कवर्धा: एक अनोखी शादी जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर दे, एक अनोखा प्यार जो गर्व करने पर मजबूर कर दे. एक ऐसा बंधन जो 50 साल बाद भी निभाने को तैयार है. एक ऐसा विश्वास जो 73 साल के बाद भी अटूट है. ये कहानी है कवर्धा के खैरझिटी कला गांव की. जहां पूरा गांव इस शादी में बाराती बना.
हम बात कर रहे हैं एक अनोखे शादी की, जो 50 साल बाद पूरी हुई. हम बात कर रहे हैं, दो प्रेमियों की. जिनका प्यार अब परवान चढ़ा है. ये प्रेमी जोड़े पिछले 50 वर्षों से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे, लेकिन शादी नहीं की थी. अब वे समाज की पहल पर वेलेंटाइन डे की रात रश्मों -रिवाज से शादी रचाई है.
बच्चे और ग्रामवासियों का मिला साथ
बुजुर्ग दूल्हे ने बताया कि 'गांववालों ने बुजुर्ग जोड़े की इच्छा पूरी की है. सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ शादी की रस्में पूरी कराई हैं, जिससे दूल्हा-दुल्हन के चेहरे पर खुशी है क्योंकि अर्से से जो तमन्ना दिल में थी. उसे उनके बच्चे और ग्रामवासियों ने पूरा किया.
संग-संग जिंदगी जीने का फैसला
वहीं दुल्हन ने बताया कि ' वह जब जवां थी उस वक्त किसी रिश्तेदार के यहां शादी में गई थी. जहां दोनों में बातें और मुलाकातें हुई और दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा, फिर क्या था गौतरहिन बाई और दूल्हा सुकाल संग-संग जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया.
रीति-रिवाज से थामा हाथ
ग्रामीणों ने बताया कि हिंदू मान्यता के अनुसार यह जीवन में जरूरी है, इससे मोक्ष मिलेगा, जिसके लिए ग्रामीणों ने 14 फरवरी की रात रीति-रिवाजों के साथ दोनों को एक दूजे का बनाया गया.
समाज के लिए बने मिसाल
बहरहाल, प्यार की कोई उम्र नहीं होती, न प्यार का कोई मजहब होता है, चाहे वो फिर 50 साल बाद हो या 73. प्यार बरकरार रहना चाहिए. इस बुजुर्ग की प्रेम कहानी दीवानों के लिए और समाज के लिए एक मिसाल है.