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कवर्धा: खेत में मिले बाघ के पैरों के निशान, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

कवर्धा में लोहारा के ग्रामीण इलाकों के खेतों में बाघ के पैरों के निशाना मिले हैं. जिसके बाद से ग्रामीणों में डर का माहौल है. हालांकि बाघ ने अभी तक किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया है. पैर के निशान को जांच के लिए भेज दिया गया है.

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ग्रामीणों में दहशत का माहौल
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Published : Dec 8, 2020, 10:16 PM IST

कवर्धा: जिले के लोहारा ब्लॉक अंतर्गत सिंघनपुर, हथलेवा, लाशाटोला गांव के ग्रामीणों में इन दिनों दहशत का माहौल बना हुआ है. इलाके में पिछले 5 दिनों से बाघ की हलचल देखी जा रही है. बाघ रहवासी इलाके में घुसकर आतंक मचा रहा है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से ग्रामीणों को खेतों में बाघ के पैरों के निशान मिल रहे हैं. जिसकी जानकारी वन विभाग को भी दी गई है.

वन विभाग ने पुष्टि की है कि पैर के निशान बाघ के ही हैं. जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों मे डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में ग्रामीण इन दिनों खेत की ओर जाने से भी घबरा रहे हैं. बाड़ी मे काम करने जाने में भी उन्हें बाघ का डर सता रहा है. हांलाकि वन विभाग लगातार बाघ की तलाश में जुटा हुआ है.

पढ़ें: रायपुर रेलवे स्टेशन में टिकट की कालाबाजारी, आरक्षण सुपरवाइजर समेत 7 दलाल गिरफ्तार

बैल को बनाया शिकार

सोमवार की रात बाघ ने एक बैल को अपना शिकार बनाया है. जिसके बाद से ग्रामीण और ज्यादा डर गए हैं. एक ग्रामीण ने बाघ की तस्वीर अपने मोबाइल मे कैद भी कर ली है. हालांकि बाघ ने अभी तक किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया है.

पढ़ें: गरियाबंद: नक्सलियों ने जेसीबी में लगाई आग, पुलिस ने समय रहते 4 किलो का बम किया डिफ्यूज

वन मंडल अधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि चारभाटा क्षेत्र के गाँव के आस-पास खेत में 5 दिसंबर को बाघ के पैर के निशान की पहली खबर मिली थी. पैर के निशान को जांच के लिए भेज दिया गया है. बता दें इलाके के पास ही भोरमदेव अभ्यारण्य, कान्हा नेशनल पार्क, आचानकमर टाइगर रिजर्व पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ यहां से निकलकर क्षेत्र मे आ गया होगा. वन विभाग की टीम बाघ पर नजर बनाए हुए है.

कवर्धा: जिले के लोहारा ब्लॉक अंतर्गत सिंघनपुर, हथलेवा, लाशाटोला गांव के ग्रामीणों में इन दिनों दहशत का माहौल बना हुआ है. इलाके में पिछले 5 दिनों से बाघ की हलचल देखी जा रही है. बाघ रहवासी इलाके में घुसकर आतंक मचा रहा है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से ग्रामीणों को खेतों में बाघ के पैरों के निशान मिल रहे हैं. जिसकी जानकारी वन विभाग को भी दी गई है.

वन विभाग ने पुष्टि की है कि पैर के निशान बाघ के ही हैं. जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों मे डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में ग्रामीण इन दिनों खेत की ओर जाने से भी घबरा रहे हैं. बाड़ी मे काम करने जाने में भी उन्हें बाघ का डर सता रहा है. हांलाकि वन विभाग लगातार बाघ की तलाश में जुटा हुआ है.

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बैल को बनाया शिकार

सोमवार की रात बाघ ने एक बैल को अपना शिकार बनाया है. जिसके बाद से ग्रामीण और ज्यादा डर गए हैं. एक ग्रामीण ने बाघ की तस्वीर अपने मोबाइल मे कैद भी कर ली है. हालांकि बाघ ने अभी तक किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया है.

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वन मंडल अधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि चारभाटा क्षेत्र के गाँव के आस-पास खेत में 5 दिसंबर को बाघ के पैर के निशान की पहली खबर मिली थी. पैर के निशान को जांच के लिए भेज दिया गया है. बता दें इलाके के पास ही भोरमदेव अभ्यारण्य, कान्हा नेशनल पार्क, आचानकमर टाइगर रिजर्व पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ यहां से निकलकर क्षेत्र मे आ गया होगा. वन विभाग की टीम बाघ पर नजर बनाए हुए है.

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