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जांजगीर-चांपा: रामनामी मेले में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अखिल भारतीय रामनामी महासभा की ओर से आयोजित रामनामी मेले का उद्घाटन किया.

Chief Minister Bhupesh Baghel inaugurated Ramnami fair
रामनामी मेले में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूुपेश बघेल
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Published : Jan 7, 2020, 7:31 AM IST

Updated : Jan 7, 2020, 7:58 AM IST

जांजगीर-चांपा: मालखरौदा ब्लॉक के पिकरिपार गांव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को अखिल भारतीय रामनामी महासभा की ओर से आयोजित रामनामी मेले का उद्घाटन करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों से रामनाम का महत्व साझा किया.आयोजन में मुख्यमंत्री ने भजन मेले का शुभारंभ भी किया. बता दें की रामनामी पंथ के अनुयायी अपने पूरे शरीर पर रामनाम का गोदना (टैटू) बनाकर रखते हैं.

रामनामी महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री

इस दौरान उनके साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और स्थानीय विधायक रामकुमार यादव भी मौजूद रहे. रामनामी मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ के संस्कृति में राम बसा हुआ है, यहां किसी भी काम की शुरुआत राम के नाम से किया जाता है. राम यहां के भांजे है क्योंकि माता कौशल्या का मायका है. इसलिए राम हमें और हम राम को सबसे ज्यादा प्रिय हैं.

पढ़ें : बेमेतरा नगर पालिका में क्रॉस वोटिंग की वजह से कांग्रेस की जीत

रामनाम पंथ ने मुख्यमंत्री से समाज के लिए रायपुर में जमीन की मांग की, जिसकी मुख्यमंत्री ने घोषणा तो नहीं की, लेकिन इसके लिए बैठक में चर्चा करने का आश्वासन जरूर दिया है.

जांजगीर-चांपा: मालखरौदा ब्लॉक के पिकरिपार गांव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को अखिल भारतीय रामनामी महासभा की ओर से आयोजित रामनामी मेले का उद्घाटन करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों से रामनाम का महत्व साझा किया.आयोजन में मुख्यमंत्री ने भजन मेले का शुभारंभ भी किया. बता दें की रामनामी पंथ के अनुयायी अपने पूरे शरीर पर रामनाम का गोदना (टैटू) बनाकर रखते हैं.

रामनामी महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री

इस दौरान उनके साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और स्थानीय विधायक रामकुमार यादव भी मौजूद रहे. रामनामी मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ के संस्कृति में राम बसा हुआ है, यहां किसी भी काम की शुरुआत राम के नाम से किया जाता है. राम यहां के भांजे है क्योंकि माता कौशल्या का मायका है. इसलिए राम हमें और हम राम को सबसे ज्यादा प्रिय हैं.

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रामनाम पंथ ने मुख्यमंत्री से समाज के लिए रायपुर में जमीन की मांग की, जिसकी मुख्यमंत्री ने घोषणा तो नहीं की, लेकिन इसके लिए बैठक में चर्चा करने का आश्वासन जरूर दिया है.

Intro:रामनामी मेले में शामिल हुए मुख्यमंत्री.. बताया रामनाम का महत्व..
अखिल भारतीय रामनामी महासभा द्वारा आयोजित बड़े भजन मेले का किया शुभारंभ
मालखरौदा ब्लाक के पिकरिपार गांव में आयोजित हो रहा है मेला
रामनामी पंथ के अनुयायी अपने पूरे शरीर पर राम नाम का गोदना(टैटू) बनाकर रखते हैं...
राम की महिमा बताने आदिकाल से रामनामी लिखते हैं पूरे शरीर मे रामनाम..
एंकर- जांजगीर चांपा जिले में तीन दिवसीय रामनामी मिले का उद्घाटन करने आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जांगीर चांपा जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पिकरिपार गांव पहुंचे इस दौरान उनके साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और स्थानीय विधायक रामकुमार यादव भी मौजूद रहे है। रामनामी मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के संस्कृति में राम बसा हुआ हैं, यहां किसी भी काम की शुरुवात राम के नाम से किया जाता है। राम यहां के भांजे है..माता कौशल्या का मायका है। यहां रामवनगमन क्षेत्र है। इस लिए राम हमे और हम राम को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। राम किसी एक धर्म या जाति के नही बल्कि समूचे मानव जाति के हैं। कार्यक्रम के दौरान रामनामियों ने राजधानी रायपुर में रामनामी समाज के नाम पर जमीन की मांग.. की गई। इस पर आचार संहिता की वजह से मंच से घोषणा नही की गई मगर सभी मांगों को रायपुर में बैठ कर चर्चा के बाद सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान एनआरसी और सीएए पर भी खुलकर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार की नीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
बाइट-1 भूपेश बघेल सीएम (रामनामी मेले के बारे में)
बाइट-2 भूपेश बघेल सीएम( एनआरसी मुद्दे पर)Body:,,,,,,Conclusion:,,,,,,
Last Updated : Jan 7, 2020, 7:58 AM IST
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