जगदलपुर : आदिवासी बाहुल्य व नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग में लगातार मलेरिया से निपटने के लिए लगातार कई हथकंडे सरकारी विभागों के द्वारा अपनाया जा रहा है. इसके बावजूद भी बस्तर संभाग के सभी जिलों में मलेरिया के मामले लगातार निकलकर सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि बीते दिनों बीजापुर जिले के एक पोटाकेबिन में एक मासूम की मौत हो गई थी. इसके साथ ही नक्सली मोर्चे पर तैनात CRPF का एक जवान मलेरिया से जूझ रहा है, जिसे सोमवार को बस्तर से दिल्ली एम्स में एयर एम्बुलेंस के तहत रवाना किया गया है.
जिंदगी के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर : बीजापुर में पदस्थन सीआरपीएफ जवान अकन राव की 26 जुलाई को अचानक तबीयत बिगड़ी. उसे तेज बुखार की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद 28 जुलाई को उसे जगदलपुर के डिमरापाल अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अस्पताल में जवान की स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही थी. जिसके देखते हुए आज सोमवार 31 जुलाई को बस्तर पुलिस ने बस्तर के इतिहास में पहली दफा डिमरापाल अस्पताल से दंतेश्वरी एयरपोर्ट तक करीब 11 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया. ताकि जवाब को जल्द ही एयरपोर्ट पहुंचाया जा सके. इधर जवान की बिगड़ती स्थित को देखते हुए केंद्र सरकार ने एयर एम्बुलेंस जगदलपुर भेजा था, जिसमें जवान को दिल्ली एम्स में पहुंचाया गया.
इस रास्तों को बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर: ग्रीन कॉरिडोर में जवान को लेकर एम्बुलेंस वाहन डिमरापाल अस्पताल से निकली जो पंडरीपानी, परपा, टेटरखूंटी, गुरु गोविंद सिंह चौक, चांदनी चौक, माड़िया चौक होते हुये एयरपोर्ट पहुंची. इस दौरान सुरक्षाबल के जवानों को चप्पे चप्पे पर तैनात कर दिया गया था, ताकि रास्ते में कोई अड़चन न आने पाए.
CRPF जवान की स्थित बेहद ही खराब थी, जिसके बाद डिमरापाल अस्पताल में डॉक्टरों के द्वारा स्टेबलाइजेशन किया गया और डिमरापाल अस्पताल में आगे की चिकित्सा की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें दिल्ली एम्स में शिफ्ट करना पड़ा. इसके लिए एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई. साथ ही डिमरापाल अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. ताकि मरीज़ को जल्द से जल्द एयरपोर्ट पहुंचाया जा सकें. इसके बाद उन्हें एयर एम्बुलेंस के माध्यम से दिल्ली रवाना किया गया. -विकास कुमार, जगदलपुर सीएसपी
दरभा और किलेपाल बना मलेरिया जोन : बस्तर में मलेरिया उन्मूलन का आखिरी चरण चल रहा है. आखिरी चरण में 3 लाख 46 हजार लोगों की घर-घर जाकर ब्लड जांच की गई है. इनमें करीब 700 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले हैं. लेकिन दरभा और किलेपाल में सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज अब भी हैं. इनमें सबसे ज्यादा 300 मरीज दरभा ब्लॉक के हैं. डॉक्टरों की मानें तो दरभा क्षेत्र के क्लाइमेट के कारण मादा एनाफिलिज मच्छर सबसे ज्यादा पनप रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को मलेरिया से बचने के लिए जागरूक कर रही है. ग्रामीणों से जमे हुए पानी को साफ करने और सोने से पहले मच्छरदानी के इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है.