जगदलपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के एक सवाल पर अपने ही पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता अरविंद नेताम को आड़े हाथों लिया है. दरअसल, नेताम बोधघाट परियोजना का विरोध कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपनी पूरी जिंदगी जी चुके हैं और पूरा लाभ ले चुके हैं. आज उनके पास पेट्रोल पंप है, खेत है और उनके परिवार में सभी के पास सरकारी नौकरी है.
सीएम ने कहा कि मैंने उनसे पहले ही पूछा था कि बोधघाट परियोजना का विरोध क्यों कर रहे हैं, नेताम ने कहा कि यह हाइड्रो प्रोजेक्ट है. जिस पर मुख्यमंत्री ने साफ किया कि यह केवल सिंचाई के लिए बन रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि बस्तर का प्रत्येक आदिवासी अरविंद नेताम, सांसद दीपक बैज और विधायक राजमन बेंजाम जैसे आर्थिक रूप से मजबूत बने. इसके लिए उनके खेतों तक पानी पहुंचना जरूरी है. यदि इसके अलावा अरविंद नेताम के पास कोई और रास्ता है तो बताएं ?
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दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम और सर्व आदिवासी समाज बस्तर में प्रस्तावित बोधघाट सिंचाई परियोजना का विरोध कर रहे हैं. अरविंद नेताम का मानना है कि बस्तर के गांव इस परियोजना से उजड़ जाएंगे. उनका कहना है कि बस्तर का भला न हो ऐसी परियोजना की जरूरत ही क्या है. अरविंद नेताम ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि 40 साल पहले कांग्रेस की ही सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी देने से मना कर दिया था. अब कांग्रेस की ही सरकार इसे मंजूरी दे रही है. नेताम ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार जमीनी स्तर के पहलुओं से अनजान है. क्योंकि जो बस्तर पहले था, आज भी उसकी भौगोलिक बनावट वैसी ही है.
'आदिवासियों को मिलेगा रोजगार'
मुख्यमंत्री ने इस दौरान एक बड़ी घोषणा करते हुए जगदलपुर में सिंचाई विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता की पदस्थापना करने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई परियोजना से बस्तर के आदिवासियों को रोजगार मिलेगा और पलायन रूकेगा.