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जगदलपुर: फिर विवादों में घिरे जिला शिक्षा अधिकारी, अतिथि शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी का आरोप

जगदलपुर से जिला शिक्षा अधिकारी के मनमानी का मामला सामने आया है, जहां अतिथि शिक्षको की नियुक्ति में गड़बड़ी हो रही है. यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय का घेराव कर अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करते यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता
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Published : Aug 22, 2019, 11:51 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी लगातार विवादों में बने हुए हैं. चाहे शिक्षकों का संलग्नीकरण का मामला हो या गलत तरीकों से शिक्षकों का तबादला का मामला हो. इन विवादों में एक और नया विवाद जुड़ गया है. यह मामला बस्तर में हुए अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर है.

अतिथि शिक्षकों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने दो दिन पहले ही जिले के शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सूची जारी की है. इस सूची में भारी गड़बड़ी करने के आरोप पूर्व अतिथि शिक्षकों ने लगाया है. गुरुवार को यूथ कांग्रेस के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करने पंहुचे प्रभावित अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

अतिथि शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी

पात्र लोगों को भी अपात्र कर दिया गया है- हेमंत कश्यप
यूथ कांग्रेस के नेता हेमंत कश्यप ने जिला शिक्षा अधिकारी पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने पात्र लोगों को अपात्र बता दिया है. वहीं कुछ लोगों का नाम चयन सूची में आने के बाद भी उनकी जगह किसी और को नियुक्त कर दिया है. इतना ही नहीं अधिकारी ने पहले से वहां पदस्थ बस्तर के स्थानीय अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करते हुए उन्हें उनके कार्यभार से मुक्त कर दिया है, जो कि नियमों के खिलाफ है. हेमंत का कहना है कि अधिकारी ने बस्तर के युवाओं को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगों को नियुक्त किया है.

70 से अधिक शिक्षक पात्र नहीं
पूर्व अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जिले में ऐसे 70 से अधिक शिक्षक हैं जिनके नाम चयनसूची में आने के बाद उन्हें पात्रता सूची से हटा दिया गया है. जबकि वे पिछले 2 सालों से नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नियम के अनुसार उन्हें पहले पात्रता मिलनी चाहिए. उनके नाम चयनलिस्ट में जारी किये गये है लेकिन पात्रता की सूची से नाम हटा दिया गया है. अतिथि शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत करने और जालसाजी कर उन्हें लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया है.

सीएम ने की थी नियुक्ति की घोषणा
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सीएम भूपेश बघेल ने यह घोषणा की थी कि प्रदेशभर में शासकीय कार्यालयों में नए पदों में भर्तियां की जाएंगी. इन भर्तियों में सबसे पहले स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद मंत्रालय ने भी 2018 - 19 में भर्ती हुए स्थानीय अतिथि शिक्षकों को उनके ही क्षेत्र में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था. लेकिन आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने मंत्रालय के आदेश की अवहेलना करते हुए अपनी मनमानी यहां जारी रखी हुई है.

जगदलपुर: बस्तर जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी लगातार विवादों में बने हुए हैं. चाहे शिक्षकों का संलग्नीकरण का मामला हो या गलत तरीकों से शिक्षकों का तबादला का मामला हो. इन विवादों में एक और नया विवाद जुड़ गया है. यह मामला बस्तर में हुए अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर है.

अतिथि शिक्षकों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने दो दिन पहले ही जिले के शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सूची जारी की है. इस सूची में भारी गड़बड़ी करने के आरोप पूर्व अतिथि शिक्षकों ने लगाया है. गुरुवार को यूथ कांग्रेस के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करने पंहुचे प्रभावित अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

अतिथि शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी

पात्र लोगों को भी अपात्र कर दिया गया है- हेमंत कश्यप
यूथ कांग्रेस के नेता हेमंत कश्यप ने जिला शिक्षा अधिकारी पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने पात्र लोगों को अपात्र बता दिया है. वहीं कुछ लोगों का नाम चयन सूची में आने के बाद भी उनकी जगह किसी और को नियुक्त कर दिया है. इतना ही नहीं अधिकारी ने पहले से वहां पदस्थ बस्तर के स्थानीय अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करते हुए उन्हें उनके कार्यभार से मुक्त कर दिया है, जो कि नियमों के खिलाफ है. हेमंत का कहना है कि अधिकारी ने बस्तर के युवाओं को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगों को नियुक्त किया है.

70 से अधिक शिक्षक पात्र नहीं
पूर्व अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जिले में ऐसे 70 से अधिक शिक्षक हैं जिनके नाम चयनसूची में आने के बाद उन्हें पात्रता सूची से हटा दिया गया है. जबकि वे पिछले 2 सालों से नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नियम के अनुसार उन्हें पहले पात्रता मिलनी चाहिए. उनके नाम चयनलिस्ट में जारी किये गये है लेकिन पात्रता की सूची से नाम हटा दिया गया है. अतिथि शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत करने और जालसाजी कर उन्हें लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया है.

सीएम ने की थी नियुक्ति की घोषणा
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सीएम भूपेश बघेल ने यह घोषणा की थी कि प्रदेशभर में शासकीय कार्यालयों में नए पदों में भर्तियां की जाएंगी. इन भर्तियों में सबसे पहले स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद मंत्रालय ने भी 2018 - 19 में भर्ती हुए स्थानीय अतिथि शिक्षकों को उनके ही क्षेत्र में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था. लेकिन आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने मंत्रालय के आदेश की अवहेलना करते हुए अपनी मनमानी यहां जारी रखी हुई है.

Intro:जगदलपुर। बस्तर जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी लगातार विवादों में बने हुए है। चाहे शिक्षकों का संलग्नीकरण का मामला हो या गलत तरीकों से शिक्षकों का तबादला का मामला हो। इन विवादों मे एक और नया विवाद जुड़ गया है। ताजा मामला बस्तर में हुए अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर है।
 



Body:दरअसल जिला के शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने दो दिन पूर्व ही जिले के शासकीय स्कूलो मे अतिथि शिक्षको की नियुक्ति के लिए सूची जारी की है। और इस सूची मे भारी गडबडी करने के आरोप पूर्व अतिथि शिक्षको ने लगाया है, आज युथ कांग्रेस के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करने पंहुचे प्रभावित अतिथि शिक्षको ने शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, युथ कांग्रेस के नेता हेमंत कश्यप ने जिला शिक्षा अधिकारी पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने पात्र लोगों को अपात्र बता दिया है, और कुछ लोगों का नाम चयन सूची में आने के बाद भी उनकी जगह किसी और को नियुक्त कर दिया है। 


Conclusion:इतना ही नही अधिकारी ने पहले से वहां पदस्थ बस्तर के स्थानीय अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करते हुए उन्हें उनके कार्यभार से मुक्त कर दिया है। जो कि नियम के खिलाफ है। हेमंत का कहना है कि अधिकारी ने बस्तर के युवाओं को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगो को बस्तर में नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी पहले भी कई मामलों को लेकर लगातार विवादों में बने हुए है। यंहा तक कि  जिला शिक्षा अधिकारी ने मंत्रालय के गाइडलाइन को भी अनदेखा करते हुए बस्तर के युवाओं को रोजगार से वंचित कर दिया है। युथ कांग्रेस के नेता हेमंत कश्यप ने जिला शिक्षा अधिकारी को नियुक्तियों को रद्द कर नई सूची जारी करने की मांग के साथ उसमें बस्तर के युवाओं को प्राथमिकता देने की बात कही है। वरना उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
इधर पूर्व अतिथि शिक्षको ने बताया कि जिले मे ऐसे 70 से अधिक शिक्षक है जिनके नाम चयनसूची मे आने के बाद उन्हे पात्रता सूची से हटा दिया गया है, जबकि वे पिछले 2 सालो से नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे थे। और नियम अनुसार उन्हे पहले पात्रता मिलनी चाहिए उनके नाम चयनलिस्ट मे जारी किये गये है लेकिन पात्रता की सूची से नाम हटा दिया गया है,अतिथि शिक्षको ने जिला शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत करने और जालसाजी कर उन्हे लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया है।
 प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सीएम भूपेश बघेल ने यह घोषणा की थी कि प्रदेशभर में शासकीय कार्यालयों में नए पदों में भर्ती की जाएगी। इन भर्तियों में सबसे पहले स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद मंत्रालय ने भी 2018 - 19 में भर्ती हुए स्थानीय अतिथि शिक्षकों को उनके ही क्षेत्र में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने मंत्रालय के आदेश की अव्हेलना करते हुए अपनी मनमानी यहां जारी रखी हुई है। वही मीडिया के पंहुचने की सूचना मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी समेत जिम्मेदार अधिकारी कार्यालय से नदारद हो गये।  
बाईट1- हेमंत कश्यप, युथ कांग्रेस नेता
बाईट2- अरूण बंजारे, पूर्व अतिथि शिक्षक
बाईट3- सरिता यादव,पूर्व अतिथि शिक्षक  
 
 
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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