जांजगीर: जिले के जैजैपुर जनपद पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर तो बना दिए गए लेकिन अब तक उनमें शौचालय नहीं बनाए गए. जिससे आज भी हितग्राही खुले में ही शौच जाने को मजबूर हैं.
जनपद पंचायत जैजैपुर के अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में 500 से भी ज्यादा प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही है. जो शौचालय विहीन आवास में रहने को मजबूर हैं, और आज भी खुले में शौच के लिए विवश है. ग्राम पंचायत मुक्ता, बेलकरी, आमगांव, देवरघटा, करही नागारीडीह, सहित तीन दर्जन ऐसी पंचायतें हैं, जहां प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही शौचालय निर्माण को लेकर परेशान हैं.
यहां छत तो है, लेकिन शौचालय नहीं
जैजैपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन के तहत 78 पंचायतों के अंतर्गत 103 गांवों में वर्ष 2016 से युद्ध स्तर पर खुले में शौच मुक्त गांव बनाने का अभियान चलाया गया. गांव-गांव, घर-घर में इसे एक मिशन के तहत प्रचार-प्रसार किया गया. ग्रामीणों में जन जागरण अभियान चलाते हुए उन्हें शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहित करते हुए खुद शौचालय निर्माण करने पर अनुदान राशि देने की भी बात कही गई. अब साल भर बीतने के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर खुद के व्यय से शौचालय निर्माण कराने वाले हितग्राही अनुदान राशि के लिए जनपद कार्यालयों के चक्कर लगा रहे है तो वहीं जनपद क्षेत्र में अधिकतर पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही शौचालय निर्माण को लेकर आवेदन देते थक चुके है.
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प्रधानमंत्री आवास में शौचालय नहीं !
प्रधानमंत्री आवास में शौचालय निर्माण नहीं होने से हितग्राही काफी परेशान देखे जा रहे हैं. पीड़ित हितग्राहियों ने ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत में शौचालय निर्माण की मांग को लेकर कई बार आवेदन दिया, लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही को शौचालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिससे केंद्र सरकार की जन हितैषी योजना जमीनी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है.
डिजीटल इंडिया में भी खुले में शौच
ETV BHARAT से पीड़ित हितग्राहियों ने बताया उन्हें तीन साल से भी ज्यादा समय इसी तरह गुजारते हो गया है, शौचालय नहीं होने के कारण हर मौसम में उन्हें खुले में ही दूर-दूर जाना पड़ रहा है. कई हितग्राहियों का कहना है कि पहले उन्हें शौचालय के लिए प्रेरित किया गया और जब उन्होंने खुद के खर्च से शौचालय बनवा लिया तो अब राशि के लिए भटकना पड़ रहा है.
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'शौचालय विहीन आवास का कोई औचित्य नहीं '
प्रधानमंत्री आवास में शौचालय निर्माण को लेकर आशा किरण स्वयंसेवी संस्था के संरक्षक एवं सेवानिवृत्त पंचायत अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के साथ ही शौचालय निर्माण का कार्य होना चाहिए. जिससे हितग्राहियों को भटकना न पड़े. आवास के साथ शौचालय निर्माण का बजट बनाकर शासन स्तर पर स्वीकृति प्रदान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शौचालय विहीन आवास का कोई औचित्य नहीं है.
ETV BHARAT ने जब योजना के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों से बात की तो उन्होंने शौचालय विहीन आवासों की जानकारी मंगाने की बात कहते हुए इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, अब देखने वाली बात होगी कि फाइल कब तक पहुंचती है और अब कब इस पर कार्रवाई होती है?
ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव, घर-घर शौचालय बनाने पर जोर दिया गया. 2016 से 2019 तक पूरे प्रदेश को खुले में शौच मुक्त करने का अभियान चला. जिले में भी व्यापकस्तर पर पहल हुई और करोड़ों रुपये भी बहाए गए, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जरा भी नहीं बदली है. आज भी जिले के कई गांवों के लोग खुले में ही शौच कर रहे हैं.