जगदलपुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बस्तर में भी स्व सहायता समूह की महिलाओं की ओर से भी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सराहनीय पहल की जा रही है. जिले के बस्तर विकासखंड में सरस्वती स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाइयों की कलाइयों पर बांधे जाने वाली राखियां तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि हर साल ज्यादा संख्या में बाहरी देशों से राखियां आयात होती थी. लेकिन बस्तर कलेक्टर के निर्देशानुसार और जनपद पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में 'स्वदेशी अपनाओ भारत को आत्मनिर्भर बनाओ' नारे को मूर्त रूप देते हुए स्व सहायता समूह की महिलाएं बड़े की लगन और स्नेह से राखियां बनाकर बेच रही हैं.
बस्तर विकासखंड के लगभग 10 से ज्यादा स्व सहायता समूह की महिलाएं कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाहर से राखी की आवक नहीं होने के चलते खुद राखी बनाकर इसे बाजार में बेच रही हैं, इससे उन्हें अच्छी आय भी हो रही है. सरस्वती स्व सहायता समूह की महिला सदस्य हीरामती ठाकुर ने बताया कि समूह में लगभग 11 महिलाएं हैं जो राखी बनाकर इसे गांव के ही हाट बाजारों में छोटे-छोटे दुकानों और शासन के जितने भी कार्यक्रम हो रहे हैं वहां पर स्टॉल लगाकर बेच रहे हैं. उनकी बनाई सुंदर राखियां कम दर पर उपलब्ध होने से लोगों को काफी लुभा रही है.
पढ़ें- जेल में बंद भाइयों से बहने रक्षाबंधन पर कर सकेंगी बात, गृह मंत्री ने दी सौगात
महिलाओं को मिल रहा प्रशासन का साथ
जनपद सीईओ जयभान सिंह राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 10 से ज्यादा महिला स्व सहायता समूह द्वारा राखियों का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें बस्तर विकासखंड के सरस्वती स्व सहायता समूह द्वारा राखी बनाकर इसे बाजार में कम कीमत पर बेचा जा रहा है. इसके लिए उन्हें जनपद पंचायत से भी पूरा सहयोग मिल रहा है. ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे हैं इन राखियों कि ज्यादा से ज्यादा बिक्री हो और उन्हें इससे अच्छी आय हो इसके लिए स्व समूह की महिलाओं को शासकीय आयोजनों के साथ-साथ हाट बाजार और सरकारी कार्यालयों में राखी बिक्री करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब बस्तर विकासखंड की ग्रामीण महिलाएं एकजुट होकर राखी के बनाने के काम में लगे हुए हैं