जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा के केएसके महानदी पावर प्लांट में मंगलवार को एक मजदूर का शव मिला है. फांसी के फंदे पर मजदूर का शव लटका हुआ पाया गया है. मजदूर का नाम हुकुम सिंह मरावी है. परिजनों ने प्लांट प्रबंधन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद शव को कब्जे में लिया. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पामगढ़ अस्पताल भेज दिया है. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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नोटिस मिलने पर ड्यूटी पहुंचा मजदूर, कर लिया सुसाइड: मुलमुला थाना क्षेत्र में केएसके महानदी पावर प्लांट स्थित है. जिसमें रोगदा गांव के हुकुम सिंह मरावी की जमीन अधिग्रहित की गई और जमीन के बदले हुकुम सिंह को वाटर केमेस्ट्री विभाग में सीनियर हेल्पर की नौकरी दी गई थी. कुछ दिन से हुकुम सिंह मरावी ड्यूटी नहीं आ रहे थे. जिस पर प्लांट प्रबंधन ने उसे नोटिस जारी किया था. नोटिस के बाद मंगलवार की सुबह ड्यूटी करने प्लांट पहुंचा और पंच कर उपस्थिति दर्ज कराने गया. लेकिन उसका कार्ड ब्लॉक होने के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं हुई. हुकुम सिंह वहां से अपने कार्यस्थल की ओर चला गया. कुछ समय बाद प्लांट के पास सीढ़ी में सीनियर हेल्पर ने फांसी लगा कर सुसाइड कर लिया.
8 घंटा बाद हुआ समझौता: मजदूर हुकुम सिंह मरावी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने की सूचना मिलने के बाद परिजन और प्लांट के कर्मचारी इकट्ठा हो गए. प्लांट प्रबंधन पर प्रताड़ना करने का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ उचित मुआवजा की मांग की. इस बीच अकलतरा पुलिस और मुलमुला पुलिस मौके पर पहुंची. परिजनों के आक्रोश के कारण 8 घंटे तक पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाई. आखिरकार प्लांट प्रबंधन ने समझौता कर लिखित आश्वासन दिया है.
मृतक के हाथ में मिला सुसाइड पत्र: अकलतरा थाना प्रभारी लकेश केवट ने बताया " मृतक हुकुम सिंह के पास एक पत्र भी बरामद किया गया है, जिसमें केएसके प्लांट में नौकरी करना और अपने परिवार से बहुत प्यार करना लिखा है.'' हालांकि पुलिस इसे सुसाइड नोट नहीं मान रही है. लेकिन मृतक के हाथ मिले पत्र का फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट से जांच कराने के लिए भी भेजा जाएगा.
समझौता में क्या है: प्लांट प्रबंधन ने मृतक के परिजनों के साथ लिखित समझौता किया है. जिसमें मृतक की पत्नी को नौकरी या भत्ता या उसके पुत्र को नौकरी दिए जाने की सहमति दी है. साथ ही मृतक के पुत्र के शिक्षा का खर्च कंपनी द्वारा दिए जाने का आश्वासन दिया है. इसके अलावा कंपनी द्वारा 30 लाख रुपए का भुगतान करने और पीएफ के साथ सभी भुगतान 2 महीने के भीतर करने का लिखित आश्वासन दिया गया है.