जांजगीर-चांपा: चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के कटेकोनी गांव के आश्रित मोहल्ला कर्राखाई में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. ग्राम कर्राखाई से ग्राम पंचायत मुख्यालय तक जाने के लिए भी कोई पहुंच मार्ग नहीं है. इस गांव में करीबन 400 लोग हैं, जिन्हें अपनी जिंदगी अभाव में गुजारनी पड़ रही है. इस गांव में आंगनबाड़ी भवन की भी सुविधा नहीं है, जिस कारण यहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित नहीं है. वहीं प्रयामरी स्कूल भवन जर्जर हो चुका है, जिसके कारण नौनिहाल जर्जर भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
बारिश से सड़क तलाब में हो जाती है तबदील
चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों की हालत भी दयनीय हो चुकी है. हर साल बेमौसम बारिश से सड़क तलाब में तब्दील हो जाती है, जिसके कारण आम नागरिकों का इस पर चलना मुश्किल हो जाता है. लेकिन आज भी प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि आजादी को 60 से ज्यादा साल बीत जाने के बाद भी गांव को पक्की सड़क तक नसीब हुई है. विकास से कोसों दूर ग्राम दलालपाली पक्की सड़क के लिए सालों से तरस रहा है.
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वोट मांगने आते हैं जनप्रतिनिधि
ग्रामीण ने कहा कि ग्राम कर्राखाई मे सड़क की कोई सुविधा नहीं है. पहुंच मार्ग इतना खराब हो चुका है कि बारिश के दिनों में पैदल चलना मुश्किल है. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान सिर्फ वोट मांगने नेता गांव पहुंचते हैं और उसके बाद कभी नजर नहीं आते. ग्रामीणों ने विकास के नाम पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया.
आए दिन होती पानी और बिजली की समस्या
इस मोहल्ले में आंगनबाड़ी भवन स्वीकृति नहीं किया गया है, जिस कारण यहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित नहीं है. प्रायमरी स्कूल का भवन इतना जर्जर हो चुका है, कि नौनिहाल जर्जर भवन में पढ़ाई करने पर मजबूर हो चुके हैं. वहीं मोहल्ले में बारिश के दिनों में बिजली और पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है.
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कुंभकरण की नींद सो रहे अफसर
ग्रामीणों ने कहा कि कई बार आंदोलन कर चुके हैं, इसके बाद भी लोक निर्माण विभाग के आला अफसर सड़क मरम्मत और डामरीकरण करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जबकि ग्रामीणों ने डामरीकरण कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अबतक अधिकारियों की नींद नहीं खुली. ग्रामीण ने बताया कि यहां किसी भी ग्रामीण की तबीयत खराब होने से यहां 108 एंबुलेंस, महतारी एक्सप्रेस अन्य सरकारी वाहन मरीजों को लेने मोहल्ले तक नहीं पहुंच पाती है, जिस कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या के बारे में कई बार विधायक, सांसद और कलेक्टर के साथ स्थानीय पंचायत को भी इसकी जानकारी दे चुके हैं, लेकिन अबतक किसी भी समस्या का हल नहीं हुआ है.