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साक्षरता मिशन के पूर्व प्रेरकों का भूपेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन - मंत्री टीएस सिंहदेव

1 सूत्रीय मांगों को लेकर साक्षरता मिशन के पूर्व प्रेरकों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान प्रेरकों ने सीएम भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.

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प्रेरकों का प्रदर्शन
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Published : Feb 25, 2021, 9:53 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 3:45 PM IST

जशपुर: जिला मुख्यालय में अपनी 1 सूत्रीय मांगों को लेकर साक्षरता मिशन के पूर्व प्रेरकों ने धरना प्रदर्शन किया. प्ररकों ने शहर में रैली निकालकर भूपेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. इस दौरान प्रेरकों ने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सरकार के वादे को याद दिलाते हुए अन्य विभागों में नौकरी दिलाने की मांग की. प्रेरकों ने 10 दिनों में मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें डिस्पोजल की तरह यूज किया.

प्रेरकों का प्रदर्शन

2 हजार मानदेय पर हुई थी नियुक्ति

जिले के साक्षरता मिशन के पूर्व प्रेरकों ने रंजीता स्टेडियम चौराहे पर धरना देकर शहर में रैली निकाली. इस दौरान प्रेरक संघ के जिला सचिव श्रवण कुमार ने बताया कि भारत साक्षरता मिशन में उन्हें प्रदेश सरकार ने 2 हजार के मानदेय पर 2006 और 2007 में नियुक्त किया था. उन्हें शहर से लेकर गांव में रहने वाले लोगों को साक्षर मिशन से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया था. अपने दायित्व को जिले के सभी प्रेरकों ने मेहनत के साथ पूरा किया. लेकिन मार्च 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने साक्षरता मिशन पूरा होने की बात कहते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.

प्रेरक संघ का विरोध प्रदर्शन, भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

3 महीने में नौकरी देने का किया था वादा

सचिव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस सरकार बनने पर 3 महीने के अंदर प्रदेश के सभी प्रेरकों को दूसरे विभागों में नियुक्ति और नौकरी में समायोजित करने का लिखित भरोसा दिया था. लेकिन करीब ढाई साल गुजर जाने के बाद भी सरकार उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं दे रही है.

सरकार से भविष्य सवरने की थी उम्मीद

प्रेरक योगिता तिर्की ने कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव के लिखित आश्वासन के बाद उन्हें भविष्य संवरने की उम्मीद थी. लेकिन सरकार की चुप्पी की वजह से उन्हें भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. नाराज प्रेरकों का कहना था कि सरकार ने उनका डिस्पोजल की तरह इस्तेमाल किया. उपयोग खत्म होने के बाद उन्हें बाहर फेंक दिया गया.

भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी

सैकड़ों की संख्या में एकजुट हुए प्रेरकों ने प्रदेश सरकार को चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है. प्रेरकों ने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होगी तो सभी प्रेरक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

जशपुर: जिला मुख्यालय में अपनी 1 सूत्रीय मांगों को लेकर साक्षरता मिशन के पूर्व प्रेरकों ने धरना प्रदर्शन किया. प्ररकों ने शहर में रैली निकालकर भूपेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. इस दौरान प्रेरकों ने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सरकार के वादे को याद दिलाते हुए अन्य विभागों में नौकरी दिलाने की मांग की. प्रेरकों ने 10 दिनों में मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें डिस्पोजल की तरह यूज किया.

प्रेरकों का प्रदर्शन

2 हजार मानदेय पर हुई थी नियुक्ति

जिले के साक्षरता मिशन के पूर्व प्रेरकों ने रंजीता स्टेडियम चौराहे पर धरना देकर शहर में रैली निकाली. इस दौरान प्रेरक संघ के जिला सचिव श्रवण कुमार ने बताया कि भारत साक्षरता मिशन में उन्हें प्रदेश सरकार ने 2 हजार के मानदेय पर 2006 और 2007 में नियुक्त किया था. उन्हें शहर से लेकर गांव में रहने वाले लोगों को साक्षर मिशन से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया था. अपने दायित्व को जिले के सभी प्रेरकों ने मेहनत के साथ पूरा किया. लेकिन मार्च 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने साक्षरता मिशन पूरा होने की बात कहते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.

प्रेरक संघ का विरोध प्रदर्शन, भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

3 महीने में नौकरी देने का किया था वादा

सचिव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस सरकार बनने पर 3 महीने के अंदर प्रदेश के सभी प्रेरकों को दूसरे विभागों में नियुक्ति और नौकरी में समायोजित करने का लिखित भरोसा दिया था. लेकिन करीब ढाई साल गुजर जाने के बाद भी सरकार उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं दे रही है.

सरकार से भविष्य सवरने की थी उम्मीद

प्रेरक योगिता तिर्की ने कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव के लिखित आश्वासन के बाद उन्हें भविष्य संवरने की उम्मीद थी. लेकिन सरकार की चुप्पी की वजह से उन्हें भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. नाराज प्रेरकों का कहना था कि सरकार ने उनका डिस्पोजल की तरह इस्तेमाल किया. उपयोग खत्म होने के बाद उन्हें बाहर फेंक दिया गया.

भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी

सैकड़ों की संख्या में एकजुट हुए प्रेरकों ने प्रदेश सरकार को चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है. प्रेरकों ने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होगी तो सभी प्रेरक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

Last Updated : Feb 26, 2021, 3:45 PM IST
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