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First Ethanol Plant In Kabirdham: कबीरधाम में बना छत्तीसगढ़ का पहला एथेनॉल प्लांट, सीएम भूपेश करेंगे उद्घाटन

First Ethanol Plant In Kabirdham छत्तीसगढ़ में देश के पहले एथेनॉल प्लांट का शुभारंभ होने वाला है.मंगलवार 26 सितंबर को सीएम भूपेश बघेल जनता को कबीरधाम में बने एथेनॉल प्लांट को सौपेंगे.इस प्लांट से बनने वाले एथेनॉल को सीधा ऑयल कंपनियों को दिया जाएगा.प्लांट खुलने से गन्ना उत्पादक किसानों को अब फसल की रकम के लिए इंतजार नहीं करना होगा.

Countrys first ethanol plant built in Kabirdham
कबीरधाम में बना देश का पहला एथेनॉल प्लांट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 25, 2023, 9:33 PM IST

Updated : Sep 26, 2023, 2:20 PM IST

प्रदेश का पहला एथेनॉल प्लांट

कवर्धा : 26 सितंबर 2023 कबीरधाम जिले के लिए ऐतिहासिक दिन है.क्योंकि इस दिन प्रदेश के पहले एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन सीएम भूपेश बघेल वर्चुअली करेंगे.ये प्लांट भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के पास बनाया गया है.जिसका ट्रायल हो चुका है.इस प्लांट से किसानों को भी दोहरा लाभ होगा.वो अपने गन्ने की फसल को शक्कर कारखाने के साथ एथेनॉल प्लांट में भी बेच सकेंगे.खास बात ये रहेगी कि एथेनॉल प्लांट के लिए बेचे गए गन्ने के मूल्य का भुगतान किसानों को जल्दी मिलेगा.

पीपीपी मॉडल के तहत बनाया गया प्लांट : कृषि पर आधारित एथेनॉल प्लांट प्रदेश सरकार की महती परियोजना में शामिल है. यह संयंत्र देश और प्रदेश का पहला पीपीपी मॉडल के तहत तैयार किया गया एथेनॉल प्लांट है.इस प्लांट से जिले के गन्ना किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. इसके अलावा स्थानीय युवकों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.

कब मिली थी प्लांट को मंजूरी ? : इस परियोजना की मंजूरी साल 2020 में भूपेश कैबिनेट ने दी थी.जिसके बाद प्रदेश में दो एथेनॉल प्लांट बनाने का फैसला लिया गया. पहला एथेनॉल प्लांट कबीरधाम जिले के भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के पास बना.जबकि दूसरा प्लांट कोंडागांव में बनाया जा रहा है.कोंडागांव में बन रहे प्लांट में मक्का से एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा. अगले साल तक कोंडागांव के एथेनॉल प्लांट के शुरु होने की उम्मीद है.

प्लांट से कितना होगा उत्पादन ? : भोरमदेव शक्कर कारखाने के पास लगे एथेनॉल प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 80 हजार लीटर उत्पादन करने की है. इसके लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना के मोलासिस (शक्कर का वेस्ट पानी) का इस्तेमाल भी किया जाएगा.इसके बाद एथेनॉल को सीधे बायो फ्यूल के लिए ऑयल कंपनियों को सप्लाई किया जाएगा.एथेनॉल प्लांट के निर्माण के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी लिमिटेड की सहायक इकाई NKJ BIO Fule Limited के बीच अनुबंध हुआ है. एथेनॉल प्लांट में स्थानीय युवकों को रोजगार भी मिलेगा.भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक बीएस ठाकुर ने बताया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाला ये देश का पहला एथेनॉल प्लांट है.

'' प्लांट को कारखाने के 35 एकड़ खाली जमीन पर लगभग 80 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है. यह प्लांट को हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है. जिसमें पेराई सीजन में शीरा (जूस) और ऑफ सीजन में मोलासिस का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रतिदिन 80 हजार लीटर एथेनॉल को सीधे बायो फ्यूल बनाने के लिए ऑयल कंपनियों को सप्लाई किया जाएगा.'' बीएस ठाकुर, जनरल मैनेजर, शक्कर कारखाना



किसानों को होगा दोगुना मुनाफा : कवर्धा जिले के दोनों शक्कर कारखाना के शेयर धारक किसान अपना गन्ना फैक्ट्री में बेचते हैं. लेकिन फसल का भुगतान शक्कर बिकने के बाद होता है. शक्कर भी केंद्र सरकार के निर्देश के बाद ही बेचा जाता है. कभी-कभी इंटरनेशनल मार्केट में रेट डाउन होने पर केंद्र सरकार विक्रय में रोक लगा देती है.ऐसे में किसानों को अपने पैसों के लिए शक्कर बिकने का इंतजार करना होता है. लेकिन अब एथेनॉल प्लांट खुलने से राज्य सरकार जरुरत के मुताबिक ही शक्कर निर्माण करेगी.इसके बाद बचे हुए गन्ने से एथेनॉल बनाएगी.जिसका भुगतान किसानों को तुरंत हो जाएगा.साथ ही साथ किसानों से गन्ना भी अधिक मात्रा में लिया जाएगा.

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क्या है एथेनॉल ? : एथेनॉल एक तरह का एल्कोहल है. जिसे वाहन में ईंधन के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है. एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है.इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोआक्साइड का उत्सर्जन होता है. इसी के साथ हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मौजूदगी को भी एथेनॉल कम करता है.

प्रदेश का पहला एथेनॉल प्लांट

कवर्धा : 26 सितंबर 2023 कबीरधाम जिले के लिए ऐतिहासिक दिन है.क्योंकि इस दिन प्रदेश के पहले एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन सीएम भूपेश बघेल वर्चुअली करेंगे.ये प्लांट भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के पास बनाया गया है.जिसका ट्रायल हो चुका है.इस प्लांट से किसानों को भी दोहरा लाभ होगा.वो अपने गन्ने की फसल को शक्कर कारखाने के साथ एथेनॉल प्लांट में भी बेच सकेंगे.खास बात ये रहेगी कि एथेनॉल प्लांट के लिए बेचे गए गन्ने के मूल्य का भुगतान किसानों को जल्दी मिलेगा.

पीपीपी मॉडल के तहत बनाया गया प्लांट : कृषि पर आधारित एथेनॉल प्लांट प्रदेश सरकार की महती परियोजना में शामिल है. यह संयंत्र देश और प्रदेश का पहला पीपीपी मॉडल के तहत तैयार किया गया एथेनॉल प्लांट है.इस प्लांट से जिले के गन्ना किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. इसके अलावा स्थानीय युवकों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.

कब मिली थी प्लांट को मंजूरी ? : इस परियोजना की मंजूरी साल 2020 में भूपेश कैबिनेट ने दी थी.जिसके बाद प्रदेश में दो एथेनॉल प्लांट बनाने का फैसला लिया गया. पहला एथेनॉल प्लांट कबीरधाम जिले के भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के पास बना.जबकि दूसरा प्लांट कोंडागांव में बनाया जा रहा है.कोंडागांव में बन रहे प्लांट में मक्का से एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा. अगले साल तक कोंडागांव के एथेनॉल प्लांट के शुरु होने की उम्मीद है.

प्लांट से कितना होगा उत्पादन ? : भोरमदेव शक्कर कारखाने के पास लगे एथेनॉल प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 80 हजार लीटर उत्पादन करने की है. इसके लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना के मोलासिस (शक्कर का वेस्ट पानी) का इस्तेमाल भी किया जाएगा.इसके बाद एथेनॉल को सीधे बायो फ्यूल के लिए ऑयल कंपनियों को सप्लाई किया जाएगा.एथेनॉल प्लांट के निर्माण के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी लिमिटेड की सहायक इकाई NKJ BIO Fule Limited के बीच अनुबंध हुआ है. एथेनॉल प्लांट में स्थानीय युवकों को रोजगार भी मिलेगा.भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक बीएस ठाकुर ने बताया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाला ये देश का पहला एथेनॉल प्लांट है.

'' प्लांट को कारखाने के 35 एकड़ खाली जमीन पर लगभग 80 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है. यह प्लांट को हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है. जिसमें पेराई सीजन में शीरा (जूस) और ऑफ सीजन में मोलासिस का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रतिदिन 80 हजार लीटर एथेनॉल को सीधे बायो फ्यूल बनाने के लिए ऑयल कंपनियों को सप्लाई किया जाएगा.'' बीएस ठाकुर, जनरल मैनेजर, शक्कर कारखाना



किसानों को होगा दोगुना मुनाफा : कवर्धा जिले के दोनों शक्कर कारखाना के शेयर धारक किसान अपना गन्ना फैक्ट्री में बेचते हैं. लेकिन फसल का भुगतान शक्कर बिकने के बाद होता है. शक्कर भी केंद्र सरकार के निर्देश के बाद ही बेचा जाता है. कभी-कभी इंटरनेशनल मार्केट में रेट डाउन होने पर केंद्र सरकार विक्रय में रोक लगा देती है.ऐसे में किसानों को अपने पैसों के लिए शक्कर बिकने का इंतजार करना होता है. लेकिन अब एथेनॉल प्लांट खुलने से राज्य सरकार जरुरत के मुताबिक ही शक्कर निर्माण करेगी.इसके बाद बचे हुए गन्ने से एथेनॉल बनाएगी.जिसका भुगतान किसानों को तुरंत हो जाएगा.साथ ही साथ किसानों से गन्ना भी अधिक मात्रा में लिया जाएगा.

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क्या है एथेनॉल ? : एथेनॉल एक तरह का एल्कोहल है. जिसे वाहन में ईंधन के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है. एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है.इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोआक्साइड का उत्सर्जन होता है. इसी के साथ हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मौजूदगी को भी एथेनॉल कम करता है.

Last Updated : Sep 26, 2023, 2:20 PM IST
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