जशपुर: निजी स्कूल और स्कूल बस संचालकों की शनिवार को बैठक हुई. इस बैठक में एसपी ने सभी संचालकों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित मापदंड का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. एसपी ने कमी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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इस बैठक में कलेक्टर और एसपी ने स्कूल संचालकों को नाबालिग छात्र-छात्राओं द्वारा दो पहिया वाहन लेकर स्कूल आने की बढ़ती हुई मनोवृत्ति पर चिंता जताई. एसपी ने संचालकों से ऐसे छात्रों के अभिभावकों से चर्चा कर बगैर लाइसेंस और हेलमेट के दो पहिया वाहन न देने की समझाइश देने की अपील की. उन्होनें संचालकों से कहा कि छात्र देश के भविष्य हैं. उनकी सुरक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है. नाबालिग बच्चों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की जानकारी नहीं होती है. ऐसे में दुर्घटना का शिकार होने की आशंका अधिक होती है. इसलिए ऐसी प्रवृति को रोकना होगा.
चर्चा के दौरान स्कूल संचालकों ने कई बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी छात्र और अभिभावकों द्वारा इसे गंभीरता से न लिए जाने की शिकायत की. एसपी ने ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन द्वारा हरसंभव सहायता किए जाने का आश्वासन स्कूल संचालकों को दिया. इस बैठक में कलेक्टर रितेश अग्रवाल और एसपी डी रविशंकर ने छात्रों की मोबाइल से बढ़ते लगाव पर भी चिंता जताई.
कलेक्टर ने कहा कि छात्र जीवन का लक्ष्य अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करने और ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में करने की होनी चाहिए. लेकिन कोरोनाकाल के दौरान मोबाइल के उपयोग ने छात्रों के जीवन में अंदर तक घुसपैठ कर कई विकृतियां उत्पन्न कर दी है. ऑनलाइन गेम के चक्कर में फंस कर बच्चे जाने अनजाने अपना समय और माता पिता की कमाई गवां रहें हैं. जिले में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए इस प्रवृत्ति से बच्चों को उबारना जरूरी है. एसपी डी रविशंकर ने इसके लिए स्कूल संचालकों को अभिभावकों से चर्चा करने के साथ ही बच्चों को खेलकूद, सामाजिक और रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त करने का सुझाव दिया.