचल क्षेत्र के आसपास रहने वाले ग्रामीण संग्रहक के रूप में काम कर रहे हैं. जंगल से तेंदूपत्ता तोड़कर लघु वनोपज समिति को बेच रहे हैं. इससे उनकी अच्छी खासी आमदनी हो रही है. आर्थिक रूप से सम्पन्न होने से लोग अब आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में दसवीं-बारहवीं की शिक्षा हासिल कर चुके बच्चों को मोटी रकम स्कॉलरशिप के रूप मिल रही है. इससे ग्रामीण बेहद खुश हैं.

258 से अधिक जगहों पर तेंदूपत्ता खरीदी जारी: कबीरधाम के 19 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के 258 खरीदी केंद में तेंदूपत्ता की खरीदी की जा रही है. जिले के 4 हजार से ज्यादा ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने का काम कर रहे हैं. साल 2022-2023 में शासन द्वारा जिले में 40 हजार 100 मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. वहीं 15 मई तक 22 हजार मानक बोरा की खरीदी कर ली गई है. जो लक्ष्य का 60 प्रतिशत है. 25 मई तक तेंदूपत्ते की खरीदी की जानी है. अनुमान लगाया जा रहा कि समयसीमा पर लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा.

कबीरधाम जिले में वर्ष 2022-23 में तेंदूपत्ता खरीदी कर लक्ष्य 40 हजार 100 मानक बोरा रखा गया है. जोकि 15 मई की स्थिति में 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है. जल्द ही लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा. - चूड़ामणि सिंह, डीएफओ, कवर्धा

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बच्चों को मिल रही छात्रवृत्ति लाभदायक: वनांचल के पास रहने के कारण जंगल से मिलने वाले वनोपज ही उनके आय के स्त्रोत है. पहले लोग तेंदूपत्ता बेचकर सिर्फ जीवन यापन कर पाते थे. लेकिन नई सरकार आने के बाद तेंदूपत्ता के लिए समर्थन मूल्य 2500 से बढ़ाकर 4000 रुपए कर दिया गया है. इससे ग्रामीणों को बहुत लाभ हुआ है.

बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लाने वाले संग्रहकों के बच्चों को 25 हजार से 30 हजार रुपए की छात्रवृत्ति भी दी जाती है. जंगल में दुर्घटना होने पर इलाज का खर्च भी सरकार उठाती है. संग्राहकों के पैसा सीधे उनके खाते में आता है, इससे ग्रामीणों को बहुत लाभ हुआ है.-ग्रामीण दिनेश्वर यादव

उच्च क्वॉलिटी के पत्तों की होती है खरीदी: तेंदूपत्ता फड़ में वनकर्मियों को प्रभारी बनाया गया है. साथ में लघु वनोपज समिति के एक सदस्य को मुंशी बनाया गया है. दोनों व्यक्ति तेंदूपत्ता की गुणवत्ता की जांच कर संग्रहक से तेंदूपत्ता खरीदते हैं और इसके डेटा विभाग को भेजते हैं. जिसके बाद उनको राशि का भुगतान किया जाता है.

Last Updated : May 18, 2023, 2:26 PM IST
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