जांजगीर- चांपा: कोरोना पॉजिटिव मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) को लेकर प्रशासन में बेचैनी बढ़ गई है. सैंपलिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (Sampling and contact tracing) पर भी जोर दिया जा रहा है. वहीं वैक्सीन की कमी (lack of vaccine) ने भी मुश्किल बढ़ाई है. क्योंकि जिले में एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से वैक्सीनेशन ठप पड़ा है.
कोरोना के बढ़ते मामलों में सबसे अधिक चिंता पैदा करने वाले जिले में जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) जिला प्रमुख है. क्योंकि मैदानी क्षेत्र होने के कारण जिले में कोरोना की रफ्तार लगातार तेज होने से प्रशासन में बेचैनी है. इधर वैक्सीनेशन भी ठप होने के बाद पर्याप्त वैक्सीन भी नहीं मिलने से मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं.
जिले में कोरोना की रफ्तार प्रदेश में सबसे अधिक
जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) जिला उन 3 जिलों में शामिल है जहां कोरोना के मामले सबसे अधिक आ रहे हैं. बाकी के 2 जिले वनांचल क्षेत्र हैं. लेकिन सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला होने की वजह से जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यह चिंता का प्रमुख कारण है. आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक सप्ताह में जांजगीर-चांपा जिले में जो कोरोना पॉजिटिव (corona positive) के ताजा मामले सामने आए हैं, वह प्रदेश में सबसे अधिक है.
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कोरोना की रफ्तार पर प्रशासन में बेचैनी
कोरोना की ताजा रफ्तार को लेकर प्रशासन में बेचैनी स्वाभाविक है. इस बात को लेकर कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य सेवाएं एवं चिकित्सा अधिकारी ने सभी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों की मीटिंग लेकर अधिक से अधिक कोरोना सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर बल दिया है. इसके लिए न केवल स्वास्थ्य अमला बल्कि अन्य विभागों की मदद के लिए जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया गया है.
Vaccination को लेकर दिक्कत जारी
इधर कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए वैक्सीनेशन अधिक से अधिक किए जाने की आवश्यकता है. लेकिन वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग भी लाचार है. सीएमएचओ डॉ. एसआर बंजारे ने कहा कि जिले को साढ़े आठ हजार के करीब वैक्सीन मिलने की उम्मीद है, जो कि पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही पिछले एक सप्ताह से वैक्सिनेशन भी ठप पड़ चुका था, क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण टीकाकरण कार्यक्रम रोकना पड़ा है. कोरोना टीका की नई खेप जिले को मिल जाने के बाद एक बार फिर आज से वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो गया है. लेकिन वर्तमान में जो वैक्सीन मिली है, वह भी पर्याप्त नहीं है.
सबसे ज्यादा दिक्कत वैक्सीन को लेकर
वैक्सीनेशन में सबसे ज्यादा दिक्कत कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर है. जिसकी उपलब्धता कम है, जबकि शुरुआती दौर में सबसे अधिक इसी वैक्सीन का टीकाकरण अधिक किया गया था. ऐसी स्थिति में बूस्टर डोस के लिए दूसरे चरण का टीका नहीं लग पा रहा है. कोविशील्ड वैक्सीन 84 दिनों के बाद दूसरा टीका लगाया जाता है, लेकिन यह अवधि भी पूरा हो जाने के बाद वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को दूसरा टीका नहीं लगाया जा पा रहा है.
RT-PCR लैब कब शुरू होगी ?
जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में RT-PCR लैब शुरू होने को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. क्योंकि RT-PCR टेस्ट से ही कोरोना रिपोर्ट की एक्यूरेसी सबसे अधिक होती है. इसको लेकर अब भी जांजगीर-चांपा जिला दूसरे जिलों में स्थापित RT-PCR लैब पर निर्भर है. इस वजह से टेस्ट रिपोर्ट आने में काफी लेटलतीफी होती है. ऐसी स्थिति में संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों को भी संक्रमित कर देता है. इसको लेकर सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला जांजगीर-चांपा जिला में RT-PCR लैब स्थापित करने चार महीने ही पहल की गई थी और तेजी से काम शुरू किया गया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद लैब का काम अचानक से ठप पड़ गया है.
अब जबकि लगभग लैब के पूरे काम हो चुके हैं. इसके बावजूद टेक्नीशियन की कमी के कारण लैब की शुरूआत नहीं हो पा रही है. अभी भी जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने एक पखवाड़े बाद लैब शुरू होने की बात कही है. जबकि यह बात लगातार कहीं जा रही है, लेकिन लैब स्थापित नहीं हो पा रहा है. ऐसे में तीसरी लहर कि जो आशंकाएं हैं, उससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.