जगदलपुर: आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में लोग पैसेंटर ट्रेन के लिए आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलनकारियों का कहना है कि बिना आंदलोन के बस्तर को ट्रेन की सौगात नहीं मिली है. ऐसे में एक बार फिर पैसेंजर ट्रेन के लिए बस्तरवासी आंदोलन करते नजर आए.
9 मई को महाबंद: रावघाट जगदलपुर रेललाइन विस्तार की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से सर्वसमाज के साथ बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने बस्तर रेल आंदोलन की बैठक में निर्णय लिया था कि आगामी 9 मई को बस्तर महाबन्द किया जाएगा. इसे लेकर रेल आंदोलन के समर्थकों ने बस्तर, कोंडागांव और नारायणपुर को बंद के लिए सफल बनाने को बस्तर के साप्ताहिक बाजारों में जाकर बैनर पोस्टर लगाया. बैनर पोस्टर के माध्यम से लोगों को जानकारी दी.
बस्तर के विकास के लिए आवागमन साधन जरूरी: आंदोलनकारियों का कहना है कि बस्तर के विकास के लिए आवागमन के पुख्ता साधन की आवश्यकता है. बस्तर से हर दिन करोड़ों रूपये के लौह अयस्क सरकार ले जाती है. लेकिन पैसेंजर के नाम पर यहां अधिक सुविधा नहीं दी जाती है. लंबे समय से रावघाट जगदलपुर रेल लाइन को पूरा करने की मांग बस्तरवासी कर रहे हैं.
बस्तर महाबंद को लेकर जनजागरण: आंदोलनकारी का कहना है कि आगामी 9 मई को बस्तर महाबंद को सफल बनाने को लेकर जनजागरण चल रहा है. बस्तर की जनता में काफी आक्रोश है. बस्तर महाबंद में व्यापारियों से लेकर आम नागरिकों का समर्थन मिल रहा है. बस्तर की जनता, जो इन दिनों झंडा उठाने का काम कर रही है. यही जनता आनेवाले दिनों में जनप्रतिनिधियों से सवाल करेगी कि बस्तर से प्रतिदिन अरबो रुपयों की अर्निंग होने के बावजूद बस्तर के लोग पिछड़े हुए हैं. उसके पीछे की वजह यह है कि बस्तर में रेल लाइन की कनेक्टिविटी नहीं है.
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बस्तरवासियों ने की रेल लाइन विस्तार की मांग: आंदोलनकारियों का आरोप है कि रावघाट में खनन और दोहन लिए तेजी से रेल लाइन बिछाया गया. लेकिन इस रेल लाइन को जगदलपुर पहुंचने में कई तरह की दिक्कतें हुईं. रेलवे विभाग को रावघाट से दल्ली-राजहरा तक किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई. यह दिक्कतें केवल जगदलपुर के मैदानी इलाकों में ही हो रही है. नेताओं का ध्यान इस तरफ लाने के लिए ये आंदोलनकारी आंदोलन को उतरे हैं. आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आंदोलन के बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.