कवर्धा: जिले में मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक एक महीने से बीमार था. सेहत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मंगलवार की रात मौत हो गई. इसके बाद मृतक के परिजनों ने उसके शव को दफनाने की इच्छा जाहिर की, तो प्रशासन ने उन्हें शव ले जाने की अनुमति नहीं दी. जिसके बाद रायपुर के एक कब्रिस्तान में इस्लामिक रीति-रिवाज से मृतक को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
सामाजिक स्तर पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने के लिए दावते इस्लामी के लोग समाने आए. बताया जा रहा है कि कवर्धा में मुस्लिम समाज का पहला मैय्यत होने के कारण रायपुर के दावते इस्लामी की टीम से संपर्क किया गया. जहां भी मुस्लिम समाज के व्यक्ति की कोरोना से मौत होती है, वहां दावते इस्लामी के लोग मुस्लिम रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करते हैं.
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'जिंदगी और मौत अल्लाह के हाथ में है'
कवर्धा मुस्लिम समाज के नयाब मुतवल्ली (उपाध्यक्ष) अब्दुल सईद ने बताया कि जिंदगी और मौत अल्लाह के हाथ में है और दुनिया में रहकर हर व्यक्ति अपने हिसाब से अपनी जिंदगी जीता है. लेकिन मौत होने के बाद उसका अंतिम संस्कार उसके धार्मिक रीति-रिवाज से होता है, तो उसकी आत्मा को शांति मिलती है. कोरोना काल में संक्रमित की मौत के बाद मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान संक्रमण अन्य व्यक्ति में फैलने से रोकने के उद्देश्य से कवर्धा में दावते इस्लामी की टीम बनाई गई है.
छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे कोरोना के आकंड़े
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 10 हजार 655 हो चुकी है. इनमें से 78 हजार 514 लोगों को ठीक कर लिया गया है. बाकी बचे हुए मरीजों का इलाज अलग-अलग कोविड-19 अस्पतालों में जारी है. इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराने वालों की संख्या 28 हजार 722 है.