जांजगीर-चांपा: कोविड-19 केयर सेंटर में इन दिनों कोरोना से संक्रमित मरीजों के फांसी लगाने की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते गुरुवार को जिले के दिव्यांग स्कूल में संचालित कोविड-19 केयर सेंटर में एक कोरोना संक्रमित मरीज ने फांसी लगा ली थी. युवक मालखरौदा क्षेत्र के जमगहन गांव का रहने वाला था. जिसे कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर 4 अगस्त को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब मरीज की मौत से स्वास्थ्य विभाग पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
मामले में सीएमएचओ (CMHO) डॉक्टर एसआर बंजारे का कहना है कि 'जो मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं उसे तो हमें भर्ती करना ही पड़ेगा.' उन्होंने बताया कि मरीज आने को तैयार नहीं था. उसे जैसे-तैसे समझा-बूझाकर अस्पताल लाया गया. मरीज के साथ उसकी मां को भी हॉस्पिटल लाया गया था. उन्हें एहतियात के तौर पर दवाई भी दी जा रही थी. इसी दौरान संक्रमित युवक ने शौचालय में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. इस घटना में आत्महत्या का कारण अभी तक नहीं पता चल सका है. साथी मरीजों ने बताया कि युवक डिप्रेशन था, लेकिन डिप्रेशन में क्यों था, इसके बारे में भी अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है.
जिले में 44 कोरोना कोरोना संक्रमित
इधर, लोगों का आरोप है कि मरीज को बिना कोविड-19 के लक्षण के भर्ती किया गया था. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल उठने लगे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, जिले में ऐसे मरीजों को भी भर्ती किया जा रहा है, जिसमें कोरोना के लक्षण नहीं, लेकिन वो पॉजिटिव हैं. ऐसे मरीजों को एसिम्टोमैटिक मरीज कहा जाता है. जिले में कुल 44 कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जिसमें 42 एसिम्टोमैटिक मरीज हैं. जिस युवक ने खुदकुशी की है, वो भी एसिम्टोमैटिक मरीज ही था.