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सिस्टम का सितमः शिक्षा के लिए जान जोखिम में डाल रहे ये नौनिहाल

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Published : Sep 7, 2019, 8:03 AM IST

Updated : Sep 7, 2019, 11:44 AM IST

हाफ नदी पर बना पुल का किनारा भारी बारिश के कारण नदी में बह गया है. वहीं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दामापुर के बच्चे जान जोखिम में डालकर इस नदी को पारकर स्कूल जाने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

कवर्धा : प्रदेश में सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने और स्कूल भवन निर्माण के पीछे करोड़ों रुपए खर्च कर देती है, लेकिन व्यवस्था में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. यही कारण है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दामापुर के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर हाफ नदी के तेज बहाव को पारकर स्कूल जाने को मजबूर हैं.

शिक्षा के जान जोखिम में डाल रहे ये नौनिहाल

बताया जा रहा है कि साल 2014-15 में लगभग 45 लाख की लागत से यहां पुल का निर्माण किया गया था, जिसने पांच साल के भीतर ही प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है. पुल का दोनों किनारा नदी में बह गया है, जिसमें आमादाह, प्राणखैरा, कोडवा और बंशापुर गांव के सैकड़ों स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. साल 2018 से यही स्थिति बनी हुई है. प्रशासन को मामले की जानकारी दी गई है, बावजूद इसके सरकार खामोश नजर आ रही है.

इस पूरे मामले को लेकर अभिभावक और ग्रामीणों ने कई बार लिखित शिकायत दी है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी मामले की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं और झूठा दिलासा देते हुए जल्द ही जांच कर व्यवस्था को दुरुस्त कराने की बात कह रहें हैं.

कवर्धा : प्रदेश में सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने और स्कूल भवन निर्माण के पीछे करोड़ों रुपए खर्च कर देती है, लेकिन व्यवस्था में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. यही कारण है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दामापुर के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर हाफ नदी के तेज बहाव को पारकर स्कूल जाने को मजबूर हैं.

शिक्षा के जान जोखिम में डाल रहे ये नौनिहाल

बताया जा रहा है कि साल 2014-15 में लगभग 45 लाख की लागत से यहां पुल का निर्माण किया गया था, जिसने पांच साल के भीतर ही प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है. पुल का दोनों किनारा नदी में बह गया है, जिसमें आमादाह, प्राणखैरा, कोडवा और बंशापुर गांव के सैकड़ों स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. साल 2018 से यही स्थिति बनी हुई है. प्रशासन को मामले की जानकारी दी गई है, बावजूद इसके सरकार खामोश नजर आ रही है.

इस पूरे मामले को लेकर अभिभावक और ग्रामीणों ने कई बार लिखित शिकायत दी है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी मामले की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं और झूठा दिलासा देते हुए जल्द ही जांच कर व्यवस्था को दुरुस्त कराने की बात कह रहें हैं.

Intro:कवर्धा-शासन-प्रशासन शासकीय स्कूलों की तश्वीर सुधारने के उद्देश्य से करोड़ों रुपया खर्च करती है,लेकिन कवर्धा जिले में भ्रष्टाचार के कारण तश्वीर धुंधली ही नजर आ रही है,यही कारण है कि स्कूली बच्चे अपने जान जोखिम में डालकर नदी के तेज बहाव को पारकर स्कूल जाने को मजबूर हैं।Body:हम बात कर रहे हैं कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखण्ड अन्तर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दामापुर की,जहां बच्चे अपने जिंदगी और मौत के बीच तेज बहाव हाफनदी की फासला को रोजाना पार कर स्कूल पहुंचते हैं। दरअसल वर्ष 14-15 में लगभग 45 लाख की लागत से यहाँ पुल का निर्माण किया गया था,जो पांच ही वर्ष में भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है,हालात ये है कि पुल के दोनों किनारे नदी में बह गया है,जिसमें आमादाह, प्राणखैरा,कोडवा,और बंशापुर गांव के सैकडों स्कूली बच्चे अपने जान जोखिम में डालकर पहुंच रहें हैं,वर्ष 2018 से यह स्थिति बनी हुई है,और कई बार प्रशासन को स्थिति से अवगत कराने के बाद भी हालात जस के तस बनी हुई है।शायद शासन प्रशासन को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है।Conclusion:वही इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अनजान बनकर ऐसी की हवा और चमचमाती कुर्सी में आराम फरमा रहें हैं और मामले की जानकारी नही होने की झूठी दलील देते हुए जांच कर व्ययवस्था दुरुस्त करने की बात कह रहें हैं।जबकि अभिभावक व ग्रामीणों ने कई दफा लिखित में शिकायत कर चुके हैं।
अब देखना यह होगा कि शासन और प्रशासन के तमाम नुमाइंदे इस तश्वीर से स्कूली बच्चों को कितना जल्दी बाहर निकाल पाते है।

बाईट-01-अश्वनी यदु,स्थानीय
बाईट-02-अशोक साहू, अभिभावक
बाईट-03-केएल महिलांगे, डीईओ कवर्धा
Last Updated : Sep 7, 2019, 11:44 AM IST
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