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सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव ने जगाई शिक्षा की अलख, जानिए कैसे लाई समाज में क्रांति ?

Suryansh Shiksha Maha Mahotsav अंतराष्ट्रीय सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव का आयोजन जांजगीप चांपा के सिवनी गांव में किया गया. 23 दिसंबर से शुरु हुए महोत्सव में देश के अलग अलग स्थानों से समाज के बड़े पदों में आसीन लोग पहुंचे.इस दौरान सभी ने शिक्षा के महत्त्व को बताया. 27 दिसंबर तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव के माध्यम से सूर्यबंशी समाज ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कला और सामाजिक समरसता को बनाए रखने की पहल की है. Flame Of Education In Janjgir Champa

Suryansh Shiksha Maha Mahotsav
सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव ने जगाई शिक्षा की अलख
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 27, 2023, 5:43 PM IST

सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव ने जगाई शिक्षा की अलख

जांजगीर चांपा : सिवनी गांव में सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव का आयोजन पिछले 9 साल से किया जा रहा है. यह मेला महोत्सव दूसरे मेलों से इसलिए अलग है क्योंकि यहां ज्ञान की गंगा बहती है. यहां आने वाले लोग शिक्षा के प्रति समर्पित होते हैं. यहां आने वाले विद्वान समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. आयोजन समिति ने ज्ञान को ही जीवन का मूल आधार बताया है. आयोजन स्थल में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य कैम्प, सामूहिक विवाह और पीएससी पैटर्न पर टेस्ट के साथ शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम करते हैं.


विदेश से भी जुड़ते हैं लोग : सूर्यवंशी समाज ने पहले इसे सामाजिक युवा को शिक्षा के क्षेत्र मे आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुरु किया था. लेकिन अब इस महोत्सव में दूसरे समाज के जुड़ाव के बाद सर्व समाज को शामिल किया गया है. यहां साल भर पीएससी के लिए निशुल्क तैयारी करवाई जाती है. प्राथमिक स्कूल के माध्यम से बच्चों को स्कूल से जोड़ा जा रहा है.आयोजन समिति का दावा है कि सूर्यांश शिक्षा में प्रशिक्षण पाने के बाद कई बच्चों ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की है.



समाज से जुड़े पांच गुरुओं की आराधना : सूर्यांश शिक्षण समिति समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले पांच गुरुओं की आराधना करती है. पंच गुरुओं को देव के तुल्य माना जाता है.पंच गुरुओं में सहस राम देव, मालिक राम देव, मोहर साय देव, देवमन देव और सखा राम देव प्रमुख हैं. जिन्होंने समाज के लोगों को घर-घर जाकर शिक्षा का पाठ पढ़ाया.समाज के लोगों ने आजादी के बाद भी सामाजिक स्तर में शिक्षा को महत्व नहीं मिलने की पीड़ा को बताया.

देश और विदेश के लोग होते हैं शामिल : सिवनी जैसे छोटे से गांव में शिक्षा को प्रमुख मानकर किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव आज लोगों के लिए प्रेरणा है. इसलिए इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश और दूसरे देश में रहने वाले सामाजिक लोग शामिल होते हैं. कई लोग वर्चुअल जुड़कर समाज के लोगों को ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं.

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सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव ने जगाई शिक्षा की अलख

जांजगीर चांपा : सिवनी गांव में सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव का आयोजन पिछले 9 साल से किया जा रहा है. यह मेला महोत्सव दूसरे मेलों से इसलिए अलग है क्योंकि यहां ज्ञान की गंगा बहती है. यहां आने वाले लोग शिक्षा के प्रति समर्पित होते हैं. यहां आने वाले विद्वान समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. आयोजन समिति ने ज्ञान को ही जीवन का मूल आधार बताया है. आयोजन स्थल में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य कैम्प, सामूहिक विवाह और पीएससी पैटर्न पर टेस्ट के साथ शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम करते हैं.


विदेश से भी जुड़ते हैं लोग : सूर्यवंशी समाज ने पहले इसे सामाजिक युवा को शिक्षा के क्षेत्र मे आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुरु किया था. लेकिन अब इस महोत्सव में दूसरे समाज के जुड़ाव के बाद सर्व समाज को शामिल किया गया है. यहां साल भर पीएससी के लिए निशुल्क तैयारी करवाई जाती है. प्राथमिक स्कूल के माध्यम से बच्चों को स्कूल से जोड़ा जा रहा है.आयोजन समिति का दावा है कि सूर्यांश शिक्षा में प्रशिक्षण पाने के बाद कई बच्चों ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की है.



समाज से जुड़े पांच गुरुओं की आराधना : सूर्यांश शिक्षण समिति समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले पांच गुरुओं की आराधना करती है. पंच गुरुओं को देव के तुल्य माना जाता है.पंच गुरुओं में सहस राम देव, मालिक राम देव, मोहर साय देव, देवमन देव और सखा राम देव प्रमुख हैं. जिन्होंने समाज के लोगों को घर-घर जाकर शिक्षा का पाठ पढ़ाया.समाज के लोगों ने आजादी के बाद भी सामाजिक स्तर में शिक्षा को महत्व नहीं मिलने की पीड़ा को बताया.

देश और विदेश के लोग होते हैं शामिल : सिवनी जैसे छोटे से गांव में शिक्षा को प्रमुख मानकर किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव आज लोगों के लिए प्रेरणा है. इसलिए इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश और दूसरे देश में रहने वाले सामाजिक लोग शामिल होते हैं. कई लोग वर्चुअल जुड़कर समाज के लोगों को ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं.

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