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जगदलपुर: तुषार का अविष्कार, महुए से बनाया सैनिटाइजर

लॉकडाउन के दौरान लोग एक से बढ़कर एक आविष्कार कर रहे हैं जो लोगों के लिए लाभदायक भी हैं. शहर के एक वैज्ञानिक ने महुए से सैनिटाइजर बनाया है.

scientist made sanitizer out of mahua
तुषार का अविष्कार
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Published : Apr 25, 2020, 7:13 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में महुआ के रस से शराब बनाई जाती है. लेकिन धरमपुरा में रहने वाले एक वैज्ञानिक ने इसका इस्तेमाल सैनिटाइजर बनाने में किया. महुए में एल्कोहल की मात्रा रहती है. इसलिए इसका उपयोग सैनिटाइजर बनाने में किया जा सकता है. कोरोना संकट के बीच सैनिटाइजर के सस्ते विकल्प की खोज करते हुए तुषार ने महुए के रस से सैनिटाइजर बनाया है. बता दें कि तुषार पाणिग्रही कृषि वैज्ञानिक हैं.

तुषार का आविष्कार

तुषार ने बताया कि महुए में एल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए कोरोना के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. तुषार ने बताया कि महुए के रस से बने इस सैनिटाइजर में दुर्गंध ज्यादा होती है. इसे दूर करने के लिए फ्लेवर का इस्तेमाल किया गया है. तुषार ने इस सैनिटाइजर में अदरक का रस, नींबू का रस, एलोवेरा जेल, हल्दी और लेमन ट्री का इस्तेमाल किया है. उन्होंने इसका छोटे स्तर पर प्रयोग किया है.

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महुए से बना सैनिटाइजर

इन कंटेट का हो सकता है इस्तेमाल

तुषार ने बताया कि इसे और बेहतर बनाने के लिए एल्कोहल के साथ ग्लिसरीन, प्रोपेलीन, विटामिन ई, ट्राईएथेलग्माइन, कार्बोमर प्रोपलीन, ग्लाइकोल और एल्कोहल ग्लाइकोल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. महुए के रस के साथ इन कंटेंट को भी शामिल करने पर अच्छी क्वालिटी का सैनिटाइजर बनाया जा सकता है.

सस्ते होंगे ये सैनिटाइजर

तुषार कहते हैं कि एक तरफ जहां बाजार में 200 से 300 रुपए महंगे दामों में ब्रांडेड सैनिटाइजर की बिक्री होती है. ऐसे में महुआ से बना यह सैनिटाइजर 40 से 50रु में आसानी से लोगों को उपलब्ध हो सकता है.

जगदलपुर: बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में महुआ के रस से शराब बनाई जाती है. लेकिन धरमपुरा में रहने वाले एक वैज्ञानिक ने इसका इस्तेमाल सैनिटाइजर बनाने में किया. महुए में एल्कोहल की मात्रा रहती है. इसलिए इसका उपयोग सैनिटाइजर बनाने में किया जा सकता है. कोरोना संकट के बीच सैनिटाइजर के सस्ते विकल्प की खोज करते हुए तुषार ने महुए के रस से सैनिटाइजर बनाया है. बता दें कि तुषार पाणिग्रही कृषि वैज्ञानिक हैं.

तुषार का आविष्कार

तुषार ने बताया कि महुए में एल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए कोरोना के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. तुषार ने बताया कि महुए के रस से बने इस सैनिटाइजर में दुर्गंध ज्यादा होती है. इसे दूर करने के लिए फ्लेवर का इस्तेमाल किया गया है. तुषार ने इस सैनिटाइजर में अदरक का रस, नींबू का रस, एलोवेरा जेल, हल्दी और लेमन ट्री का इस्तेमाल किया है. उन्होंने इसका छोटे स्तर पर प्रयोग किया है.

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महुए से बना सैनिटाइजर

इन कंटेट का हो सकता है इस्तेमाल

तुषार ने बताया कि इसे और बेहतर बनाने के लिए एल्कोहल के साथ ग्लिसरीन, प्रोपेलीन, विटामिन ई, ट्राईएथेलग्माइन, कार्बोमर प्रोपलीन, ग्लाइकोल और एल्कोहल ग्लाइकोल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. महुए के रस के साथ इन कंटेंट को भी शामिल करने पर अच्छी क्वालिटी का सैनिटाइजर बनाया जा सकता है.

सस्ते होंगे ये सैनिटाइजर

तुषार कहते हैं कि एक तरफ जहां बाजार में 200 से 300 रुपए महंगे दामों में ब्रांडेड सैनिटाइजर की बिक्री होती है. ऐसे में महुआ से बना यह सैनिटाइजर 40 से 50रु में आसानी से लोगों को उपलब्ध हो सकता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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