जगदलपुर: बस्तर में 75 दिनों तक मनाए जाने वाले बस्तर दशहरा पर्व के लिए, दरभा के ककालगुर गांव से ही रथ निर्माण के लिए लकड़ियां लाई जाएगी. बस्तर के राज परिवार सदस्य और दशहरा समिति के काफी मान-मन्नौवल के बाद आखिरकार ककालगुर के ग्रामीणों ने अपने गांव से रथ निर्माण के लिए लकड़िया देने की हामी भर दी है. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने अपनी कुछ शर्ते भी रखी हैं. जिसके तहत ककालगुर गांव में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने की मांग ग्रामीणों ने रखी है. इधर अब कुछ दिनों में शहर के सिरहासार भवन में ककालगुर गांव से लकड़ी ला कर रथ निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी.
बस्तर के राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि ककालगुर गांव के ग्रामीणों ने नए रथ निर्माण के लिए अपने गांव से पेड़ काटकर लकड़ी देने से मना कर दिया था. जिसके बाद प्रशासन की ओर से लगातार ग्रामीणों को मनाया जा रहा था. हालांकि राज परिवार के सदस्य ने भी ग्रामीणों की मांग को जायज बताया था. साथ ही जिला प्रशासन को जल्द से जल्द इसमें ठोस कदम उठाने को भी कहा था. लेकिन दशहरा पर्व के लिए काफी कम समय रह गया था. ऐसे में लगातार राज परिवार के सदस्य और जिला प्रशासन समेत बस्तर सांसद दीपक बैज भी ग्रामीणों को मनाने में लगे हुए थे. आखिरकार ग्रामीणों ने अपने गांव से रथ निर्माण के लिए लकड़ी देने की हामी भी भर दी.
SPECIAL: संकट में बस्तर दशहरा, रथ के लिए लकड़ी नहीं देने की जिद पर अड़े ग्रामीण
सांसद ने दिया आश्वासन
बस्तर सांसद दीपक बैज और बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने कहा कि ग्रामीणों को गांव से लकड़ी देने के लिए मना तो लिया गया है, लेकिन ग्रामीणों ने इस दौरान कुछ शर्ते भी रखी है. जिसके तहत उनके गांव में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने को कहा गया है. जिस पर फॉरेस्ट विभाग के सहयोग से वृक्षारोपण करने की बात बस्तर सांसद ने कही है.
कम लोगों के शामिल होने की अपील
सांसद ने कहा कि ग्रामीणों में अब किसी तरह की विवाद की स्थिति नहीं है. 16 अक्टूबर को बस्तर दशहरा की शुरुआत होगी और उससे पहले ही रथ निर्माण के लिए ककालगुर से लकड़ियां लाई जाएगी. इस बार देश में फैली कोरोना महामारी को देखते हुए बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव और बस्तर सांसद दीपक बैज ने बस्तर दशहरा की रस्मों को विधि विधान के साथ निभाने की बात कही है. साथ ही ये भी कोशिश की जा रही है कि कम से कम लोग इस पर्व को देखने पहुंचे. इसके लिए जिला प्रशासन भी लोगों से गुजारिश कर रहा है.