जगदलपुर: नगरनार में निर्माणाधीन NMDC स्टील प्लांट को डीमर्जर किए जाने के विरोध में बीते 26 अक्टूबर से स्टील प्लांट के सामने मजदूर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. मजदूर संगठन को समर्थन देने गुरुवार को बस्तर सांसद दीपक बैज, जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन, बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल और नारायणपुर विधायक चन्दन कश्यप समेत सभी कांग्रेस के जनप्रतिनिधि धरना स्थल पहुंचे. दरअसल, लगभग 23 हजार करोड़ की से बन रहे बस्तर के पहले स्टील प्लांट से बस्तर के बेरोजगार युवाओं और ग्रामीणों को काफी उम्मीदें थीं. लेकिन प्लांट के शुरू होने पहले ही इसे निजी हाथों में सौंपने की सुगबुगाहट शुरू हो गई और अब इसे एनएमडीसी से डि-मर्जर कर दिया गया है.
यह फैसला केंद्र सरकार का है और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार इसका पुरजोर विरोध कर रही है. बस्तर के स्थानीय जनप्रतिनिधि लगातार यहां सक्रिय मजदूर संगठन के विरोध का समर्थन करने पहुंच रहे हैं. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा के बेटे और सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने भी डी-मर्जर का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया था.
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बस्तर से दिल्ली तक लड़ेंगे लड़ाई
धरना को समर्थन देने पहुंचे बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा कि केंद्र सरकार ने बस्तर के आदिवासियों के साथ छल किया है. इससे पहले बस्तर में उद्योगों का लगातार विरोध किया जाता रहा है और यही वजह है कि टाटा को यहां से लौटना पड़ा. लेकिन नगरनार स्टील प्लांट को लेकर बस्तरवासियों ने अपना भरोसा जताया था और अपनी जमीन दी थी. बस्तर औद्योगीकरण की ओर बढ़ रहा था, लेकिन एनएमडीसी और केंद्र के इस रवैये ने आदिवासियों का भरोसा तोड़ दिया है. दीपक बैज का कहना है कि निजीकरण के खिलाफ इस लड़ाई को बस्तर से दिल्ली तक लड़ा जाएगा. आवश्यकता पड़ी तो बस्तर के सभी जनप्रतिनिधि दिल्ली भी जाएंगे और बस्तर की बात रखेंगे.