जांजगीर चांपा: पामगढ़ ब्लाक के मुलमुला हाई स्कूल की शिक्षिका ने ऐसा काम किया है. जिससे वे एक ही दिन में मशहूर हो गई हैं. सोशल मीडिया में अपलोड हुए वीडियो को छत्तीसगढ़ शासन की अधिकृत वेबसाइट में भी अपलोड किया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी खुद उनका सम्मान करने स्कूल पहुंची है. जिला शिक्षा अधिकारी ने स्टाफ और विद्यार्थियों के सामने शिक्षिका का सम्मान (Honor of the teacher of Mulmula High School) किया है. साथ ही अन्य शिक्षकों को भी छत्तीसगढ़ी भाषा में सप्ताह में एक दिन पढ़ाने का निर्देश दिया.
शिक्षिका ने अंग्रेजी पाठ का छत्तीसगढ़ी भाषा में किया अनुवाद: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ने 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर शिक्षकों से आहवान किया था. उन्होंने कहा था "स्कूलों में छत्तीसगढ़ी भाषा में भी पढ़ाने के लिए शिक्षक पहल करें. जांजगीर चांपा जिला के मुलमुला हाई स्कूल की शिक्षिका ने 6 सितंबर को इंग्लिश विषय को छत्तीसगढ़ी में पढ़ते हुए वीडियो अपलोड किया था. जिसकी सोशल मीडिया पर जमकर प्रशंसा होने लगी है. मुख्यमंत्री के आदेश पर कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका प्रतीक्षा सिंह का सम्मान करने स्कूल पहुंचे. कलेक्टर ने सभी शिक्षकों को इसी तरह नवाचार करने का निर्देश दिया है.
मुलमुला हाई स्कूल की होने लगी चर्चा: बिलासपुर जांजगीर मार्ग में स्थित मुलमुला हाई स्कूल आज जिले ही नहीं प्रदेश में सुर्खियों में आ गया है. यहां की शिक्षिका प्रतीक्षा सिंह ने मुख्यमंत्री के द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के आह्वान के दूसरे दिन ही इंग्लिश विषय को छत्तीसगढ़ी में पढ़ना शुरू किया. स्कूल में पहली बार अंग्रेजी को छत्तीसगढ़ी में पढ़ाने के इस अनुभव को वीडियो भी रिकॉर्ड भी किया और फेस बुक में अपलोड किया गया. इस पोस्ट को सीएम भूपेश बघेल ने देखा और सराहना करते हुए ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया में पोस्ट किया. इस सम्मान को पाकर प्रतीक्षा सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ कलेक्टर और डीईओ को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि "अंग्रेजी भाषा को आसानी से बच्चों को समझाने के लिए हिंदी के बजाय छत्तीसगढ़ी भाषा में ट्रांसलेट किया. जिसका असर बच्चो में तत्काल देखने मिला. बच्चे बड़ी आसानी से उस अध्याय को समझ गए हैं."
देश सेवा से जुड़ा है परिवार: शिक्षिका प्रतीक्षा सिंह का पारिवार सालों से देश सेवा कर रहा है. प्रतीक्षा सिंह के सास ससुर शिक्षक रहे हैं और पति रुद्र प्रताप सिंह नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे.
मुलमुला हाई स्कूल में है शिक्षकों की कमी: मुलमुला हाई स्कूल में विषय के आधार पर शिक्षकों की कमी है. जिसके कारण स्टाफ के टीचर आपस में अतिरिक्त विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी लिए है. प्रतिक्षा सिंह वैसे तो आर्ट्स विषय की टीचर हैं, लेकिन इंग्लिश की टीचर की नियुक्ति नहीं होने और इंग्लिश में अपनी अच्छी पकड़ के कारण इंग्लिश पढ़ाने की जिम्मेदारी ली है. वह नवाचार में विशेष लगाव रखती हैं, जिसके कारण प्रतीक्षा मैडम बच्चों के साथ स्टाफ की भी चहेती हैं.
स्कूल का हाल है बुरा: मुलमुला हाई स्कूल में 9 और 10 की कक्षा में विधार्थियों के दर्ज संख्या 57 है. लेकिन उनके भी बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. अतिरिक्त कमरे में 10वीं के विद्यार्थी पढ़ते हैं. जर्जर भवन होने के कारण 9वीं के विद्यार्थी स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. इस अव्यवस्था के बाद भी स्कूल का नाम प्रदेश में रौशन होने के बाद स्कूल पहुंची जिला शिक्षा अधिकारी ने शासन को स्कूल भवन बनाने का प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया है.