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धान खरीदी में देरी से किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें - जांजगीर-चांपा

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में हो रही देरी से किसान परेशान हैं.

धान खरीदी में हो रही देरी से अन्नदाता परेशान
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Published : Nov 12, 2019, 11:22 PM IST

पामगढ़/जांजगीर-चांपा : जिले के किसान धान खरीदी में हो रही देरी से परेशान हैं. नवंबर महिने में कटाई-मिंजाई का काम खत्म होने को है. किसान मिंजाई के बाद धान को कृषि मंडी ले जाते हैं. लेकिन इस बार राज्य सरकार के नियमों के चलते मंडी का दरवाजा अभी तक नहीं खुला है. जिसके कारण किसानों को अपना धान घर में रखना पड़ रहा है.

धान खरीदी में हो रही देरी से किसान परेशान हैं

धान खरीदी में हो रही देरी के कारण किसान कई तरह की समस्याओं का सामना रहे हैं. किसानों को धान के सूखने और सूखत के चलते वजन कम होने की चिंता तो है ही साथ ही घर में रखे धान को चूहों के चलते नुकसान का भी डर किसानों को सता रहा है.

पढ़ें :सांसदों से पूछें, क्यों नहीं चावल ले रही केंद्र : भूपेश बघेल

1 दिसंबर से शुरु होगी धान खरीदी

बता दें कि प्रदेश सरकार इस बार 1 दिसंबर से समर्थम मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. जबकि इससे पहले धान खरीदी नवंबर महीने में ही शुरू हो जाती थी, लिहाजा देरी के चलते किसान परेशान हैं.

पामगढ़/जांजगीर-चांपा : जिले के किसान धान खरीदी में हो रही देरी से परेशान हैं. नवंबर महिने में कटाई-मिंजाई का काम खत्म होने को है. किसान मिंजाई के बाद धान को कृषि मंडी ले जाते हैं. लेकिन इस बार राज्य सरकार के नियमों के चलते मंडी का दरवाजा अभी तक नहीं खुला है. जिसके कारण किसानों को अपना धान घर में रखना पड़ रहा है.

धान खरीदी में हो रही देरी से किसान परेशान हैं

धान खरीदी में हो रही देरी के कारण किसान कई तरह की समस्याओं का सामना रहे हैं. किसानों को धान के सूखने और सूखत के चलते वजन कम होने की चिंता तो है ही साथ ही घर में रखे धान को चूहों के चलते नुकसान का भी डर किसानों को सता रहा है.

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1 दिसंबर से शुरु होगी धान खरीदी

बता दें कि प्रदेश सरकार इस बार 1 दिसंबर से समर्थम मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. जबकि इससे पहले धान खरीदी नवंबर महीने में ही शुरू हो जाती थी, लिहाजा देरी के चलते किसान परेशान हैं.

Intro:गौरव तिवारी /पामगढ़/जांजगीर-चांपा/12.11.2019

एंकर-
दीपावली में धान पकने के बाद किसान फसळ की लुआई- मिसाई कर धान को घर में ढेर कर रखे हैं।लेकिन धान खरीदी में अभी देरी होने कारण कई समस्याओं का सामना किसान कर रहे हैं । आगे चलकर यह समस्या कम होने के बजाय और भी बढ़ेगी। क्योंकि एक तरफ किसान जहां धान के सूखने व वजन कम होने से चिंतित है तो धान खरीदी में अभी और देरी होने और मंडी होने वाली भारी भीड़ को लेकर भी चिंतित है| किसानों को नुकसान पहुंचाने में चूहा भी पीछे नहीं है।

दिवाली त्योहार के बाद किसानों का धान पक कर लगभग पूरी तरह तैयार से हो जाता है और नवंबर माह में लुवाई-मिसाई का काम लगभग खत्म होने को है। किसान मिसाई के बाद अपने धान को सबसे पहले कृषि मंडी ले जाते हैं किंतु इस बार राज्य सरकार के नियमों के चलते मंडी का दरवाजा अभी तक नहीं खुला है। जिसके कारण किसानों को अपना धान घर में रखना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि घर में ज्यादा दिन तक धान रखने पर सूख कर वजन कम हो जाता है। साथ ही चूहों के कारण उन्हें नुकसान हो रही है वह अलग।

धान खरीदी में इस बार 1 महीने की देरी।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार इस बार 1 दिसंबर से धान खरीदी का काम करने जा रही है। जबकि विगत वर्ष 1 नवंबर राज्य स्थापना दिवस के मौके पर ही धान खरीदी का शुभारंभ कर दिया था। जिससे किसान धान मिसाई के बाद तुरंत अपने धान को मंडी ले जाते थे।

कृषि मंडियों में इस बार भारी भीड़ की आशंका।

धान खरीदी में देरी के चलते मंडियों में किसानों को इस बार भारी भीड़ का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सारे किसान अभी अपने धान को घरों में ही रख रहे हैं और जैसे ही धान खरीदी चालू कि जाएगी तब सारे किसान एक साथ मंडियों में अपने धान को लेकर पहूंच जाएंगे। इससे मंडी में जाम की नौबत आएगी और भारी विकट स्थिति के कारण किसानों को एक बार फिर धान बेचने में देरी होने का सामना करना पड़ेगा इन सारी समस्याओं को लेकर किसान भारी चिंता में है आने वाले दिनों में होने वाली परेशानियों को लेकर अपना दुख प्रकट कर रहे हैं।
बाइट- राधेश्याम किसान
बाइट- मोहनलाल किसानBody:.....Conclusion:.....
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