बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीटें हैं. फिलहाल इन 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इनमें से एक बस्तर विधानसभा सीट पर आदिवासियों की संख्या 70 फीसदी होने के कारण इसे आदिवासियों के लिए आरक्षित कर दिया गया. इसके बाद साल 2008 में भाजपा के प्रत्याशी सुभाऊ राम कश्यप ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. हालांकि अब इस सीट पर पिछले 10 सालों से कांग्रेस प्रत्याशी लखेश्वर बघेल का कब्जा है. इस सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी चुन लिया है. मनीराम कश्यप पर बीजेपी ने इस बार भरोसा जताया है. मनीराम ने दावा किया है वो आगामी विधानसभा में पार्टी को निराश नहीं करेंगे.
जानिए कौन हैं मनीराम कश्यप: मनीराम कश्यप का जन्म 6 अगस्त 1068 में छोटे से गांव ग्राम पंचायत लामकेर में हुआ. जिसके बाद मनीराम कश्यप ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई लामकेर के स्कूल से पूरी की. 6वीं से बारहवीं तक जगदलपुर के छात्रावास में रहकर बस्तर हाईस्कूल में पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने बस्तर यूनिवर्सिटी के पीजी कॉलेज में राजनीति संकाय से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. टिकट मिलने के बाद मनीराम कश्यप ने कांग्रेस पर हमला बोला है.
लखेश्वर बघेल हैं मौजूदा विधायक : बस्तर के मौजूदा विधायक लखेश्वर बघेल हैं.बस्तर बीजेपी का गढ़ माना जाता था. 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी बस्तर से डॉ. सुभाउराम कश्यप को टिकट दिया गया. लेकिन कांग्रेस ने चेहरा बदला और लखेश्वर बघेल को चुनाव मैदान में उतारा. इस चुनाव में भी बीजेपी के प्रत्याशी सुभाउराम कश्यप को जीत मिली. लखेश्वर बघेल को हार का सामना करना पड़ा. 2013 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी ने सुभाउराम कश्यप को ही टिकट दिया. वहीं कांग्रेस ने भी लखेश्वर बघेल को ही चुनावी मैदान में खड़ा किया. लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में लखेश्वर बघेल ने सुभाउराम कश्यप को भारी मतों के अंतर से हराया. 2018 में भी फिर से बीजेपी ने सुभाउराम को और कांग्रेस ने लखेश्वर बघेल को टिकट दिया. परिणाम वही रहा 2018 के चुनाव में भी लखेश्वर बघेल ने दोबारा इस सीट से जीत हासिल की.
बस्तर विधानसभा सीट को जानिये: बस्तर विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस सीट पर करीब 90 फीसद आबादी आदिवासियों की है. 70 फीसद भतरा जाति के लोग है. 20 फीसद मुरिया जाति और 10 फीसद माहरा-सामान्य लोग रहते हैं. भतरा जाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक होने के कारण पार्टियों का फोकस भी इसी जाति के लोगों पर रहता है. पिछले साल भी भतरा जाति के सुभाऊ राम कश्यप को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था.
क्या हैं मुद्दे और समस्याएं: बस्तर विधानसभा में मुख्य समस्या फ्लोराइड युक्त पानी की है. यहां के अधिकतर पंचायतों में लाल पानी आता है. इस पानी को पीकर विधानसभा के ग्रामीण गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं. इसके अलावा बस्तर विधानसभा के भोंड इलाके के ऊपरी हिस्से में पानी और बिजली की समस्या बनी हुई है. इस इलाके को ड्राई जोन इलाका भी कहा जाता है. साथ ही इस विधानसभा में बस्तर नगर पंचायत भी मुख्य मुद्दा बना हुआ है. इस नगर पंचायत में 15 वार्ड है और विधानसभा के ग्रामीण नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इस मांग को लेकर ग्रामीणों ने रायपुर तक पदयात्रा भी की थी. इसके अलावा इस विधानसभा में उद्योग की मांग भी बड़ा मुद्दा है, क्योंकि इस विधानसभा की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है.
2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बस्तर विधानसभा सीट पर 58 फीसद वोटिंग हुई . कांग्रेस के उम्मीदवार लखेश्वर बघेल को 74378 वोट मिले थे. भाजपा के उम्मीदवार सुभाऊ राम कश्यप को 40907 वोट मिले. कांग्रेस को 58 फीसद वोट मिले, जबकि भाजपा का 32 फीसद वोट मिले हैं. साल 2018 में भाजपा उम्मीदवार सुभाऊ राम कश्यप को हराकर कांग्रेस के लखेश्वर बघेल ने जीत हासिल की थी.
भतरा समाज है विनिंग फैक्टर: बस्तर विधानसभा सीट आदिवासियों की आरक्षित है. इस विधानसभा में भतरा समाज के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. इसमें मुरिया, माहरा, सुंडी व अन्य समाज के लोग शामिल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार भतरा समाज से थे. इससे पहले साल 2008 में इस विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी सुभाऊ राम कश्यप चुनकर आए थे. 2013 में समाज के लोगों ने कांग्रेस के प्रत्याशी लखेश्वर बघेल को अपना समर्थन दिया था. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी समाज के लोगों ने लखेश्वर बघेल का साथ दिया था. इसी कारण लखेश्वर बघेल ने 33471 वोटों से जीत दर्ज की थी.