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कवर्धा : स्कूल बना स्वीमिंग पूल, घुटनों तक पहुंचा पानी, बढ़ी परेशानी - सरकारी स्कूल कवर्धा

ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल कैंपस में घुटने तक पानी भर गया है, जिसकी वजह से वहां पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल तक पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है.

ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल कैंपस में घुटने तक पानी भर गया है, जिसकी वजह से वहां पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल तक पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है.
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Published : Aug 4, 2019, 9:17 PM IST

कवर्धा : जिले के लोहारा विकासखंड के ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल कैंपस का नजारा कुछ इस तरह का बन चुका है कि अब वो स्कूल कम और स्वीमिंग पूल ज्यादा लगने लगा है.

ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल कैंपस में घुटने तक पानी भर गया है.

हर साल बारिश में स्कूल के सामने एक बड़ा सा तालाब बन जाता है, जहां बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए घुटने तक पानी को पार कर जाना पड़ता है.

बच्चे भुगत रहे खामियाजा
बच्चे बताते हैं कि कई बार वो पानी और कीचड़ की वजह से फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे उनकी स्कूल ड्रेस खराब हो जाती है और वापस घर जाना पड़ता है, जिस वजह से उनकी एक दिन की पढ़ाई खराब हो जाती है.

ये भी पढ़े : स्कूल है जर्जर, सांसत में रहती है जान, देश के 'भविष्य' का कौन रखेगा ध्यान

ऐसा नहीं है कि स्कूल की इस स्थिति के बारे में किसी अधिकारी को जानकारी नहीं है, बल्कि उन्हें सब पता होने के बाद भी कोई स्कूल की इस परेशानी पर ध्यान नहीं दे रहा है. इसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले नन्हे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

ये भी पढ़े : छत से टपकते पानी के बीच छाता लेकर पढ़ने को मजबूर हैं यहां के छात्र, देखिए रिपोर्ट

किया जाएगा निरीक्षण
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि, 'एक दिन में पानी गिरकर रुकने के बाद सूख जाता है, लेकिन अगर फिर भी दिक्कत हो रही है, तो वहां जाकर निरीक्षण किया जाएगा. अगर समतलीकरण की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.'

कवर्धा : जिले के लोहारा विकासखंड के ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल कैंपस का नजारा कुछ इस तरह का बन चुका है कि अब वो स्कूल कम और स्वीमिंग पूल ज्यादा लगने लगा है.

ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल कैंपस में घुटने तक पानी भर गया है.

हर साल बारिश में स्कूल के सामने एक बड़ा सा तालाब बन जाता है, जहां बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए घुटने तक पानी को पार कर जाना पड़ता है.

बच्चे भुगत रहे खामियाजा
बच्चे बताते हैं कि कई बार वो पानी और कीचड़ की वजह से फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे उनकी स्कूल ड्रेस खराब हो जाती है और वापस घर जाना पड़ता है, जिस वजह से उनकी एक दिन की पढ़ाई खराब हो जाती है.

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ऐसा नहीं है कि स्कूल की इस स्थिति के बारे में किसी अधिकारी को जानकारी नहीं है, बल्कि उन्हें सब पता होने के बाद भी कोई स्कूल की इस परेशानी पर ध्यान नहीं दे रहा है. इसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले नन्हे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

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किया जाएगा निरीक्षण
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि, 'एक दिन में पानी गिरकर रुकने के बाद सूख जाता है, लेकिन अगर फिर भी दिक्कत हो रही है, तो वहां जाकर निरीक्षण किया जाएगा. अगर समतलीकरण की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.'

Intro:कवर्धा- बारिश ने खोली प्रशासन की पोल । घुटने तक पानी को पार कर पहुंचे है बच्चे स्कूल । जिले के ग्राम रणवीरपुर का मामला।Body:एंकर- संभलकर बच्चों अगर गिर गऐ तो स्कूल नही घर जाना पड जाऐगा। यहां हाल स्कूल का है जहा शासन और प्रशासन करोड़ों खर्च कर बच्चों को स्कूल मे सुविधा मुहैया करती है उसी स्कूल का यहां है हाल की बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए घुटने ताक पानी से पार करना पडता है । और कोई बच्चों कही फिसल कर गिर गया तो उसे स्कूल नही घर लौटना पड जाता है। जी हा आपने जो सुना ओ सही सुना । यहां दशा है कवर्धा जिले के लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम रणवीरपुर के शासकीय प्राथमिक शाला एवं शासकीय पूर्व माधमिक विद्यालय रणवीरपुर पुरा का जहा हर वर्ष बारिश के मौसम आते ही स्कूल के सामने एक बडा़ सा तलाब से बन जाता है जहा से बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए घुटनों तक पानी को पार करके जाना पडता है। बच्चे बताते है कई दफे तो बच्चे फिसल कर गिर भी जाते है। और किचड से कपडे मौले हो जाते है इस कारण उनको घर लौटना पड जाता है और उनकी एक दिन की पढहाई नुकसान हो जाती है। ऐसा नही है ऐसा नही है की स्कूल के स्तिथि के बारे मे किसी अधिकारी को जानकारी भी ना हो जानकारी है पर ध्यान नही दे रहे है। और इसका खामियाजा इस स्कूल मे पढने वाले नन्हे बच्चों को भुगतान पड रहा है। अब आऐसे मे कैसे पढे और कैसे बढे बच्चे।Conclusion:इस संबंध मे जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उनका कहना है पानी गिरता है तो रुक जाता है फिर पानी सुख जात है और मै एक बार जाके देखुंगा अगर समतलीकरण कराने योग्य होगा तो प्रस्ताव भेजुंगा।
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